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'पृथ्वी थिएटर' भारतीय सिनेमा को शशि कपूर का सबसे नायाब तोहफा

मुंबई में पृथ्वी थिएटर की स्थापना करके शशि कपूर ने कई कलाकारों को एक बेहतर प्लेटफार्म दिया.

Bharti Dubey

पिता पृथ्वी राज कपूर का ये सपना था कि वो एक थिएटर की शुरुआत करें. उनका ये सपना पूरा हुआ जुहू के जानकी कुटीर के पास. भारतीय फिल्म इंडस्ट्री और थिएटर जगत में शशि कपूर का काफी महत्वपूर्ण योगदान है. इस साल ये थिएटर 67 वर्ष का हो गया है लेकिन सोमवार को इसने अपने मालिक को खो दिया.

पृथ्वी के पब्लिसिस्ट मनहर गढ़िया ने बताया, “एक बार एक समाचार पत्र में खबर छपी कि ‘अजूबा’ की नाकामयाबी के कारण शशि कपूर अपना ये थिएटर बेच रहे हैं. इसकी जगह एक मॉल का निर्माण कराया जाएगा.लेकिन ये खबर महज अफवाह थी क्योंकि शशि अपने काम के साथ काफी प्रोफेशनल थे और अपने बिजनेस के साथ भी उनका ऐसा ही नेचर था.”


अपने शब्दों में गढ़िया ने शशि को एक परफेक्ट जेंटलमैन बताया. एक ऐसा जेंटलमैन  जो हमेशा अपनी बातों पर अड़िग रहा.  उन्होंने कहा, “मैं पिछले 30 साल से पृथ्वी थिएटर से जुड़ा हुआ हूं. इसके साथ मेरा रिश्ता एक परिवार जैसा ही है. शशि ही एक ऐसे कपूर थे जिन्हें मैंने कभी पीते हुए नहीं देखा था. वो एक जेंटलमैन और विवादों से परे रहनेवाले व्यक्ति थे. उनके बच्चे भी उन्हीं की तरह साफ और खरे व्यवहार के हैं.”

पृथ्वी थिएटर की शुरुआत से इसके सभी शोज की स्टेजिंग करने वाली नादिरा बब्बर ने कहा, “इस थिएटर में परफॉर्म करने वाले हम बिगिनर्स हैं. हम शशि से दिल्ली में मिले थे जहां वो ‘त्रिशूल’ के लिए शूटिंग कर रहे थे. ये उनकी महानता ही है कि उन्होंने अपने पिता के नाम से थिएटर का निर्माण करवाया. वो चाहते तो किसी और चीज का निर्माण करवा सकते थे जिससे उन्होंने करोड़ों रुपए हासिल हो जाते.”

हमारे साथ बातचीत में नादिरा ने उन पलों को भी याद किया जब शशि खुद आकर नादिरा के सभी प्लेज को देखते थे. उन्होंने कहा, “आज से तीन चार साल पहले जब तक कि वो ठीक से चलते थे, अक्सर हमारे प्लेज देखने आते थे. वो अपनी एक फिक्स्ड जगह पर बैठते और हमें देखते थे. वो हमें फूल और चिट्ठियां भी भेजते थे. जेनिफर केंडल का भी इस थिएटर से काफी लगाव था क्योंकि वो खुद भी थिएटर बैकग्राउंड से आती थीं.”

लिरिसिस्ट वरुण ग्रोवर ने कहा, “पृथ्वी थिएटर जाना हर आर्ट लवर के लिए काफी फायदेमंद है. पृथ्वी में नए शोज के प्रीमियर देखने के साथ ही शशिजी को देखना हमारे लिए एक सौभाग्य की बात थी. ये बात सिर्फ किसी सुपरस्टार को देखने की नहीं है बल्कि उस गोल्डन एरा के ऐसे प्रभावशाली स्टार को देखने की बात है. पृथ्वी में आर्ट लवर्स की चहल पहल के बीच वो शांति और सुख के सामान थे.”

उन्होंने बताया, “ऐसा शायद ही कभी होता कि शशिजी किसी नए शो के प्रीमियर को मिस कर दें. वो अक्सर पृथ्वी कैफे में बैठकर गेट खुलने का इंतजार करते थे. वो आने जाने वाले लोगों की और देख कर मुस्कुराते और हर किसी के नमस्ते का जवाब प्रणाम करके देते थे. जेनिफर और उन्होंने मिलकर पृथ्वी की देखभाल की और आज ये एक ऐसा इंस्टीटयूशन है जहां कई सारे आर्टिस्ट्स के करियर को एक प्लेटफार्म मिला. वो वहां आखिर तक थें और नए टैलेंट्स को आता देखते थे."

जाने माने एड गुरू प्रहलाद कक्कड़ ने बताया, “बहुत कम लोग ये जानते हैं कि वो शशि कपूर ही थे जिन्होंने मुझे और मीना पिंटू को पृथ्वी कैफे में स्ट्रगलर्स को थाली सर्व करने को कहा था. हम वहां टेबल्स पर भी सर्व करना चाहते थे लेकिन ज्यादा लोगों ने समर्थन नहीं दिया और फिर हमने वही किया जो शशि चाहते थे. 5 रुपए में थाली सर्व करना. पृथ्वी थिएटर की शुरुआत के तीन साल बाद पृथ्वी कैफे की शुरुआत की गई थी.”

आगे प्रहलाद ने कहा, “जेनिफर मेरे पास आईं और मैंने कहा कि क्यों न हम ‘जो एलन चैन ऑफ थिएटर रेस्टोरेंट्स’ की शुरुआत करें जैसे की लंदन में है. जेनिफर सरप्राइज हो गईं और मुझसे पूछने लगी कि मुझे ‘जो एलन थिएटर रेस्टोरेंट’ के बारे में कैसे पता है. इसके बाद मेरी फ्रेंड मीना पिंटू ने ज्वाइन किया. वो एक बेहतरीन कुक हैं और ये कैफे काफी कम समय में पॉपुलर हो गया.”

जब उनसे पूछा गया कि क्या शशि इस कैफे की डिशेज को पसंद करते थे? तो उन्होंने कहा, “ वो मीना पिंटू और उनकी कुकिंग बहुत पसंद करते थे. उन्हें स्टफ्ड पोम्फ्रेट बहुत पसंद था और कभी कभी मेनू में क्रैब भी होता था और तब मैं उन्हें पृथ्वी थिएटर बुला लेता था.