view all

पार्वती की नाम वाली वो हॉलीवुड एक्ट्रेस, जिसके सामने बड़े-बड़े झुकते हैं

29 अप्रैल को उमा थर्मन का बर्थडे है वो 47 साल की हों रही हैं.

Avinash Dwivedi

भारत की सांस्कृतिक राजधानी बनारस बड़ा ही पवित्र शहर माना जाता है. बनारस को भारत में हिंदू और बौद्ध धर्म के संगम के क्षेत्रों में से माना जाता है. एक ओर हिंदू धर्म के हिसाब से यह शहर शिव के त्रिशूल पर बसा हुआ है.

वहीं बौद्ध धर्म मामने वालों के लिए यह शहर इसलिए पवित्र है क्योंकि भगवान बुद्ध ने बुद्धत्व की प्राप्ति के बाद अपना पहला उपदेश यहीं पर दिया था.


बनारस की सी ही प्रतिकृति एक हॉलीवुड एक्ट्रेस के नाम में देखने को मिलती है. उनका नाम है उमा करुणा थर्मन.

और ये संयोगमात्र नहीं है. वास्तव में उनका नाम उजाले और सुंदरता की देवी पार्वती से प्रेरित होकर रखा गया है. वहीं उनके नाम में जुड़ा करुणा बौद्ध धर्म के 4 प्रमुख सिद्धांतों में से एक है. करुणा का मतलब होता है दया. बौद्ध धर्म के तीन और सिद्धांत हैं, मेत्ता (कृपा), मुदिता (दयाभरी खुशी) और उपेक्खा (धैर्य).

पूर्व के धार्मिक विचार और परंपराएं हमेशा से पश्चिम के खास तबके को प्रभावित करते रहे हैं. उमा थर्मन भी उसी का एक उत्पाद हैं. हालांकि ये प्रभाव सीधा न होकर पिता के जरिए उन पर आया है.

29 अप्रैल को उमा थर्मन का बर्थडे है वो 47 साल की हों रही हैं.

कौन हैं वो पेरेंट्स जिन्होंने ऐसा नाम रखा

उमा थर्मन के पिता रॉबर्ट थर्मन कोलंबिया यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ रिलीजन में इंडो-तिब्बतन बुद्धिस्ट स्टडी के प्रोफेसर हैं. उनके पिता रॉबर्ट पहले ऐसे पश्चिमी व्यक्ति थे जो तिब्बती बौद्ध साधु बने थे. उनका परिवार काफी सालों से अमेरिका में ही रह रहा है.

पिता की ओर से उनके पूर्वज अंग्रेज, स्कॉट-आयरिश (उत्तरी आयरलैंड), स्कॉटलैंड और जर्मन मूल के थे. उमा थर्मन की मां एक फैशन मॉडल हैं. उमा की मां नीना थर्मन स्वीडिश, जर्मन और डेनिश मूल की थीं. इस तरह से बौद्ध और हिंदू संस्कृतियों के अलावा दुनिया की 7 और संस्कृतियों का उन पर सीधा प्रभाव था.

अपने पिता के बौद्ध धर्म से कनेक्शन के चलते काफी वक्त उन्होंने अल्मोड़ा में भी गुजारा है. उनके संबंध बौद्ध धर्म से गहरे होने के चलते कई बार दलाईलामा उनके घर भी आते थे. उस वक्त उमा काफी कम उम्र की थीं.

13 साल की उम्र में 5 फीट 10 इंच लंबी उमा

हिंदू धार्मिक कथाओं में सत्यनारायण भगवान की कथा में कलावती नाम की एक लड़की का जिक्र आता है. जो बहुत तेजी से बड़ी हो जाती है.

उमा थर्मन ने भी इस कलावती को टक्कर दी और उमा थर्मन मात्र 13 साल की उम्र में 5 फीट 10 इंच लंबी हो गईं. साथ ही वो बहुत पतली भी थीं, पैर भी बड़े-बड़े थे. जिससे उनके क्लास के बच्चे उन्हें हड्डियों का ढांचा कहकर चिढ़ाया करते थे.

उमा की लंबी नाक को देखकर तो उनकी एक आंटी ने उन्हें नाक का ऑपरेशन कराने की सलाह दे दी थी.

एक बार उन्होंने अपने बचपन के बारे में बात करते हुए उमा ने कहा था, 'मैं पढ़ने में बहुत अच्छी नहीं थी, मैं बहुत एथलेटिक भी नहीं थी. मैं कुछ ज्यादा ही लंबी थी, अजीब थी, फनी दिखती थी, मैं एक बच्चे के तौर पर बेहद अजीब थी.'

हॉलीवुड के सबसे खतरनाक डायरेक्टर की प्रेरणा हैं उमा

क्विंटिन टैरेंटिनो और उमा थर्मन

उमा थर्मन को हॉलीवुड डायरेक्टर क्विंटिन टैरेंटिनो ने 2003 में टाइम मैग्जीन को दिए एक इंटरव्यू में उमा थर्मन को अपनी प्रेरणा बताया था. दोनों पहली बार एक साथ 1994 में हॉलीवुड की बहुत ही फेमस फिल्म पल्प फिक्शन में आए थे.

फिल्म में साथ आने का किस्सा भी मजेदार है. उमा थर्मन ने टैरेंटिनो के पल्प फिक्शन में मिया के रोल के लिए मना कर दिया था.

क्विंटिन टैरिंटिनो उसे मिया के किरदार को लेकर इतना डेस्पेरेट थे कि उन्होंने पूरी स्क्रिप्ट उन्हें फोन पर ही सुना डाली और आखिर में उन्हें रोल करने के लिए तैयार कर लिया.

क्विंटिन टैरेंटिनों वर्तमान में हॉलीवुड के सबसे खतरनाक निर्देशकों में से एक हैं. उनका संदेश देने का अपना तरीका है.

'पल्प फिक्शन' मूवी में एक सीन है जब उमा थर्मन को ड्रग के ओवरडोज से बचाने के लिए जॉन ट्रेवोटा उन्हें एड्रिनेलिन का इंजेक्शन देता है. ये सीन देखने वालों को बुरी तरह डरा देता है. टैरेंटिनो का ड्रग एडिक्ट और भावी ड्रग लेने वालों के लिए भय का संदेश इस सीन में निहित है.

इस सीन में मिया के सीने पर जॉन ट्रेवोटा को एड्रिनेलिन का इंजेक्शन घोंपना होता है. ये सीन उल्टा शूट किया गया था. अगर आप ध्यान से देखें तो आपको ये बात समझ आएगी क्योंकि जब मिया होश में आती है तो उसके सीने से थोड़ी ही देर पहले बनाया गया निशान गायब हो जाता है. 1994 में आई इस फिल्म के लिए उमा को बेस्ट सपोर्टिंग एक्ट्रेस के तौर पर नॉमिनेट किया गया था.

'पल्प फिक्शन' के आने के बाद एक बड़े अमेरिकी अखबार ने लिखा था कि उमा लार्जर दैन लाइफ कैरेक्टर तो लेती ही हैं पर अपनी परफॉर्मेंस से उसे और भी बड़ा कर देती हैं.

उमा के 30वें जन्मदिन पर उन्हें टैरेंटिनों की ओर से अपनी जिंदगी की सबसे ज्यादा ख्याति दिलाने वाली फिल्म 'किल बिल' की बिएट्रिक्स किड्डो का किरदार ऑफर किया गया था.

ये रोल टैरेंटिनो ने खासकर उमा के लिए लिखा था. पर अफसोस उस मार्शल आर्ट बेस्ड फिल्म के लिए उमा उस वक्त तैयार नहीं थीं क्योंकि वो उस वक्त प्रैग्नेंट थीं. इसलिए फिल्म की शुरुआत होने में थोड़ा वक्त लगा.

'किल-बिल' फिल्म को उमा थर्मन और टैरेंटिनो के रचे एक किरदार 'द ब्राइड' को मिलकर बनाया था जिससे इंस्पायर होकर ये फिल्म बनी थी. फिल्म की शुरुआत में ये बात लिखकर भी आती है.

एक इंटरव्यू में दोनों ने कहा था कि वो 'पल्प फिक्शन' के बाद से ही इस फिल्म पर काम कर रहे हैं. बॉलीवुड के एक्टर्स को तो आपने पचासों लोगों से अकेले लड़ते देखा होगा लेकिन 'किल-बिल' में उमा सैकड़ों लोगों से भिड़ती हैं. जरा ये सीन देखें:

तंग जगहों पर उमा को घुटन होने लगती है. 2003 में आई उनकी फिल्म 'किल बिल' में एक सीन है जब उनको जिंदा दफना दिया जाता है. उमा इसे अपनी जिंदगी का सबसे भयानक सीन बताती हैं. एक खास बात और है, उमा अक्सर अपनी फिल्मों में नंगे पैर दिखती हैं.

उमा थर्मन के बारे में कई बार टैरेंटिनों से पूछा गया है कि क्या दोनों के बीच में रोमांटिक रिलेशन भी है? एक बार टैरेंटिनों ने इसके जवाब में कहा था, 'ऐसा कुछ हो भी सकता है और नहीं भी'. हालांकि कई बार दोनों इस बात को नकार चुके हैं.

उमा थर्मन से जुड़ी कुछ और खास बातें

उमा थर्मन ने 2001 में आई फिल्म लारा क्रॉफ्ट : टॉम्ब रेडर ठुकरा दी थी. फिर ये रोल एंजेलिना जॉली को मिल गया. बाकी तो सब जानते ही हैं कि इसके बाद एंजेलिना जॉली को लोग घर-घर जानने लगे थे. आप अपने बचपन को याद करें तो जो पीले पन्ने वाले रजिस्टर आते थे, उनके पीछे टॉम्ब रेडर के ही सीन छपे होते थे.

उमा को नसों से जुड़ी कुछ परेशानियां हैं जिससे उन्हें मां बनने में परेशानी होती है. बावजूद इसके उन्होंने तीन बेटियों को जन्म दिया है. अपनी 2012 में पैदा हुई लड़की को उमा ने 6 नाम दिए हैं.

इसके पीछे कारण ये है कि वो आगे कोई भी बच्चा पैदा नहीं करने जा रही थीं तो उन्होंने भविष्य के सारे बच्चों के नाम अपनी इसी बेटी को दे दिए.