गुरुवार को हज़रत लाल शाहबाज़ कलंदर के दरगाह पर मौजूद भीड़ आत्मघाती हमले का शिकार हुई है, जिसमें लगभग 75 लोगों की जान चली गई. इस हमले में 100 से ज्यादा लोगों के घायल होने की भी खबर आई है.
ये दरगाह पकिस्तान के सेहवन में हैं. हज़रत लाल शाहबाज कलंदर के सम्मान में गाया जाने वाला सूफी गाना, 'दमा दम मस्त कलंदर' अब तक हिंदुस्तान और पकिस्तान के लगभग 50 से ज्यादा गायकों ने गाया होगा. इनको मानने वालों में हिन्दू मुसलमान दोनों हैं.
हज़रत शाहबाज़ को लाल कहे जाने की वजह उनका लाल पहनावा माना जाता था और जब उसे झूलेलाल कहें तो इसमें हमें सूफी प्रेम की झलक मिलती है.
इस गाने को अमीर खुसरो ने लिखा था और बाद में इसे बुल्ले शाह ने थोड़ा बदलते हुए गाया है, जिससे ये गाना केवल दरगाह तक सीमित न रहकर लोगों की जुबान तक पहुंचा.
नुसरत फतेह अली खान की 'दमा दम मस्त कलन्दर'
कोक स्टूडियो में कोमल रिजवी का गाया गाना.
अभी हाल ही में इस गाने को नूरन सिस्टरस ने गाया है.
आबिदा परवीन का गाया हुआ,'ओ लाल मेरी'
पकिस्तान के एक कव्वाली कार्यक्रम में सनम मारवी का गाया हुआ गाना.
'दमा दम मस्त कलंदर'को मिका सिंह ने 'डी डे' मूवी में भी गाया है.
इस गाने को सूफी और पंजाबी दोनों ही परम्पराओं में इतनी ही शिद्दत से गाया जाता है. जो एक ही साथ बेहद ऊर्जा भी देती है और शांति भी.