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पहलाज निहलानी ने राजनीति के चश्मे से देखा 'इंदु सरकार' का ट्रेलर

पहलाज निहलानी ने कहा कि 'इंदु सरकार' को कांग्रेस या गांधी परिवार के किसी सदस्य से एनओसी लेने की जरूरत नहीं

FP Staff

पहलाज निहलानी बहुत मूडी आदमी हैं. अलग-अलग फिल्मों के लिए पहलाज के बयान हमेशा अलग-अलग रहे हैं.

जहां एक तरफ पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर बनने वाली फिल्म के निर्माताओं को मनमोहन सिंह से नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) लेने के लिए कहा जाएगा, वहीं इंदिरा गांधी द्वारा घोषित आपातकाल पर बनी फिल्म 'इंदु सरकार' के निर्देशक मधुर भंडारकर को इस मामले में राहत दे दी गई.


सेंसर बोर्ड (सीबीएफसी) के अध्यक्ष पहलाज निहलानी इस फिल्म के ट्रेलर को देख कर बहुत रोमांचित हो गए. उनका कहना है कि 'इंदु सरकार' को कांग्रेस या गांधी परिवार के किसी सदस्य से एनओसी लेने की जरूरत नहीं है.

निहलानी ने कहा, 'मैंने मधुर की फिल्म का ट्रेलर देखा है और मैं उन्हें भारतीय राजनीति के सबसे शर्मनाक अध्यायों में से एक पर से पर्दा उठाने के लिए धन्यवाद देना चाहता हूं.

यह एक ऐसा समय था, जब देश को दुनियाभर के सामने शर्मनाक स्थिति का सामना करना पड़ा. आपातकाल के दौरान हमारे कई बड़े नेताओं को जेल जाना पड़ा.'

निहलानी से जब पूछा गया कि उस नियम का क्या होगा, जिसमें वास्तविक घटनाओं या हालात से संबंधित व्यक्ति से नॉन ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट लेने की बात कही गई है.

इस पर निहलानी ने कहा, 'इंदु सरकार' में किसी का नाम नहीं लिया गया है. ट्रेलर में उसमें इंदिरा गांधी, संजय गांधी या किसी और का जिक्र नहीं है. आपने जिन लोगों का जिक्र किया, उन्हें लेकर आप ऐसा अनुमान हुलिया में समानता की वजह से लगा रहे हैं.'

निहलानी के अनुसार, 'मैंने ट्रेलर में किसी का नाम नहीं सुना, अगर उन्होंने फिल्म में कोई ऐसा जिक्र किया है, तो फिर हम इस मामले को देखेंगे. फिलहाल मैं इस बात से खुश हूं कि किसी ने आपातकाल पर फिल्म बनाई है. यह हमारे राजनीतिक इतिहास में एक काला धब्बा है.'

शायद निहलानी जी अपनी पसंद और नापसंद के आधार पर सेंसर बोर्ड के नियम बना रहे हैं.

साभार न्यूज़ 18