सोनू निगम ने अज़ान वाले ट्वीट पर हो रही अपनी आलोचना पर प्रतिक्रिया देते हुए अपना पक्ष साफ कर दिया है.
अपने बयान को धार्मिक भावनाओं से अलग बताते हुए उन्होंने कहा कि वह अपने बयान पर कायम हैं और उनके अनुसार मंदिरों और मस्जिदों में लाउडस्पीकर का प्रयोग नहीं होना चाहिए.
इसके साथ ही उन्होंने संगीतकार वाजिद खान को भी धार्मिक भावना से ऊपर उठकर भारत का नागरिक बनने की नसीहत दी.
ऐसा नहीं है कि सभी ने सोनू निगम का विरोध किया है, उनका साथ देने के लिए भी कई बड़ी हस्तियां सामने आ रही हैं.
पाकिस्तानी मूल के लेखक तारिक फ़तेह ने सोनू का समर्थन करते हुए लिखा कि कम से कम भारत में कोई तो ऐसा इंसान है जो मुल्लाओं की जबरदस्ती के खिलाफ आवाज उठा रहा है.
मामला आखिर था क्या?
सोनू निगम ने अज़ान को लेकर ट्वीट किया था. उन्होंने ट्विटर पर लिखा था कि वो मुसलमान नहीं हैं लेकिन फिर भी सुबह-सुबह अज़ान की आवाज पर उन्हें उठना पड़ता है. सोनू निगम ने गुरुद्वारा और मंदिरों में भी लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर सवाल खड़े किए हैं. इसे उन्होंने धर्म की जबरदस्ती करार दिया था. उन्होंने कहा कि धार्मिक संस्थाओं को उन लोगों के अधिकारों का भी ख्याल रखना चाहिए जो कि धर्म नहीं मानते हैं.
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उन्होंने यह भी ट्वीट किया कि जब इस्लाम बना था उस वक़्त तो बिजली नहीं थी. साथ ही किसी भी धर्म में लाउड-स्पीकर के इस्तेमाल पर भी उन्होंने अपनी खीज जताई.
जमकर हुई सोनू की आलोचना
इसके बाद उनकी आलोचना करने वालों का तांता लग गया. इस लिस्ट में कई बड़े नेता और बॉलीवुड हस्तियां भी शामिल हो गए.
एक्ट्रेस पूजा भट्ट ने सोनू निगम को बिना टैग किए या उनका नाम लिए ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि वह सुबह चर्च की घंटियों और अज़ान की आवाज़ के साथ उठीं और अगरबत्ती जलाते हुए उन्होंने देश के जज़्बे को सलाम किया.
म्यूजिक डायरेक्टर वाजिद खान अज़ान के प्रति सोनू के विचारों से बहुत आहत दिखे. उन्होंने कहा कि उन्हें सोनू से ऐसी उम्मीद नहीं थी.
इसके अलावा कई मुस्लिम नेताओं ने भी सोनू के विवादित ट्वीट पर तीखी प्रतिक्रिया जाहिर की.
समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान ने सोनू को हिदायत दे डाली कि सोनू ऐसे इलाके में ना रहें जहां आने वाली आवाजें उनको इतनी बुरी लगती हों.
(साभार: न्यूज़18)