view all

Confession : मुझे अपने बारे में बताने के लिए धोनी के नाम की जरूरत नहीं - राय लक्ष्मी

राय लक्ष्मी की फिल्म जूली 2 रिलीज होने वाली है चक दे से लेकर साउथ के सुपर स्टार्स और धोनी से रिश्तों के बारे में उन्होंने खुलकर बात की है

Abhishek Srivastava

आप साउथ की फिल्मों की जानी मानी अभिनेत्री हैं फिर आपने चेन्नई या हैदराबाद को आपने अपना बेस क्यों नहीं बनाया?

ऐसा नहीं है. मैं चेन्नई इसके पहले तीन साल रह चुकी हूं क्योंकि मेरे अधिकतर शूट्स चेन्नई में ही होते थे लेकीन जब से स्टूडियोज की भरमार हो गई उसके बाद से हम लोग अपने ज्यादातर शूट्स चेन्नई के बाहर करने लगे हैं. कई बार तो ऐसा होता था की मुझे अपनी शूटिंग लोकेशन पर जाने के लिए दो फ्लाइट्स लेनी पड़ती थीं. घर से लोकेशन जाना और फिर वापस आना थोड़ा मुश्किल हो गया था. अब मेरा बेस मुंबई है और मैं लगभग दस साल से यहां से अपने शूट्स के लिए जाती हूं. अब ये एक तरह से मेरी आदत बन गई है. अब एयरपोर्ट्स और फ्लाइट्स मेरे दूसरे घर की तरह हो गए है.


अच्छा अब आप ये बताइए कि मैं आपको राय लक्ष्मी बुलाऊं या फिर लक्ष्मी राय क्योंकि आपकी साउथ की फिल्मों में आपका नाम लक्ष्मी राय है और जो आपकी पहली हिंदी फिल्म जूली 2 आने वाली है उसमें आपका नाम राय लक्ष्मी है. ऐसा क्यों?

आप मुझे किसी भी नाम से पुकार सकते हैं. मैंने अपना नाम लगभग तीन साल पहले बदला था और इसके पीछे कोई ख़ास वजह नहीं थी. मेरे पिताजी ने मुझसे एक दिन ऐसा करने के लिए कहा. मैंने उनसे कहा की ये पहले से ही एक जाना पहचाना नाम है तो आप इससे बदलना क्यों चाहते हैं. उन्होंने फिर मुझसे यही कहा कि ऐसा मेरे लिए कर लो और नाम बदलने के लिए नहीं बस उसे रिवर्स करने के लिए कह रहा हूं. मेरे पिताजी के पास इसके पीछे कोई ठोस स्पष्टीकरण नहीं था. उन्होंने फिर मुझसे कहा की मुझसे इसकी वजह मत पूछो और इसे सिर्फ हमारे लिए बदल लो. मैंने उसके बाद से अपनी सहमति दे दी और उनको कह दिया की इसके बाद जो भी मेरी फिल्में आएंगी उसमे मेरा नाम राय लक्ष्मी होगा. ये किस्मत की बात है की जबसे मैंने अपना नाम बदला है ईश्वर की दया से सब कुछ अच्छा ही हुआ है. वैसे मैं आपको बता दूं कि मेरे पिता ने अभी तक इसकी वजह मुझे नहीं बताई है.

आपको लगता नहीं कि बॉलीवुड में आपकी एंट्री थोड़ी देर से हो रही है?

आपको लगता नहीं कि ये थोड़ा स्पेशल भी है क्योंकि जूली 2 मेरी 50वीं फिल्म है. इसके पहले मुझे यशराज फ़िल्म्स ने मुंबई आने का न्यौता दिया था. उस वक़्त मैंने चक दे इंडिया के लिए अपना ऑडिशन दिया था. मुझे शॉर्टलिस्ट करने के बाद मुझे रोल का भी ऑफर दिया गया था लेकीन कुछ वजहों से कॉन्ट्रैक्ट में दिक्कत आ गई थी और फिल्म मैं कर नहीं पाई थी. उसके बाद भी मुझे मुंबई आने के न्यौते अक्सर मिलते रहे थे. लेकिन साउथ में मैं चारों भाषाओं में फिल्में कर रही थी. अपने करियर के शुरुआती सालों में मैं एक साल में छह फिल्में कर रही थी. मेरा वो फेज काफी थकाने वाला था. और जब आपको कोई बड़ा मौका मिल रहा है तो आप उससे छोड़ नहीं सकते और इसीलिए मैंने मुंबई को अपना बेस बना लिया. मुझे इसके पहले मुझे इंट्रोड्यूस करने के तीन मौके मिले थे लेकीन हर बार साउथ की फिल्मों की कमिटमेंट की वजह से मुझे वह तीनों मौके छोड़ने पड़े. कई बार मेरी फिल्मों की डेट्स बीच में आ गई तो कई बार कॉन्ट्रैक्ट्स में अड़चनें आ गई थी लेकीन अब मैं यहां पर आ गई हूं.

आपको लगता नहीं कि आप अपना बॉलीवुड डेब्यू बड़ी आसानी से किसी बड़े सितारे या किसी बड़े प्रोडक्शन हाउस के साथ कर सकती थीं

जी हां मैं आसानी से कर सकती थी. लेकिन यह भी सच है कि मैं एक नए मीडियम में प्रवेश कर रही थी और मुझे पता नहीं था की ये कैसे काम करता है. आप एक अलग तरह के पैटर्न पर इसके पहले काम करते थे और आपको पता नहीं रहता है की बॉलीवुड का पैटर्न किस तरह का होगा. बॉलीवुड को जानने और समझने के लिए यहां पर रहना जरूरी था. ये कुछ वैसा ही है कि नज़रों से आप ग़ायब हुए तो दिमाग से भी आप ग़ायब हो गए. इसके पहले बॉलीवुड ने मुझे फिल्मों के लिए एप्रोच किया था और उन सारी फिल्मों में बड़े सितारे थे जिनका नाम अभी लेना अभी ठीक नहीं होगा क्योंकि उनमें से कई अभी काम नहीं कर रहे. ये आपका भाग्य है जो आपको अलग अलग जगहों पर ले जाता है. मुझे पता नहीं है कि बॉलीवुड में एंट्री के लिए मैंने जूली 2 क्यों चुनी.

जब मैंने इस फिल्म की स्क्रिप्ट सुनी थी तब मुझे दिल से लगा था कि मुझे ये फिल्म करनी चाहिए. एक फिल्म को अपने कंधों पर अकेले लेकर चलने का भार काफी होता है और आपको इस बात को लेकर संशय में रहते हैं कि आपकी फिल्म को देखने के लिए लोग सिनेमा हॉल्स तक आएंगे या नहीं? लेकीन एक चीज़ जिसने मेरे लिए काम किया वो यह था कि लोग मुझे जानते थे क्योंकि मैं साउथ की फिल्मों में काम करती हूं.

वह फ़िल्में हिंदी भाषा में डब करके टेलीविज़न पर दिखाई जाती हैं और इस वजह से लोग मुझे जानते हैं. मुझे लगता है कि मेरी एंट्री बॉलीवुड में बिल्कुल सही समय पर हुई है. कई बार लोग मुझसे पूछते हैं कि मेरे अंदर टैलेंट है तो मैंने अपना करियर अक्षय कुमार या फिर किसी खान की फिल्म के साथ क्यों नहीं शुरू किया? लेकीन यहां पर मैं इस बात को कहना चाहूंगी कि हम लोग दूसरों के पीछे नहीं भागते. मुझे बेहद ख़ुशी होगी इन सितारों वाली फिल्मों को करने में लेकीन ये भी सच है कि खान साल में एक फिल्म करते हैं और अक्षय कुमार तीन. परेशानी इस बात की है उनके पीछे भी प्रोड्यूसर्स की लम्बी लाइन लगी है. ऐसा बहुत काम होता है की आप किसी नए चेहरों को इन सितारों की फिल्मों में देखते है.

लग रहा है की फिल्मों के सिलेक्शन के मामले में आप कंगना के नक्शे कदम पर चल रही हैं.

मैं उस कैटेगरी में नहीं आती हूं. और मैं उनके नक्शे कदम पर चल रही हूं या नहीं ये मेरी दूसरी फिल्म तय करेगी. लेकिन पहली फिल्म को देखकर मेरा जवाब हां होगा. मुझे इस बात की बेहद ख़ुशी है आजकल लोग महिला प्रधान फिल्मों को देखने लगे हैं और यह चीज़ दो तीन साल पहले तक नहीं थी. पहले का आलम ये था कि जब तक आप किसी हीरो के साथ फिल्म में नहीं आते तब तक आपको कोई नोटिस भी नहीं करता. देखकर बेहद ख़ुशी होती है कि पिंक, पीकू, क्वीन, तनु वेड्स मनु, कहानी जैसी फिल्मों को लोगों ने बेहद पसंद किया. आज के ज़माने में आप लोगों को बेवकूफ़ नहीं बना सकते. लोग नई चीज़ों को देखना चाहते हैं. वो अब पुरानी चीज़ों को देखकर बोर हो गए हैं. जूली 2 में जनता को सब कुछ मिलेगा. ये एक बेहद ही संजीदा फिल्म है जो आपको अपने सीट से बांधकर रखेगी. जो कुछ भी आप ट्रेलर में देख रहे हैं उसमे ग्लैमर का तड़का है जिससे आपको जूली की याद आती है लेकिन इस फिल्म का पहली जूली से कोई लेना देना नहीं है और ये फिल्म उसकी सीक्वल नहीं है.

साउथ की इंडस्ट्री और बॉलीवुड के काम करने का तरीका काफी अलग है. आपका किस तरह का अनुभव रहा है?

बॉलीवुड की अगर मैं बात करूं तो यहां पर फिल्मों के प्री प्रोडक्शन के काम में बहुत समय जाता है. लिखने में, स्केच बनाने में, बाउंड स्क्रिप्ट बनाने में और फिर शॉट टेकिंग में. साउथ की फिल्मों में ऐसा नहीं है. एक बार जब फिल्म की स्क्रिप्ट लॉक हो जाती है तब सेट पर हर चीज़ मौजूद रहती है. बॉलीवुड में प्री प्रोडक्शन काम में चार महीने तक का समय लग जाता है. साउथ में आप इतने समय में दो फिल्में पूरा कर सकते हैं. यहां पर लोकेशन को ढूंढने का एक बड़ा काम होता है उसके बाद कॉस्टूयम को भी लॉक करना पड़ता है. यहां पर प्लानिंग बेहतर तरीके से होती है जबकी साउथ में उनको पता होता है की फिल्म में उनको क्या चाहिए. उनकी फिल्मों को बनाने की गति बहुत तेज़ होती है और पूरी फिल्म उनके दिमाग में होती है. वहां पर उनका कैमरा सुबह 6 बजे रोल करना शुरू कर देता है.

यहां पर कोई भी काम सुबह 6 बजे शुरू करना असंभव होगा जब तक की आपको कोई सूरज के उगने का शॉट नहीं लेना है. मुझे यहां पर बेहद मज़ा आ रहा है क्योंकि एक बड़ा ही रिलैक्स्ड माहौल यहां पर है. मेरा यह नहीं कहना है की साउथ में मज़ा नहीं आता है बस वहां पर चीज़ें एक के बाद एक होती चली जाती हैं.

आपने साउथ के सभी बड़े सितारे मसलन अजित, पवन कल्याण, ममूटी, मोहनलाल के साथ काम कर लिया है. रजनीकांत और कमल हसन के साथ कब काम काम करने का इरादा है?

मैं वहां की इंडस्ट्री में लगभग दस साल से हूं और मेरा नंबर अभी तक नहीं आया है. जो लोग मुझसे पहले इंडस्ट्री में हैं अभी तक उनका नंबर नहीं आया है शायद उसके बाद मेरा नंबर आ जाए. देखिये सच ये है कि वो लोग दो साल में एक फिल्म करते हैं और वो वहां पर लीजेंड्स है. आपको अपने मौके का इंतज़ार करना पड़ेगा.

महेंद्र सिंह धोनी के बारे में जब आपसे सवाल पूछे जाते हैं तो आपके लिए कितना मुश्किल होता है?

ये काफी कष्टकर होता है. मन करता है कि अपना सिर दीवार में दे मारुं और पूछने वाले का मुंह बंद कर दूं. इसके पीछे की वजह मैं आपको बताती हूं और वो ये है की ये ख़बरों की वजह से नहीं है. लोग आपको जज करने लगते हैं ये सोचकर मैं ये सबकुछ पब्लिसिटी स्टंट के लिए कर रही हूं. मेरे पास खुद के बारे में बात करने के लिए काफी कुछ है. मेरी भी खुद की एक पहचान है और मुझे किसी दूसरे पहचान की जरुरत नहीं है खुद के बारे में बात करने के लिए. मैं जब इसके बारे में बात नहीं कर रही हूं तो लोग फिर ऐसे सवाल मुझसे क्यों पूछते हैं?

लेकिन आपको लगता नहीं कि पूरे विश्व की मीडिया ऐसे ही काम करती है.

अब जब जूली 2 रिलीज़ होने वाली है तो वो मेरा नाम उनके साथ एक बार फिर से लिंकअप करके कोई सनसनीखेज खबर बनाना चाहते हैं. लोगों को यह लगता है कि मैं इससे पब्लिसिटी स्टंट की तरह इस्तेमाल कर रही हूं. मीडिया ने मुझसे सवाल पूछा था जैसे कि आप पूछ रहे हैं, आपने पहले ही बता दिया था की मैं पर्सनल स्पेस में जाना नहीं चाहता हूं लेकीन फिर भी आपको हर चीज़ की जानकारी है कि लोग इसके बारे में बात कर रहे हैं. मैंने प्रेस को बोला था कि वो कौन हैं? मैं प्रेस का सम्मान करती हूं लेकीन आज वो मेरे जीवन में कौन हैं.

मुझसे पूछा गया था कि मेरा रिश्ता क्या है उनके साथ तो इसके ऊपर मैंने हंस कर बोला की कौन हैं वो? मैंने इसके पहले कई इंटरव्यू दिए हैं और इसके बारे में बात भी की है लेकीन अब मैं इसके बारे में बात नहीं करना चाहती हूं.

अगर आप मुझसे वही चीज़ बार बार पूछेंगे तो आप एक तरह से मेरे ऊपर दबाव बना रहे हैं कि मैं उनको एक्नॉलेज करना बंद कर दूं. अगर आप कुछ नहीं भी बोलते हैं तो भी वह हेडलाइन बन जाती है और अगर कुछ कमेंट करते हैं तो भी वो हेडलाइन बन जाती है.

इसके बाद ये सारी चीज़ें आपको परेशान करना शुरू कर देती हैं और इससे रोकना बेहद मुश्किल हो जाता है. अरे भाई, मेरी भी एक जिंदगी है. आप अतीत में क्यों जा रहे हैं, आप मेरा अतीत मेरे वर्तमान में ला रहे हैं. मुझे लगता है कि अब मुझे किसी ऐसे के साथ डेटिंग शुरू कर देनी चाहिए जो काफी मशहूर हो क्या मालूम इसके बाद यह सब खुद ही मुरझा जाए. मुझे अब बस यही एक तरीका लगता है. मैं चाहती हूं कि लोग मेरा टैलेंट और मेरी योग्यता से मुझे जांचे. आज अगर मेरा एक फैन बेस है तो वो इस वजह से नहीं है कि मैं किसी रिलेशनशिप में थी. आप उनके मौजूदा रिश्ते के बारे में क्यों नहीं बात करते हैं जो उनका अपनी पत्नी और अपनी बच्ची के साथ है.

इसकी वजह ये है कि वो अभिनेत्री नहीं हैं. ये एक ऐसी जंग है जिसे जितना मुश्किल है. इन बेतुकी चीज़ों से काफी असर पड़ता है. अगर आप किसी और के साथ रिलेशनशिप में हैं तो ऐसी बातों से चीज़ें और बिगड़ सकती है क्योंकि पूरी दुनिया किसी और के बारे में बात कर रही है और आप किसी और के साथ हैं. मैंने प्रेस से गुज़ारिश की है कि वो कृपया इन चीज़ो पर फुल स्टॉप लगा दे.

आपने अपने इस फिल्म के प्रमोशनल फेज के दौरान इसको और किस तरह से झेला है?

कल ही मुझे एक चैनल के न्यूज़ रिपोर्टर ने खुद ही इसके बारे में बात करनी शुरु कर दी. हर चीज़ का शिकार मैं क्यों बनूं. उसने मुझे बेहद परेशान किया. उनसे मुझसे यहां तक कहा कि मुझे यह सब चीज़ का सामना करना पड़ेगा. फिर मैंने उससे पूछा की इसका मतलब क्या है. मैं तो आगे बढ़ चुकी हूं आप भले ही चीज़ों को खींचते रहिए लेकिन मैं अपनी ओर से इस पर फुलस्टॉप लगा दूंगी. मेरा उस रिपोर्टर के साथ यही इंटरव्यू था. मैं अब उनको नहीं जानती हूं. मैं उनके पेशे का सम्मान करती हूं. उन्होंने हमारे देश का मान बढ़ाया है, ये सब कुछ ठीक है लेकिन आप लोग मेरा लिंकअप उनके साथ या उनका लिंकअप मेरे साथ क्यों करा रहे हैं, वो भी वर्तमान में. मुझे पता है कि कई बार लोगों को फिल्म प्रमोट करने के लिए इस तरह के शगूफों का सहारा लेना पड़ता है लेकीन मुझे ये सब नहीं चाहिए.

जूली 2 के बारे में बात करने के लिए मेरे पास काफी कंटेंट है. शुक्र है कि आज के ज़माने में हमारे पास सोशल मीडिया की ताकत है. जब कोई गलत लिखता है तो मैं उसका जवाब उसी वक़्त दे देती हूं कि भाई साहब मैंने ऐसा नहीं कहा था. पांच साल पहले की सोचिए जब ट्विटर नहीं था. तब हमारे पास कोई आवाज़ नहीं थी.