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Director's Cut : यंग एक्टर्स निडर बनें और ज्यादा फिल्में करें - रोहित शेट्टी

गोलमान अगेन की रिलीज से पहले रोहित शेट्टी से अपनी फिल्मों और कंफर्ट जोन के बारे में खुलकर बात की है

Bharti Dubey

रोहित शेट्टी अपनी टीम के बिना काम नहीं कर सकते, फिर ट्रेलर लांच ही क्यों न हो? गोलमाल मैन ने न सिर्फ अपनी टीम को धन्यवाद कहा, बल्कि अपनी टीम को फोटो-अप के लिए स्टेज पर भी बुलाया. जब मैं उनके ऑफिस गई, तब भी यही नजारा था. वो अपनी टीम से घिरे थे और अपनी आने वाली फिल्म गोलमाम अगेन के प्रमोशन प्लान को लेकर व्यस्त थे. फिल्म दिवाली पर रिलीज होने वाली है. बाद में उनके केबिन में, जो गेम्स और कार मॉडल्स से भरा है, रोहित शेट्टी ने माना कि ये फिल्म जितनी उनकी है, उतनी ही लीड हीरो अजय देवगन की भी है. उन्होंने कहा, "अजय मेरे लिए परिवार से भी बढ़कर हैं. हमारा रिश्ता पवित्र और सच्चा है."

मैंने उनसे पूछा कि शाहरुख खान जैसे दूसरे अभिनेताओं के साथ काम करने के बावजूद भी क्या वो अजय को दिमाग में रखकर ही फिल्म की कहानी लिखते हैं? उन्होंने कहा, "हर फिल्म उनके लिए नहीं है, लेकिन मैं फिल्म बनाते समय कम्फर्ट जोन में और खुश रहना चाहता हूं और इसकी वजह अजय हैं. ऐसा हो जाता है. हमने दो बड़े ब्रांड बनाए हैं. वास्तव में, जब हम सिंघम बना रहे थे, तो वो सिर्फ एक्शन फिल्म थी लेकिन अब वो कल्ट फिल्म बन गई है."


युवा अभिनेता निडर बनें और अधिक फिल्में करें

रोहित इसी इंडस्ट्री के बच्चे हैं और कुदरती रूप से ऐसे प्रोफेशन में आ गए जहां उनके पिता, सीनियर शेट्टी ने विलेन के रूप में अपने लिए अलग जगह बनाई. हालांकि, उनका मानना है कि आज के युवा निर्देशकों को निडर होने की जरूरत है. "नए फिल्मकार अच्छा कर रहे हैं. हमें नई कहानियां और नई विधा देखने को मिल रही है, लेकिन उन्हें निडर होने की जरूरत है. सोचता हूं वो डरे हुए क्यों हैं और एक साल में अधिक फिल्में क्यों नहीं कर रहे हैं? हो सकता है कि वो सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया को लेकर चिंतित हों. इन युवा अभिनेताओं को अजय और अक्षय कुमार से सीखना चाहिए.

"वो 12 से 13 फिल्में कर रहे हैं. इनमें से कुछ फ्लॉप हो जाती हैं, लेकिन सबसे बड़ी बात है कि वो काम कर रहे थे. लेकिन युवा अभिनेता सोचते बहुत हैं और साल में महज एक फिल्म करते हैं. पुराने स्टार्स जैसे कि खान (शाहरुख, सलमान), अक्षय और अजय आज भी एक साल में दो से तीन फिल्में कर रहे हैं. अक्षय से सीखने की जरूरत है, जिन्होंने रुस्तम, एयरलिफ्ट औऱ टॉयलेट जैसी फिल्मों के बीच बेहतर संतुलन बनाया. इनमें क्वालिटी से कहां समझौता किया गया?"

सोशल मीडिया से डरने की जरूरत नहीं

इस फिल्मकार का मानना है कि अगर युवा अभिनेता ज्यादा फिल्में करेंगे तो इससे इंडस्ट्री को फायदा होगा. "उन्हें अधिक फिल्में करनी चाहिए, अलग-अलग निर्देशकों के साथ काम करना चाहिए ताकि हमारी फिल्म इंडस्ट्री की अर्थव्यवस्था स्थिर हो सके. चार फिल्मों में से, हो सकता है एक फिल्म अच्छा नहीं करे लेकिन कम से कम हम तीन फिल्मों के साथ तो सफलता का जश्न मनाएंगे. सोशल मीडिया का बुरा व्यवहार उन्हें डरा रहा है.

मैं इससे प्रभावित नहीं होता हूं लेकिन मैं उन लोगों को जानता हूं जिनपर इसका असर होता है क्योंकि उन्हें पता नहीं होता कि गाली कौन दे रहा है. मैं उन्हें सिर्फ ये कहना चाहता हूं कि बड़ी संख्या में दर्शक उन्हें सभी तरह की सिनेमा में देखन को लालायित हैं, और वो शायद सोशल मीडिया पर नहीं हो. उन्हें वो दीजिए जो वो चाहते हैं. वास्तव में, हर तरह की फिल्मों के लिए बाजार है और अजय समेत पुराने अभिनेता आज भी इस पर काम कर रहे हैं. हमें निडरता लाने और हर तरह की फिल्में बनाने की जरूरत है.

समीक्षक और कमर्शियल फिल्में

बादशाहो की तरफ इशारा करते हुए रोहित कहते हैं, समीक्षकों ने इस फिल्म की कड़ी आलोचना की थी लेकिन दर्शकों की संख्या इससे अच्छी थी. "कमर्शियल फिल्म को लेकर समीक्षकों के साथ हमेशा प्यार और नफरत वाला रिश्ता रहता है. लेकिन मैं एक बात कह सकता हूं. कमर्शियल फिल्मों के लिए भी बहुत सारे दर्शक हैं." लेकिन हिंदी फिल्म इंडस्ट्री को घाटा हो रहा है, और अब क्षेत्रीय सिनेमा बॉलीवुड फिल्मों को कड़ी टक्कर दे रहा है. "तेलुगू फिल्म को देखें - एक राज्य में जो बिजनेस हो रहा है वो हमारी हिंदी फिल्म के बराबर है, लेकिन इसके बावजूद मैं ये नहीं मानता कि क्षेत्रीय सिनेमा बॉलीवुड के लिए खतरा है. अंतर सिर्फ इतना है कि वो दक्षिण भारतीय फिल्में बना रहे हैं और यहां हम हिंदी हॉलीवुड फिल्में बनाने की कोशिश कर रहे हैं. तेलुगू सिनेमा भारतीय फिल्में दे रहा है और वो दर्शकों को बांधे रखने में सफल है. लेकिन हम उस तरह की फिल्में नहीं बना रहे हैं."

दर्शकों के नंबर गिनो

जुबली डेज खत्म होने और सौ करोड़ वाली फिल्में का भी उन्हें मलाल है. उन्होंने बचाव में कहा, "पहले फिल्मों की सिल्वर और गोल्डन जुबली होती थी और अब, सौ करोड़ की फिल्में. तथाकथित बुद्धिजीवी लिखेंगे और कहेंगे कि सौ करोड़ कमाने से क्या होता है, यह बकवास फिल्म है. हमें सौ या डेढ़ सौ करोड़ की जगह दर्शकों की संख्या गिननी चाहिए, तब ही तथाकथित पंडितों का मुंह बंद होगा. हम सिर्फ यही चाहते हैं कि दर्शक हमारी फिल्में देखें. एजेंडा यही है."

कमर्शियल फिल्में इंडस्ट्री की शान

रोहित कमर्शियल फिल्मों की भूमिका को कमतर आंकने के लिए भी लोगों की निंदा करते हैं. "मजबूत विषय पर आधारित फिल्मों के बारे में सुनकर अच्छा लगता है लेकिन हम बाजार में हैं. इसके अलावा, बेहतर विषय वाली फिल्में हमेशा से यहां थी. हरेक मनमोहन देसाई के लिए यहां बासु चटर्जी थे, इसलिए नए जमाने के सोशल मीडिया समीक्षकों की ओर से मचाई जा रही हाय-तौबा मायने नहीं रखती है. कई लोग हमारी फिल्मों पर ज्ञान दे रहे हैं. इसलिए दर्शकों को खुद तय करने दें."

गोलमाल की एक नई कड़ी के साथ, रोहित अब प्रोडयूसर बन गए हैं. क्या ये बदलाव आसान था? उन्होंने कहा, "मैं तनाव मुक्त हूं. मैं तय करता हूं कि कब और कैसे अपनी फिल्मों को रिलीज करना है और किस अनुपात में इसे बेचना है. मैं हैप्पी जोन में हूं और ये मेरे लिए बहेतरीन तरीके से काम कर रहा है."

सीजन का बायोपिक फ्लेवर

बायोपिक फिलहाल बॉलीवुड का नया फ्लेवर है. क्या रोहित भी इस विधा में हाथ आजमाएंगे? इस फिल्मकार ने कहा, "मैं बायोपिक तभी करूंगा जब कोई मेरे पास अच्छी स्क्रिप्ट लेकर आएगा. मैं रिसर्च और दूसरी चीजों में दिमाग नहीं खपाना चाहता."

रणवीर अगला सुपरस्टार

रोहित शेट्टी रणवीर सिंह को लेकर अपनी अगली फिल्म प्रोडयूस करने जा रहे हैं. इसकी जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, " यह फिल्म पूरी तरह हार्डकोर कमर्शियल एक्शन मसाला फिल्म होगी. रणवीर में वो सारी खूबियां हैं, जो एक सुपरस्टार में होती है–आम और खास दोनों उसे देखने आते हैं.  बहुत कम सितारे इसका दावा कर सकते हैं. मेरे शब्दों को भूलना मत, रणवीर इस देश का अगला सबसे बड़ा सुपरस्टार होने जा रहा है. वो गुड लुकिंग और ग्रेट एक्टर है; लड़कियां उसे प्यार करती हैं." एक्शन फिल्मकार दक्षिण भारतीय अभिनेता के साथ भी फिल्म बनाने की ख्वाहिश रखते हैं, लेकिन वो नाम नहीं बताना चाहते. "मैं इसे लेकर हेडलाइंस नहीं बनना चाहता कि इस खास अभिनेता के साथ काम करना चाहता हूं.