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गुरुग्राम: 7 साल के मासूम बच्चे की ह्त्या पर रेणुका शहाणे का ओपन लैटर

रेणुका शहाणे ने स्कूल के प्रशासन के खिलाफ ये लैटर लिखा है जिसमें उन्होंने बच्चों की सुरक्षा पर कई सारे सवाल उठाए

Akash Jaiswal

कुछ ही दिनों पहले गुरुग्राम के रयान इंटरनेशनल स्कूल में एक सात साल के बच्चे की बेरहमी से ह्त्या कर दी गई. बच्चों की सुरक्षा के साथ खिलवाड़ करने के लिए गुरुग्राम के इस स्कूल का हर तरफ से विरोध किया जा रहा है. बॉलीवुड एक्ट्रेस रेणुका शहाणे ने इस मामले में अपनी आवाज उठाते हुए अपने फेसबुक पर एक ओपन लैटर लिखा है.

इस लैटर में रेणुका ने स्कूल के प्रशासन पर कई सवाल उठाए. बच्चों की सुरक्षा को किस तरह से बनाए रखा जा सकता है, इस बारे में भी रेणुका ने लैटर में जिक्र किया है.


ये रहा रेणुका का ओपन लैटर:

"गुरुग्राम के रयान इंटरनेशनल स्कूल में 7 साल के बच्चे की निर्मम ह्त्या और देश की राजधानी में स्कूल के प्यून द्वारा 3 साल के बच्चे के बलात्कार से पूरी तरह से हैरान, भयभीत और निराश हूं.

हम अपने बच्चों के लिए सुरक्षित माहोल कैसे बनाए? पेरेंट्स अपने बच्चों को इस विचार के साथ स्कूल छोड़ते हैं कि हमारे बच्चे शिक्षा की इन दीवारों के बीच सुरक्षित रहेंगे. महंगी फीस भरने के बाद भी लगातार स्कूलों में हो रहे हैं हादसों ने हमारे बच्चों की सुरक्षा पर सवाल खड़े कर दिए हैं.

गुरुग्राम मर्डर केस में सुरक्षा का कई तरह से उल्लंघन किया गया था.

बस ड्राईवर और कंडक्टर्स को वो ही वाशरूम यूज करने दिया गया जिसमें स्कूली बच्चे जाते हैं.

आरोपी को स्कूल के अंदर चाकू लेकर जाने दिया गया.

वाशरूम के बाहर स्कूल की ओर से कोई भी फीमेल अटेंडेंट नहीं था.

जब उस बच्चे ने चिल्लाया तब उसकी मदद के लिए भी वहां कोई नहीं था.

स्कूल के मैनेजमेंट ने इस क्राइम से खुद को बचाने की कोशिश की है.

स्कूल की दीवारों में ही कई तरह के सुरक्षा उल्लंघन किये गए थे. इस बात में कोई शक नहीं कि स्कूल की सुरक्षा हाई रिस्क पर थी.

यह सभी लाल झंडे इसी जवाब की भीक मांगते हैं कि क्या इस स्कूल के प्रिंसिपल, मैनेजमेंट और ट्रस्टी पर सुरक्षापूर्वक इस स्कूल को चलाने के लिए विश्वास किया जा सकता है?

आज ही मैंने पढ़ा कि इस केस का आरोपी ड्रायवर वहां से कुछ ही मीटर की दूरी पर दूसरे स्कूल में पहले ड्रायवर था. उसके नाम से वहां कई शिकायतें दर्ज थी और उसे बच्चों के साथ अनुचित व्यवहार करने के चलते निकाल दिया गया था. उस स्कूल ने उसे सर्विस से तो निकाल दिया पर उसके खिलाफ पुलिस कंप्लेंट करने से मना कर दिया. स्कूल के पुलिस कंप्लेंट करने की बात से ही उस आरोपी को और बढ़ावा मिला है.

शिकायत ना करने के कारण सीरियस सेक्सुअल ओफ्फेंडर्स को ये साहस मिलता है कि वो अपने अगले जॉब में मासूम बच्चों के जीवन को खतरे में डाले.

हम सभी पेरेंट्स को एक जुट होकर ऐसे क्रिमिनल्स की लिस्ट की डिमांड करनी चाहिए जिनका इससे पहले क्रिमिनल रिकॉर्ड रहा है और इस लिस्ट को हर सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में लगाना चाहिए. ताकि कोई भी क्रिमिनल रिकॉर्ड रखने वाला स्कूल का बस ड्रायवर, कंडक्टर, टीचर, पियून, प्रिंसिपल, मैनेजमेंट या ट्रस्टी ऐसी किसी भी जॉब के दायरे में ना आए जहां बच्चे हैं.

इसी के साथ इस लिस्ट को मिनिस्ट्री ऑफ ह्यूमन रिसोर्सेज डिपार्टमेंट और एजुकेशन डिपार्टमेंट की वेबसाइट पर भी लगाना चाहिए ताकि पेरेंट्स भी इस लिट्स को देख सके.

हमें इस बात का ध्यान देना होगा कि ऐसे सेक्सुअल प्रीडेटर्स इस तरह से जुर्म करके आसानी से बचकर ना निकले.

हमें इस स्कूल के ट्रस्टी को उनके स्कूल में नामांकित बच्चों की सुरक्षा के साथ खेलने और आपराधिक गतिविधियों की और अनदेखा करने के लिए जवाबदेह बनाना होगा.

इस स्कूल के प्रिंसिपल को तो सुस्पेंड कर दिया गया पर इसके ट्रस्टी और चेयरपर्सन का क्या? जब तक इन सभी के खिलाफ एक स्ट्रोंग केस नहीं बनाया जाता तब तक दूसरे स्कूल भी इस मामले को सख्ती से नहीं लेंगे.

सभी स्कूल से अनुरोध है, कृपया करके स्कूल के बस ड्रायवर और कंडक्टर्स को अपोइंट करते समय लापरवाही ना बरते. सेक्सुअल अब्यूज बच्चों के जीवन पर एक धब्बे की तरह रह जाता है और गुरुग्राम में 7 साल के ऐसे मासूम बच्चे की इस तरह से ह्त्या उनके माता पिता के जीवन को दर्द और तबाही से भर देती है.

इसी के साथ गोरखपुर के बाद, नाशिक में एक महीने के अंदर 55 नवजात बच्चें इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण मर गए. कभी-कभी मुझे लगता है कि हम इंसानों को अब तबाह कर दिया जाना चाहिए.”

इसे पहले भी रेणुका ने समाज में कई तरह के मुद्दों पर बेबीकी से अपनी बात रखी है.

फिल्म ‘हम आपके है कौन’ में सलमान खान की भाभी का किरदार निभा चुकी रेणुका ने हिट एंड रन केस में सलमान के बरी होने पर भी सवालिया निशान लगाए थे.