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सलमान खान: सुपरस्टार का रसूख और कोर्ट का इंतजार

सलमान खान का पहले भी बांल भी बांका नहीं होता अगर विश्नोई समाज ने हिरन के शिकार पर कानूनी कदम नहीं उठाए होते

Mridul Vaibhav

कई बार आप पर व्यवस्था और कई बार किस्मत बहुत ज्यादा मेहरबान होती है. अगर आपके पास भरपूर पैसा और बेहतरीन रुसूख है तो आपको थोड़ी बहुत परेशानियां आ सकती हैं, लेकिन अंतत: कोई माई का लाल आपका बाल भी बांका नहीं कर सकता.

फिल्म स्टार सलमान खान को काले हिरण शिकार से जुड़े 18 साल पुराने आर्म्स एक्ट मामले में बुधवार को जोधपुर की अदालत ने बरी किया तो कुछ ऐसी प्रतिक्रिया सोशल मीडिया पर आई.


सलमान खान बुधवार को बरी क्या हुए, जैसे पूरी व्यवस्था पर बहस ही छिड़ गई. किसी ने कहा : सल्लू भाई इज न्यू रजनीकांत!

किसी ने ट्वीट किया: सलमान भाई को आता है वशीकरण मंत्र.

किसी ने कहा: भाई ने पहनी हुई है वशीकरण अंगूठी, यह उसी का कमाल है.

कोई कह रहा है कि सलमान भाई सम्मोहिनी अर्क इस्तेमाल करते हैं, लेकिन यह सही है कि भारतीय व्यवस्था में जो लोग धन लक्ष्मी लॉकेट पहनकर रखते हैं, उनके सामने अदालतें भी क्या कर सकती हैं.

धनलक्ष्मी लॉकेट का असर पुलिस की जांच से लेकर गवाहों तक रहता ही है और अदालतों में जज देखते रह जाते हैं.

यह धनलक्ष्मी लॉकेट का ही कमाल है कि आप सड़क के एक किनारे फुटपाथ पर सो रहे लोगों को अपनी कार से कुचलकर मार डालें और बरी हो जाएं. आप याकूब मेमन के समर्थन में खुले आम ट्वीट करें और सरकार के प्रिय बने रहें.

न्यायधीश सलमान की प्रतीक्षा कर रहे थे

जिस 26/11 ने पूरे देश को हिला दिया था, उस घटना पर आप एक पाकिस्तानी चैनल पर कह दें कि इस बार एलीट वर्ग को निशाना बनाया गया, इसलिए यह मामला ज्यादा उछाला जा रहा है, वरना आतंकवादी तो आए दिन लोगों को मारते ही रहते हैं.

इस तरह के ट्वीट करके उन्हें डिलीट करना और पूरी व्यवस्था का उपहास उड़ाना और एक साथ चार-चार मामले दर्ज होकर भी उससे बच निकलना इसी धनशक्ति आैर रुसूखात के बूते ही तो संभव है.

दरअसल 1998 में जोधपुर में 'हम साथ-साथ हैं' की शूटिंग के दौरान सलमान के खिलाफ एकाध नहीं, बल्कि हिरण शिकार से जुड़े चार मामले दर्ज हुए थे.

इनमें से एक मामला बिना लाइसेंस वाले हथियार से शिकार करने का था, जिस पर जोधपुर की निचली अदालत का फैसला आया.

वकीलों का कहना है कि सलमान को दोषी साबित करने लायक सबूत अदालत के सामने नहीं आ सके और लिहाजा, उन्हें बरी कर दिया गया.

सलमान अब तक जैसे बाकी मामलों में छूटे हैं, वैसे ही उन्हें यहां भी बेनिफिट ऑफ डाउट का लाभ मिला और वे छूट गए.

शिकार से जुड़े दो और मामलों में भी वे हाईकोर्ट से छूट चुके हैं. हालांकि एक प्रकरण की सुनवाई इस महीने 25 जनवरी को है, लेकिन उसमें भी ज्यादा गुंजाइश नहीं बची है.

सलमान खान मंगलवार को यानी सुनवाई से ठीक एक दिन पहले ही जोधपुर पहुंचे थे. उनके साथ उनकी बहन अलवीरा भी थीं, लेकिन सलमान की धमक अभी भी बरकरार थी.

आम तौर पर अभियुक्त अदालतों के बाहर डरे हुए सुबह से ही खड़े रहते हैं, लेकिन इस बार जोधपुर के चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट का कोर्ट रूम वकीलों और मीडिया से तो सुबह दस बजे से ही खचाखच भर गया था, लेकिन सलमान वहां नहीं थे.

सलमान जब 11 बजे तक अदालत में नहीं पहुंचे तो न्यायाधीश ने कहा कि उन्हें आधे घंटे में पेश किया जाए. यानी न्यायालय एक अभियुक्त की प्रतीक्षा कर रहा था. यह संभव है कि एक फिल्म स्टार को देर हुई, लेकिन अदालत तो अदालत होती है और अभियुक्त अभियुक्त ही होता है.

अदालत में न्यायाधीश ने सलमान का नाम पूछा और कहा कि आप पर भारतीय शस्त्र अधिनियम के दो मामले हैं. आपको दोनों में बरी किया जाता है. सलमान और उनकी बहन ने यह सुना तो उनके चेहरे प्रफुल्लता से खिल उठे.

सबूत नहीं थे तो 18 साल क्यों चला मुकदमा

सलमान खान का पहले भी बांल भी बांका नहीं होता अगर विश्नोई समाज ने हिरन के शिकार पर कानूनी कदम नहीं उठाए होते. अब भी विश्नाई समाज सुप्रीम कोर्ट जाने की बात कह रहा है.

सलमान पर आरोप था कि उन्होंने फिल्म हम साथ साथ हैं की शूटिंग के दौरान जोधपुर के पास कुल पांच काले हिरणों का शिकार किया था. ये तीन जगहें थीं.

एक भवाद गांव, जहां दो काले हिरण मारे गए, एक घोड़ा फार्म जहां एक हिरण मारा गया और कंकाणी गांव जहां दो काले हिरणों का शिकार किया गया. मीडिया रिपाेर्ट्स के अनुसार सलमान ने शिकार के दौरान जिस बंदूक और जिस पिस्तौल का इस्तेमाल किया, उनकी लाइसेंस अवधि समाप्त हो चुकी थी.

काले हिरण शिकार मामले में सलमान के खिलाफ सबूत नहीं होते तो इस मामले के 18 साल तक चलने की संभावना ही नहीं थी, लेकिन गवाहों को भरमाने, सबूतों से छेड़छाड़ करवाने और कानूनी दांवपेंच के सहारे उन लोगों को सबसे ज्यादा मिलते हैं, जो अपने रुसूख और धनपति होते हैं.

पुलिस की जांच प्रक्रिया से लेकर अदालती बारीकियों का फायदा भी सलमान भाई को मिला ही है, वरना कैसे तो वे सड़क के सहारे सो रहे लोगों को अपनी कार से कुचलकर भी अदालतों से बच गए और लोगों में लोकप्रिय भी बने रहे.

भारतीय व्यवस्था में सलमान खान जैसा वांटेड अगर दबंग होकर कटघरे में खड़े करने वाली समस्त एजेंसियों को किक मारकर भी बजरंगी भाई जान बना रहता है तो यह साफ बताता है कि धनकुबेर और प्रभावशाली लोग आज भी सुल्तान हैं!