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'न्यूटन' की कहानी पर कॉपी किये जाने के इल्जाम पर सीक्रेट बैलेट के प्रोड्यूसर ने कह दी बड़ी बात

सीक्रेट बैलट के प्रोड्यूसर मार्को मुलर ने अनुराग कश्यप से बातचीत में कहा कि 'न्यूटन' में कॉपी किये जाने का रत्ती भर भी प्रमाण नहीं मिला है

Rajni Ashish

राज कुमार राव की फिल्म 'न्यूटन' को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है. दरअसल 'न्यूटन' के पॉपुलर अवार्ड ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने के बाद से इसे लेकर नए नए विवाद सामने आ रहे हैं. कुछ दिनों पहले 'न्यूटन' को ईरानी फिल्म 'सीक्रेट बैलेट' की कॉपी बताकर विवाद पैदा किया गया. जिसके बाद इस फिल्म के बचाव में पॉपुलर फिल्ममेकर अनुराग कश्यप ने मोर्चा संभाल लिया है. पहले अनुराग ने फिल्म के सपोर्ट में कई ट्वीट्स किये थे और अब फेसबुक पर फिल्म के सपोर्ट में एक पोस्ट लिखा है.

इस फिल्म को कॉपी करने के मुद्दे को लेकर एक्टर डायरेक्टर अनुराग कश्यप न्यूटन के सपोर्ट में एक बार फिर उतरे हैं. उन्होंने फेसबुक पोस्ट के जरिए ये साफ किया है कि न्यूटन सीक्रेट बैलेट फिल्म की कॉपी नहीं है.


अनुराग कश्यप ने फेसबुक में लिखा है -जो लोग न्यूटन को सीक्रेट बैनेट की कॉपी मान रहे हैं उन्हें ये पता चलना चाहिए कि सीक्रेट बैलेट के प्रोड्यूसर मार्को मुलर का इस पर क्या कहना है. मैंने न्यूटन के डायरेक्टर से फिल्म के लिंक की कॉपी लेकर मार्को मुलर को भेजी. न्यूटन को देखने के बाद मार्को मुलर ने कहा, ये बहुत ही सभ्य फिल्म है, और यकीनन ये हमारी फिल्म की कहानी से चुराई नहीं गई है. मैंने जब उनसे पूछा कि क्या मैं उनके न्यूटन फिल्म को देखने के बाद इस रिस्पॉन्स को सोशल मीडिया पर शेयर कर सकता हूं तो उन्होंने साफ कहा हां बिलकुल आप मेरे बयान का इस्तेमाल कर सकते हैं क्योंकि कॉपी किये जाने का रत्ती भर भी प्रमाण नहीं मिला है.

आप अनुराग के फेसबुक पोस्ट को यहां नीचे पढ़ सकते हैं.

फिल्म की कहानी पर हुआ विवाद

राजकुमार राव की फिल्म 'न्यूटन' दर्शकों का दिल जीत रही है और फिल्म को हर तरफ तारीफ हासिल हो रही है. 'न्यूटन' 26 फिल्मों को पछाड़ते हुए ऑस्कर में भारत की आधिकारिक एंट्री भी बन गई है लेकिन अब 'न्यूटन' पर आरोप लग रहे हैं कि ये एक ईरानियन फिल्म 'सीक्रेट बैलेट' की नकल है.

'सीक्रेट बैलेट' का निर्देशन बाबाक पियानी ने किया था और ये फिल्म 2001 में रिलीज हुई थी. 'न्यूटन' की तरह सीक्रेट बैलेट को भी कई इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल्स में दिखाया गया था जहां फिल्म को काफी सराहना मिली थी. लेकिन फिल्म के ऑस्कर के लिए भारत की ऑफिसियल एंट्री बनाये जाने के बाद विवाद शुरू हो गया.

आपको बता दें कि 'न्यूटन' को भारत की तरफ से बेस्ट फॉरेन फिल्म कैटेगरी में न्यूटन को नामित किया गया है. फिल्म फेडरेशन ऑफ इंडिया की सिलेक्शन कमेटी ने शुक्रवार को ये अनाउंसमेंट की थी. 26 फिल्मों में से न्यूटन को चुना गया है. राजकुमार के अलावा पंकज त्रिपाठी, संजय मिश्रा, अंजलि पाटिल, रघुबीर यादव ने अहम भूमिकाएं की हैं.

न्यूटन एक ऐसे लड़के की कहानी हो जो एक सरकारी अफसर है और उसे नक्सली एरिया में चुनाव कराने का जिम्मा दिया गया है. वहां जाने पर उसे पता चलता है कि वहां सिर्फ 76 वोटर्स हैं, लेकिन वोटिंग वाले दिन कोई नहीं आता. वो अपने काम को वहां कैसे अंजाम देता है इस फिल्म में इसी कहानी को दिखाया गया है. फिल्म में राजकुमार राव के साथ पंकज त्रिपाठी भी उनके साथ मुख्य भूमिका में हैं.

कहानी में क्या है समानताएं ?

'न्यूटन' और 'सीक्रेट बैलेट' दोनों ही दो ऐसे लोगों की कहानी है जो एक ऐसे इलाकों में चुनाव प्रक्रिया संपन्न कराने पहुंचते हैं जो बहुत दुर्गम हैं और जहां लोगों का वोटिंग के प्रति रुझान ना के बराबर है.'न्यूटन' में ये इलाका नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ का एक जंगल है तो सीक्रेट बैलेट में एक ये इलाका एक दूर दराज का आइलैंड है जहां नाम मात्र की आबादी रहती है. न्यूटन में चुनावी प्रक्रिया के दौरान राजकुमार राव का साथ असिस्टेंट कमांडेंट आत्मा सिंह देता है तो 'सीक्रेट बैलेट' में चुनाव कराने वाली महिला का साथ एक सैनिक देता है.

'सीक्रेट बैलेट' के सैनिक और 'न्यूटन' के आत्मा सिंह दोनों की ही चुनावी प्रक्रिया में कुछ खास दिलचस्पी नहीं है. 'सीक्रेट बैलेट' यू ट्यूब पर उपलब्ध है.

फिल्म के डायरेक्टर ने किया खबरों को खारिज

हालांकि दोनों ही फिल्में चुनावी प्रक्रिया के इर्द गिर्द घूमती है और दोनों ही डार्क कॉमेडी श्रेणी की फिल्म है लेकिन दोनों की फिल्मों की विषय वस्तु और कहानी काफी अलग है. न्यूटन के डायरेक्टर अमित मसुरकर ने भी कहा है कि जब वो पहले दिन 'न्यूटन' की शूटिंग कर रहे थे तो उन्हें किसी ने बताया था कि इसी तरह की कहानी पर एक फिल्म ईरान में भी बनाई जा चुकी है. अमित के मुताबिक उन्होंने 'सीक्रेट बैलेट' को टुकड़ों में देखा और पाया कि उनकी फिल्म की कहानी काफी अलग है. सीक्रेट बैलेट में एक रोमांटिक ट्रैक भी है जबकि न्यूटन में ऐसा नहीं दिखाया गया है.

अनुराग कश्‍यप ने ट्विटर पर 'न्‍यूटन' का किया समर्थन

फिल्‍मकार अनुराग कश्‍यप ने भी ट्विटर पर 'न्‍यूटन' का समर्थन करते हुए फिल्म का विरोध कर रहे लोगों पर निशाना साधा.

अनुराग ने पहले ट्वीट में लिखा

'न्यूटन बर्लिन फिल्म फेस्टिवल में पुरस्कार विजेता है और मैं आपसे दावे के साथ कह सकता हूं कि वहां के फिल्म क्यूरेटर जितनी एक साल में फिल्मे देखते हैं उतनी फिल्में आप जिंदगी भर में भी शायद ना देख पाएं.

कश्यप ने एक और ट्वीटमें लिखा, 'सीक्रेट बैलेट' से 'न्यूटन' उतनी ही प्रेरित है, जितनी ‘द एवेंजर्स’ (हॉलीवुड फिल्म) ‘वतन के रखवाले’ से है.

पोस्टर को लेकर भी उठा विवाद

इस फिल्म के पोस्टर पर भी दूसरी फिल्म से कॉपी किये जाने का इल्जाम लग रहा है. 'न्यूटन' के पोस्टर को मशहूर फिल्ममेकर सत्यजीत रे की फिल्म गणशत्रु से कॉपी किया हुआ बताया जा रहा है.

दरअसल न्यूटन का पोस्टर प्रसिद्ध फिल्ममेकर सत्यजीत रे की फिल्म 'गणशत्रु' से मेल खाता है. आपको बता दें कि सत्यजीत रे की फिल्म 'गणशत्रु' सन् 1990 में आई थी. इस कहानी का मुख्य किरदार एक डॉक्टर था. ये डॉक्टर अंधविश्वासों के खिलाफ लड़ता है और इसका नाम 'गणशत्रु' पड़ जाता है. न्यूटन फिल्म के पोस्टर और इस फिल्म के उस वक्त रिलीज किए पोस्टर में काफी समानता नजर आ रही है.