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सैफ़ के साथ एक ही टीम में होना अच्छा लगता है: शाहिद कपूर

शाहिद सैफ़ के साथ पहली बार काम कर रहे हैं.

Runa Ashish

'मुझे अच्छा लगा कि मैं और सैफ़ एक ही टीम में हैं. ये अच्छी बात है कि दिग्गज लोग आएं और अच्छा काम करें. वैसे भी मुझे इस बात से फर्क नहीं पड़ता. मुझे आप किसी भी स्टेडियम में डाल दो, कोई भी बॉलर दे दो, कोई भी विकेट कीपर दे दे. अगर मुझे अच्छा शॉट खेलना है तो मैं खेलूंगा. शाहिद कपूर से सैफ़ अली खान के साथ काम करने को लेकर सवाल पूछो, तो ये जवाब आता है.

शाहिद आगे कहते हैं, 'हम एक साथ विशाल सर की फिल्म में काम कर रहे हैं. तो काम बेहतर होना चाहिए. जब हम फिल्म बाहर लोगों के सामने ले कर जाएं तो लोगों को अच्छी फिल्म देखने को मिले. फिल्म में सही और बेहतरीन एक्टर आते हैं तो फिल्म को पॉजिटिविटी मिलती है.


शाहिद फिल्म 'रंगून' में सैफ़ अली खान के साथ काम कर रहे हैं, जो उनकी किसी समय की सबसे करीबी दोस्त करीना के जीवनसाथी हैं.

शाहिद पहली बार सैफ़ के साथ काम कर रहे हैं, जिसमें वो चार या पांच सीन में एक दूसरे के सामने होंगे. जाहिर है इन दोनों के बीच कहीं कोई असहज मौके आए रहे हों. हालांकि, शाहिद बड़ी ही सहजता के साथ इस तरह के किसी भी सवाल को दरकिनार कर देते हैं.

पहले भी जब शाहिद ने करीना के साथ अलगाव के अरसे बाद फिल्म उड़ता पंजाब' की प्रेस कॉन्फ्रेंस में साथ नजर आए थे. तब करीना और शाहिद के बीच में आलिया खड़ी रही थीं.

हालांकि अब करीना और शाहिद दोनों ही असल जिंदगी में पैरेंट की भूमिका में आ गए हैं और शाहिद भी अपनी फिल्मों के अलावा पैरेंटहुड के बारे में भी खूब बोलते हैं.

उनका कहना है, 'मीशा मेरे लिए हर हाल में लकी ही है. वैसे पिता बनने के बाद आपमें कई बदलाव आते हैं. आपका जीवन के लिए नजरिया ही बदल जाता है. आप परिपक्व होकर सोचने लगते हैं. आपके आसपास एक पॉजिटिविटी आ जाती है.'

हाल ही में आपने कहा था कि मीशा के जन्म के बाद आप सेल्फ़िश नहीं रहे?

'अभी मीशा पांच महीने की है. जैसे जैसे बड़ी होगी और भी इमोशन्स आएंगे. बच्चा होने के पहले आप हमेशा मेरा, मैं जैसी बातें सोचते हैं लेकिन एक बार पिता बन गए तो आप कभी भी अपने बारे में नहीं सोच पाते.'

आपकी फिल्म दूसरे विश्वयुद्ध पर बनी है. आपको बचपन में इतिहास कितना पसंद था?

मैं इतिहास में रटकर जवाब देता था. लोग सन् और तारीख भूल जाते हैं लेकिन

मैं नहीं भूलता था.

ऐसी ही इतिहास से निकली एक फिल्म 'पद्मावती' भी आप कर रहे हैं.

'उस फिल्म में बहुत मजा आ रहा है. मैं अपने आप को बहुत लकी समझता हूं कि मुझे संजय सर के साथ काम करने का मौका मिला. कई बार लोग सिर्फ इसी बारे में बात करते हैं कि वो कितनी बड़ी फिल्म बनाते हैं. लेकिन आप एक बार उनके साथ काम करके देखिए तब जाकर आपको समझ में आएगा कि वो एक्टिंग के साथ-साथ दूसरे कई डिपार्टमेंट्स के लिए भी सोचते हैं और ध्यान रखते हैं. फिल्म चलें या ना चलें हमेशा उनके एक्टर्स को तारीफ मिलती रही है. उनकी पिछली फिल्मों की सफलता के बाद तो वो बहुत ही अच्छे फॉर्म में हैं.'

आप विशाल और संजय लीला जैसे निर्देशकों के साथ काम कर रहे हैं. कैसे

मैनेज कर रहे हैं?

वैसे ही जैसे एक फास्ट बॉलर और स्पिनर के साथ किया जाता है. वैसा ही रिदम बनाकर मैं काम कर रहा हूं. अब आप कहेंगे कि मैं क्रिकेट की ही बात कर रहा हूं. लेकिन क्या करें फिल्म और क्रिकेट दोनों ही हमारे देश के मास मीडियम हैं.

कहीं आप कोई इशारा तो नहीं दे रहे हैं कि आप बायोपिक कर रहे हैं? विराट कोहली की तो नहीं?

'अरे उस खिलाड़ी को अभी उस उम्र के मुकाम तक तो पहुंचने दो. अभी तो वो खेल ही रहा है. लेकिन मैं कोई बायोपिक नहीं कर रहा हूं. हालांकि, मैं करना जरूर चाहूंगा. बड़ा अच्छा लगता है कि आप किसी व्यक्ति का रोल निभा रहे हैं. कुछ अलग तरह की एक्टिंग करने को मिलेगी. लेकिन किसकी जीवनी होगी इसका फैसला मेरे निर्देशक का होगा.

वैसे भी कोई बायोपिक अगर आप करें तो आपको लुक कद-काठी का ध्यान रखना पड़ता है फिर ये भी देखना होता है कि आप उस रोल को सिनेमा के पर्दे पर कैसे उतारोगे. और साथ ही ये भी देखना होता है कि आप उस शख्सियत के साथ न्याय कर सको.'