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Review जुड़वा 2 : डबल रोल से 'डबल धमाके 'की उम्मीद ना करें

वरुण धवन और डेविड धवन की इस कॉमेडी फिल्म को आप मजाक में ही लें तो अच्छा रहेगा

Hemant R Sharma

अगर आप टिपीकल बॉलीवुड मसाला फिल्मों के फैन हैं तो एक्शन, रोमांस, कॉमेडी और सस्पेंस से भरी इस फिल्म को देखकर जब आप बाहर निकलेंगे तो कम से कम खुद को ठगा हुआ सा फील नहीं करेंगे क्योंकि जो एक्सपेक्टेशन आपने जुड़वा 2 से की है ये फिल्म करीब 60% उन उम्मीदों को जरूर पूरा करती है.

चमक धमक वाले सीन्स, लंदन की खूबसूरती, वरुण धवन के डबल रोल का रोमांच आपके दिल को मोह लेगा. बस शर्त ये है कि आप इस फिल्म की क्रिटिकल एनालिसिल ना करें. अगर सोशल मीडिया पर आने वाले पूअर जोक्स जिन्हें पीजे कहते हैं आपको हंसाते हैं तो ये फिल्म भी आपको जरूर हंसाएगी. बस अपना दिमाग घर पर रखकर जाइएगा.


कहानी

कहानी वो ही है सलमान खान की पिछली जुड़वा जैसी, दो बच्चों के एक साथ जन्म होने की और फिर उनमें से एक के चोरी हो जाने की. विलेन के रोल में जाकिर हुसैन पहले इन बच्चों के पिता को एयरपोर्ट पर फंसा लेता है और बाद में बदला लेने के लिए एक बच्चे को चुरा लेता है. चुराया हुआ ये बच्चा रेल की पटरी पर गिर जाता है और उसे मुंबई के स्लम की एक महिला अपनाकर घर ले आती है. बस यहीं से राजा नाम के इस बच्चे की परवरिश शुरू हो जाती है. दूसरा बच्चा प्रेम लंदन में अपने परिवार के साथ पलने बढ़ने लगता है. फिर कैसे ये दोनों राजा और प्रेम लंदन में मिलते हैं और फिर ये कैसे विलेन से बदला लेते हैं वो देखने के लिए आपको सिनेमाघरों का रुख करना चाहिए.

म्यूजिक

फिल्म के गाने पहले से ही चार्टबस्टर्स पर और टीवी पर खूब चल रहे हैं. पुराने गानों टन टन टारा, ऊंची है बिल्डिंग सुनने में अच्छे लगते हैं. इनकी कोरियोग्राफी भी शानदार है. पहला गाना गणपति बप्पा मोरया है जो एक ही बार सुनने लायक है. वरुण-तापसी और जैकलीन पर फिल्माया गया आ तो सही भी सुनने में अच्छा लग रहा है. गानों की लिहाज से ये फिल्म टोटल मसाला है.

डायरेक्शन

जुड़वा 2 के डायरेक्टर वरुण के पिता डेविड धवन हैं, जिन्होंने वरुण के लिए इस फिल्म को बनाया है. जाहिर है ये फिल्म उनकी पिछली फिल्म मैं तेरा हीरो से ज्यादा अच्छी बनी है. जो करिश्मा डेविड अपने पुराने दिनों में कर चुके हैं वो आगे बहुत चलेगा इस बात की संभावना बिल्कुल भी नहीं है. दर्शक अब काफी स्मार्ट हो गए हैं और वो साल में इस तरह की एक आध फिल्मों को ही झेल सकते हैं. किसी भी सीन को कोई तुक नहीं है अगर आप इस फिल्म की स्टारकास्ट के फैन हैं तभी आप इसके बेतुके सीन्स पर सवाल नहीं उठाएंगे वर्ना हो सकता है काफी सीन्स पर आपको लगने लगे कि डेविड जी से ये उम्मीद नहीं थी. फिर भी उनके डायरेक्शन को इस फिल्म में औसत ही मानना चाहिए.

एक्टिंग

वरुण धवन राजा के रोल में और प्रेम के रोल में दोनों में अच्छे लगे हैं. एक्टिंग की रेस में क्या वो सिद्धार्थ मल्होत्रा से आगे निकल गए हैं ये नहीं कहा जा सकता. फर्क इतना है कि सिद्धार्थ की फिल्में चल नहीं रही हैं और वरुण की फिल्मों को हिट का टैग मिल जाता है. लेकिन इस तरह की फिल्में करके वो दूर तक जा पाएंगे इसमें काफी बड़ा संदेह है. जैकलीन को फिल्म में जिस चीज के लिए रखा गया है वो उसमें सफल रही हैं उन्होंने इसमें हॉटनेस को बरकार रखा है. तापसी अपनी पिछली फिल्मों में ज्यादा अच्छी एक्टिंग कर चुकी हैं. यहां पर उन्होंने ग्लैमर का तड़का लगाने की कोशिश की है लेकिन वो इसमें सफल नहीं हुई हैं. वरुण धवन की फिटनेस काफी अच्छी है और ज्यादातर फिल्म में वो बिना शर्ट अच्छे लगे हैं. राजपाल यादव की कॉमेडी फिर से रिपीट हुई है. विवान विलेन के रूप में अपना खौफ दिखाने में कामयाब रहे हैं

वरडिक्ट

आप इस फिल्म को तभी झेल सकते हैं जब आप मसाला फिल्मों के शौकीन हैं और आप मनोरंजन के लिए लॉजिक को किनारे रख देते हैं. एक बार बॉल लगने पर अगर याददाश्त जा सकती है तो फिर वही बॉल लगने पर वापस आ जाती है. इस फिल्म को हमारी तरफ से मिलते हैं 2.5 स्टार्स.