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‘काजल’ ने किया मेरी जिंदगी में उजियारा: सलोनी लूथरा

सलोनी की शॉर्ट फिल्म ‘काजल’ फिल्म फेस्टिवल्स की उड़ान भरने को तैयार

Hemant R Sharma

क्या ‘काजल’ की कालिमा किसी की जिंदगी में उजियारा कर सकती है? एक्ट्रेस सलोनी लूथरा से जब हमने ये सवाल किया तो उनका जवाब हां में था. इस जवाब के पीछे उनके अपने तर्क हैं जो गहराई में जाने पर सही मालूम पड़ते हैं.

अगर आप ये सोच रहे हैं कि ये सलोनी लूथरा का ‘काजल’ आखिर है क्या और उसकी चर्चा हम यहां क्यों कर रहे हैं तो उसका जवाब है कि अभिनेत्री सलोनी लूथरा की शॉर्ट फिल्म का नाम ‘काजल’ है, जिसमें उन्होंने बिना एक भी डायलॉग बोले ऐसी धमाकेदार एक्टिंग की है, जिसे देखकर कोई भी उनकी तारीफ किए बिना नहीं रह पाएगा.


फिल्ममेकर अब्बास टायरवाला की पत्नी पाखी टायरवाला ने इस शॉर्ट फिल्म को डायरेक्ट किया है. महिला सशक्तिकरण की एक ऐसी अनोखी कहानी जिसकी प्रोटेगोनिस्ट बिना डायलॉग बोले इतना कुछ कह गई है जिसे शब्दों में बयान करना कठिन है. ये ही कुछ खूबियां इस फिल्म को शॉर्ट फिल्म से ज्यादा बड़े कैनवास पर उकेरती नजर आती हैं.

शॉर्ट फिल्म्स का नया दौर

महिला फिल्ममेकर्स का जलवा जो अब बॉलीवुड में अपनी अलग पहचान बना रहा है ‘काजल’ उसका अगला संस्करण कहा जा सकता है. ये फिल्म अब फिल्म फेस्टिवल्स की उड़ान भरने को तैयार है. शॉर्ट फिल्मों के टेकऑफ का ये वो दौर है जब इनकी शक्ति को पहचानकर फिल्मफेयर जैसे बड़े बैनर ने इन फिल्मों के लिए अलग अवॉर्ड्स का आयोजन करना शुरू कर दिया है. शॉर्ट फिल्मों का ये बढ़ता कद ही उनके बड़े होने का असली प्रमाण है.

हिमाचल की सुंदरी का साउथ में जलवा

शिमला की रहने वाली सलोनी लूथरा का इरादा वैसे तो अपना करियर बॉलीवुड में शुरू करने का था लेकिन यहां उनको उसी तरह के रोल्स का ऑफर मिलना शुरू हो गया जैसी एक डेब्यू हीरोइन्स का स्टार्ट बॉलीवुड में होता है. सलोनी ने इन ऑफर्स को मना कर दिया, जो बड़ी हिम्मत का काम है क्योंकि इंडस्ट्री में मना करने वालों से अक्सर प्रोड्यूसर्स नाराज हो जाते हैं. सलोनी का इरादा कुछ अलग करने का था जैसा अमूमन बॉलीवुड की फिल्मों में नहीं होता. हुआ भी वैसा ही बॉलीवुड में एक्टिंग वाला काम ना मिलने पर सलोनी ने तमिल फिल्म इंडस्ट्री के एक प्रोजेक्ट को चुन लिया. 

आनंद विकटन अवॉर्ड

डायरेक्टर अरुण मोहन की इस फिल्म साराभम में सलोनी ने डबल रोल किया. इस धमाकेदार रोल की चर्चा दर्शकों के साथ-साथ क्रिटिक्स में भी हुई और सलोनी को उनकी जानदार परफॉर्मेंस के लिए तमिल फिल्मों के प्रतिष्ठित आनंद वेकटन अवॉर्ड्स से उन्हें नवाजा गया.

एडगर्ल बनी नेत्रहीन लड़की

स्टारबक्स, वैसलीन, बीटल और वाइस जैसी एड फिल्म्स से सलोनी ने अपनी इमेज को बरकरार रखा लेकिन फोकस ऐसी फिल्मों का था जिनमें उनकी ब्यूटी से ज्यादा उनकी एक्टिंग की तारीफ हो. तमिल शॉर्ट फिल्म ‘उलियम उलियम’ ने सलोनी के एक नेत्रहीन लड़की का रोल अदा किया. इस शॉर्ट फिल्म को 2016 में शिकागो फिल्म फेस्टिवल में लोगों ने जमकर सराहा. नेत्रदान पर बनी ये शॉर्ट फिल्म क्रिटिक्स की फेवरेट शॉर्ट फिल्म्स में से एक है.

काजल की रिलीज का इंतजार

सलोनी की इन्ही एक्टिंग स्किल्स को देखकर निर्देशिका पाखी टायरवाला ने उन्हें अपनी पहली फिल्म के लिए संपर्क किया और पाखी ने सलोनी को एक ऐसी लड़की का रोल प्ले करने के लिए मना लिया जिसका फिल्म में सेंटर रोल तो है लेकिन एक भी डायलॉग नहीं है. शायद कोई और होता तो मना कर देता, फिर भी सलोनी ने इसे एक चैलेंज की तरह लिया. अपनी उम्र से थोड़ा ज्यादा का दिखने के लिए वेट भी बढ़ाया जो एक्ट्रेसेज के लिए सबसे चैलेंजिंग काम है क्योंकि वजन घटाने के लिए महीनों की कड़ी मेहनत लगती है.

काजल की रिवॉल्वर रानी

‘काजल’ एक ऐसी कामकाजी महिला की कहानी है जिसे घर और ऑफिस से लेकर सड़क और बिल्डिंग तक हर किसी की बुरी नीयत का सामना करना पड़ता है. घर में पति का व्यवहार खराब है तो ऑफिस में बॉस का दिमाग खराब रहता है, बिल्डिंग का वॉचमैन भी उस पर वॉच रखता है. एक दिन ऑफिस से घर जाते वक्त किसी वजह से उसके हाथ में रिवॉल्वर लग जाती है. फिर इस रिवॉल्वर के सहारे सलोनी कैसे बनती हैं रिवॉल्वर रानी ये देखने के लिए आपको ‘काजल’ के रिलीज का इंतजार करना होगा.

फॉरबिडिन से चलीं विदेश

पिछला साल खासकर इंडियन एक्टर्स के लिए इंटरनेशनल प्रोजेक्स के मामले में सबसे शानदार रहा है. प्रियंका, दीपिका, दिशा पाटानी, हुमा कुरैशी और अमायरा दस्तूर ऐसे कई नाम हैं जिनकी इंटरनेशनल फिल्म्स रिलीज हुई और बॉक्स ऑफिस पर चलीं भी खूब. सलोनी लूथरा भी ऐसे ही एक बड़े इंटरनेशनल प्रोजेक्ट फॉरबिडिन का हिस्सा हैं, जिसकी शूटिंग जल्दी ही शुरू होने जा रही है. आने वाले वक्त में कुछ हटकर करने का सलोनी का ये पैशन ही उन्हें एक नई पहचान दिलाएगा, ये उनके अब तक के प्रोजेक्ट्स से काफी हद तक साबित हो चुका है.