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बोन मैरो ट्रांसप्लांट की जागरुकता फैलाएंगे शाहरुख

बोन मैरो डोनेट करके सलमान खान भी बचा चुके हैं एक बच्ची की जान

Hemant R Sharma

मुंबई के नानावटी अस्पताल में शुक्रवार को शाहरुख खान बोन मैरो सेंटर का उद्घाटन करेंगे. बोन मैरो कैंसर ज्यादातर हृदय रोग से पीड़ित बच्चों और वृद्ध लोगों में इन दिनों तेजी से फैलता जा रहा है.

उनके पिता का इंतकाल इसी कैंसर की बीमारी से हुआ था जिसकी वजह से शाहरुख को गहरा सदमा लगा था. शाहरुख के पिता हमेशा से ही उनको लाइफ में  शॉर्टकट्स दूर रहने की शिक्षा देते थे. उनके पिता ताज मोहम्मद खान पेशे से बिजनेसमैन थे लेकिन उनके बिजनेस इसलिए नहीं चलते थे क्योंकि वो दूसरों का दिल दुखाकर बिजनेस के कड़े निर्णय लेना नहीं चाहते थे.


इसलिए लोग ज्यादातर उन्हें बिजनेस में धोखा देकर खुद आगे बढ़ जाते थे. पिता की शिक्षाओं का उनपर बड़ा गहरा असर हुआ. लेकिन कैंसर के राक्षस ने शाहरुख से उनके पिता को छीन लिया. शाहरुख ने अपनी आंखों के सामने अपने पिता को दुनिया से रुख्सत होते देखा. पिता के इंतकाल के बाद वो पूरी तरह से गुमसुम से रहने लगे. उनकी मां फातिमा बेगम ने उन्हें संभाला. पिता के इंतकाल के वक्त शाहरुख की उम्र कुछ 15 साल की थी.

पिता के इंतकाल के बाद शाहरुख की मां ने घर चलाने की जिम्मेदारियों को निभाया. जब भी शाहरुख पिता को याद करते मां फातिमा उन्हें हिम्मत देतीं और साथ ही इस जिम्मेदारी का एहसास भी कराती थीं कि अब उन्हें जिंदगी में कुछ बड़ा करके दिखाना है.

यही जिम्मेदारी का एहसास आज शाहरुख को वो बनाता है जिसके लिए वो पूरी दुनिया में जाने जाते हैं. पर्सनल से लेकर प्रोफेशनल तक उन्हें अपने जिम्मेदारियों का ना सिर्फ एहसास है बल्कि उसे कैसे निभाया जाता है ये कोई भी शाहरुख की जिंदगी में झांककर उनसे सीख सकता है.

सलमान खान लंबे वक्त से कैंसर से जुड़े लोगों का इलाज अपने एनजीओ की मदद से करवाते आ रहे हैं. खुद सलमान भी बोन मैरो डोनेट कर चुके हैं और उन्होंने इससे पूजा नाम की बच्ची की जिंदगी बचाई थी. सलमान खान फाउंडेशन ने इसके लिए मशहूर फोर्टिस अस्पताल के साथ अनुबंध किया हुआ है.

कैंसर के प्रति ज्यादा से ज्यादा जानकारी पहुंचाने की लिए शाहरुख पूरी तरह से जागरुक हैं. शाहरुख चाहते हैं कि इस बीमारी से फिर किसी को अपने फैमिली मेंबर्स को ना खोना पड़े इसलिए इस बीमारी के बारे में जितनी जागरुकता फैलाई जा सके उसके लिए हम सभी को मिलकर कोशिश करते रहना चाहिए.