‘पद्मावत’ के उपर से विवादों का साया कब हटेगा ये तो कहा नहीं जा सकता लेकिन एक बात है इस फिल्म के संबंध में जो बड़ी ही गंभीर है कि राजस्थान उच्च न्यायालय के जज संदीप मेहता की कोर्ट ने 23 जनवरी से पहले फिल्म को कोर्ट के सामने दिखाने को कहा है. जिसके बाद ही ये तय हो पाएगा कि आगे क्या करना है.
संदीप मेहता ने संजय लीला भंसाली और अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए हैं. ऐसा इसलिए किया गया है क्योंकि भंसाली, रणवीर सिंह और दीपिका पादुकोण पर नागौर के डीडवाना पुलिस थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था जिस पर सुनवाई करते हुए ये निर्देश दिए गए हैं. दरअसल, इन तीनों पर आईपीसी की धारा 153 ए और 295 ए के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. जिन्हें रद्द कराने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी.
आपको बता दें कि, फिल्म को रिलीज करने से पहले सिनेमैटोग्राफी अधिनियम 1952 के तहत बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन सेक्शन 5 ए के तहत सर्टिफिकेट लेना पड़ता है. इस बाबत कोर्ट ने कहा कि, ‘मुकद्मे को निरस्त फिल्म को देखे बिना नहीं किया जा सकता है, इसलिए 23 जनवरी या इससे पहले फिल्म को कोर्ट के सामने दिखाना होगा.’
राजस्थान का तो पता नहीं मगर गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने कहा है कि, ‘गुजरात में फिल्म ‘पद्मावत’ रिलीज नहीं होगी. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, गुजरात के सीएम ने इसकी रिलीज पर बैन लगा दिया है. जबकि सीबीएफसी ने फिल्म में कुछ बदलाव करने के बाद इसे रिलीज के लिए हरी झंडी दे दी है.’