स्वरा भास्कर हमेशा से किसी भी मुद्दे पर खुलकर अपनी राय रखती हैं. कुछ दिनों पहले ही स्वरा को एक पैनल डिस्कशन के लिए बुलाया गया था, जिसमें स्वरा ने इंडस्ट्री में चल रहे #MeToo कैंपेन का मुद्दा उठाया. स्वरा भास्कर के साथ इस मौके पर अभिनेत्री दिया मिर्जा भी मौजूद थीं.
स्वरा ने उठाया #MeToo का मुद्दा
स्वरा भास्कर जब पैनल डिस्कशन में आईं तो उन्होंने कहा कि, जब लोगों ने अपने साथ हुए खौफनाक और दर्दनाक यौन उत्पीड़न की कहानी सुनाई तो उन्हें ये अहसास हुआ कि उनके साथ भी एक ऐसा किस्सा हुआ है. ‘मुझे ये समझने में 6-7 साल लग गए कि पहले जो मेरे साथ हुआ है वो सेक्शुअल हैरसमेंट था. जब लोगों ने इस बारे में बात करना शुरू किया तो मुझे इस बात का अहसास हुआ कि मेरे साथ भी वर्क प्लेस पर ऐसा हो चुका है. तब मैंने सोचा कि ओह गॉड, मेरे साथ जो 3 साल पहले हुआ था वो यौन उत्पीड़न था. जैसा आपने कहा मैं बच गई क्योंकि उसने मुझे छुआ नहीं, मैं उसे दूर करने में कामयाब रही. मैं बस खुद को ये बात समझा रही थी कि ये एक निर्देशक हैं लेकिन अब मुझे ये अहसास हो रहा है कि वो डायरेक्टर गधा और बेवकूफ नहीं था बल्कि वो एक शिकारी था.’
सही और गलत टच का फर्क सिखाना चाहिए
स्वरा ने इस मुद्दे पर आगे बात करते हुए कहा कि, ‘हमारे देश में बच्चों को बचपन से ही सही और गलत टच का फर्क सिखाना चाहिए. मेरे साथ जो हुआ उसे समझने में मुझे काफी वक्त लग गया. हमें अपने बच्चों को शुरुआत से ही ये समझाना चाहिए कि कौन सा टच सही या गलत है.’