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हाय रे लव रंजन, बाबूजी को भी बदल डाला!

Ankita Virmani

'सोनू के टीटू की स्वीटी' की तिकड़ी बॉक्स ऑफिस पर खूब धमाल मचा रही है. हर तरफ चर्चा भी सिर्फ इनकी ही हो रही है. लेकिन ये तो गलत है ना!

सोनू, टीटू और स्वीटी तो कुछ-कुछ अपनी पहली तीन फिल्मों के किरदार जैसे ही हैं. इस फिल्म में एक किरदार सबसे अलग और अनोखा था, जिसके बारे में सबसे ज्यादा बात होनी चाहिए थी. लेकिन उस पर किसी का ध्यान ही नहीं गया.


ब्रोमांस और रोमांस की खींचतान में घसीटे का किरदार निभाने वाले घसीटे यानी अपने संस्कारी बाबूजी आनोकनाथ को सबने भुला दिया. इस फिल्म में इनका एकदम अलग अंदाज दिखा. वक्त लगा जरूर लेकिन आखिरकार संस्कारी बाबूजी को बदलना ही पड़ा.

बाबूजी क्यों बदल गए?

सालों से बड़े-छोटे पर्दे पर संस्कारी बाबूजी का किरदार निभाने वाले आलोकनाथ आखिरकार बदल ही गए. 'सोनू के टीटू की स्वीटी' में वह छुप-छुप कर दारू और सिगरेट पीते हैं. बिंदास चू***  वाली गाली भी देते हैं.

हाय! भगवान, ये कैसा कलयुग... बाबूजी तक को बदल डाला. अरे सॉरी, सॉरी... भगवान जी की क्या गलती. हाय रे! लव रंजन, हमारे संस्कारी बाबूजी को भी बदल डाला.

इंटरनेट पर लंबे समय से बाबूजी के मीम्स ने शायद उन्हें इस किरदार को निभाने के लिए प्रोत्साहित किया होगा.अपने संस्कारी अवतार से निकलकर आलोकनाथ इस फिल्म में बन गए है एकदम कूल ददु.

साभार- Quora.com

कौन कह रहा था कि बाबूजी बैचलर पार्टी के लिए वैष्णो देवी जाते हैं? अपनी बैचलर पार्टी के लिए भले ही वैष्णो देवी ही गए हो, लेकिन अपने पोते टीटू की बैचलर्स के लिए बाबूजी इस फिल्म में एम्सटर्डम जाते हैं.

साभार- Emlii.com

ये वाला मीम... खैर ये वाला इस फिल्म के लिए भी सही है. कूल ददू एम्सटर्डम में पोते की बैचलर्स पार्टी एंजॉय कर रहे होते हैं, जब वहां आती है उनके पोते टीटू की एक्स गर्लफ्रेंड. तो क्या हुआ जो वो बिकनी में थी. बाबूजी को देखकर पायलागू करना वो भी नहीं भूली. भई कूल-वूल अपनी जगह, इतने संस्कार तो बनते हैं.

जिस दिन सारे बेटों के बाप आप जैसे हो जाएंगे उस दिन बेटियां किसी बाप के लिए बोझ नहीं कहलाएंगी. फिल्म 'विवाह' हो या 'हम आपके है कौन', बाबूजी की ऐसी संस्कारी बातों ने हमेशा ही दर्शकों का दिल जीता है. लेकिन फिल्म 'सोनू के टीटू की स्वीटी' में बाबूजी ने दिया है जिंदगी का उसूल... बाबूजी के सारे संस्कार एक तरफ और कूल ददू का ये उसूल एक तरफ. कूल ददू कहते हैं, मेरे जिंदगी का एक उसूल है चू*** इंसान को कभी मत बताओ कि वो चू*** है.

फिल्म जरूर सोनू और टीटू के ब्रोमांस की कहानी है लेकिन आलोकनाथ और वीरेंद्र सक्सेना का ब्रोमांस भी कुछ कम नहीं है. वीरेंद्र सक्सेना फिल्म में आलोकनाथ के साले का किरदार निभा रहे हैं. बदलाव प्रकृति का नियम है पर क्या पता था ये बात बाबू जी के लिए भी सच निकलेगी.आखिर वक्त के साथ बदल ही गए संस्कारी बाबू जी!