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करणी सेना मेरी और राजपूतों की प्रतिनिधि नहीं हैं: सुशांत सिंह राजपूत

सुशांत ने कहा कि विरोध जताने के लिए सिर्फ एक दिन के लिए अपने नाम से अपना राजपूत सरनेम हटा दिया था

Runa Ashish

राजपूतों की करणी सेना को मैं अपना प्रतिनिधि नहीं मानता हूं. करणी सेना ने संजय लीला भंसाली के साथ जो किया वह बेहद शर्मनाक बात थी.

मैं एक दिन के लिए अपना सरनेम हटाकर यह बता देना चाहता था कि जो लोग राजपूतों के प्रतिनिधि बन गए हैं मैंने उन्हें अपना प्रतिनिधि नहीं बनाया है.


उन्होंने जो भी किया था वह बहुत ही शर्मनाक था. मैंने अपना विरोध जताने के लिए सिर्फ एक दिन के लिए अपने नाम से अपना राजपूत सरनेम हटा दिया था.

ये कहना है सुशांत सिंह राजपूत का जो इन दिनों अपनी फिल्म 'राब्ता' को प्रमोट करने में बिजी हैं. उन्होंने फ़र्स्टपोस्ट संवाददाता रूना आशीष से इस फिल्म और करणी सेना द्वारा की गई मारपीट के बारे में बातचीत की.

क्यों हटाया सरनेम?

सुशांत आगे कहते हैं कि जैसे ही मैंने अपना सरनेम हटाया तो कुछ लोगों ने कहा कि पूरा ही हटा दो. यह मेरे लिए बहुत ही संवेदनशील बात है. जैसे किसी के सम्मान या विरोध के लिए झंडा एक दिन के लिए झुका दिया जाता है तो क्या हमेशा के लिए झुका ही रहता है.

वैसे ही एक दिन के लिए मेरा अपने नाम से राजपूत हटाना इस बात का संकेत था कि वे लोग पूरे राजपूत समुदाय के प्रतिनिधि नहीं हैं.

हम ऐसे देश में रहते है, जहां किसी मामले में अपना विचार सामाजिक रूप से रखने पर भी हमला कर दिया जाता है. इसीलिए यहां लोग डिप्लोमैटिक जवाब देते है. आपने अगर किसी के विरोध में एक भी बयान दिया तो आपकी बजा दी जाएगी.

'पद्मावती' की शूटिंग कर रहे संजय लीला भंसाली के साथ करणी सेना के लोगों ने मारपीट की थी, इसी के विरोध में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत ने अपने नाम से 'राजपूत' सरनेम को हटाने का फैसला किया था. उन्होंने अपने ट्विटर अकांउट में इस बारे में खुलकर लिखा था.

हालांकि कुछ लोगों का ये भी मानना था कि असल मामले में सुशांत क्यों कूद पड़े.

सुशांत की फिल्म 'राब्ता' 9 जून को सिनेमाघरों में रिलीज होगी. फिल्म में उनके साथ कृति सेनन, राजकुमार राव सहित एक छोटी सी भूमिका में दीपिका पादुकोण भी नजर आएंगी. फिल्म का निर्देशन दिनेश विजन ने किया है.