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ऑस्कर 2017: ला ला लैंड या मूनलाइट, जानिए किन फिल्मों की रहेगी चकाचौंध?

इस बार का ऑस्कर सियासी साबित होने वाला है.

Anna MM Vetticad

ऑस्कर अवार्ड्स का मिजाज हमेशा से सियासी रहा है. लेकिन इस साल के ऑस्कर का जलसा और अवार्ड्स के लिए नामों का चयन पहले की तुलना में कहीं ज्यादा सियासी साबित होने वाला है.

बेस्ट फॉरेन लैंग्वेज कैटेगरी के अंतर्गत नॉमिनेटेड पांच फिल्मों के निर्देशकों ने दुनिया भर में दूसरे मुल्क के बाशिन्दों के प्रति पनपती नफरत के बारे में एक साझा बयान जारी किया है. कयास इस बात के भी लगाये जा रहे हैं कि ऑस्कर अवार्ड्स जीतने वालों के भाषण में डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र आएगा.


पिछले साल ऑस्कर अवार्ड्स के बारे में एक अभियान चला था कि वह गोरी चमड़ी वाले लोगों की तरफदारी में झुका होता है. इसे #OscarsSoWhite (ऑस्कर सो व्हाइट ) का नाम दिया गया. चूंकि इस साल ऑस्कर के नॉमिनेशन में अश्वेतों की तादाद ज्यादा है, सो आसार इसी बात के हैं कि पिछले साल का अभियान इस बार के चयन पर असर डालेगा.

ऑस्कर-2017 के चार सबसे बड़े अवार्ड्स के बारे में मेरा पूर्वानुमान कुछ यों है:

बेस्ट मूवी (नॉमिनीज):

-अराइवल (Arrival)

-फेन्सेज (Fences)

-हैकसॉ रिज् (Hacksaw Ridge)

-हेल ऑर हाई वाटर (Hell Or High Water)

-हिडेन फीगर्स (hidden Figures)

-ला ला लैंड (La La Land)

-लॉयन (Lion)

-मैनचेस्टर बाय दि सी (Manchestar By The Sea)

-मूनलाइट (moonlight)

'ला ला लैंड' के 14 नॉमिनेशन हैं और फिल्म को हर ओर से वाहवाही भी मिली है. इस फिल्म ने नॉमिनेशन के लिहाज से 1950 की फिल्म 'ऑल अबॉऊट ईव' और 1997 की फिल्म 'टाइटैनिक' की बराबरी कर ली है. ऑस्कर के लिए अब तक सबसे ज्यादा नॉमिनेशन पाने का रिकार्ड इन्हीं दो फिल्मों का है.

ऐसे में उम्मीद यही है कि 'ला ला लैंड' ऑस्कर की चकाचौंध भरी रात की सबसे पसंदीदा फिल्म साबित होगी. देखना यह है कि फिल्म जीत के मामले में 'बेनहर' (1959), 'टाइटैनिक' और 'लार्ड ऑफ रिंग्स: द रिटर्न ऑफ द किंग' (2003) की बराबरी करती है या उसे इन तीन फिल्मों से भी ज्यादा ट्रॉफी हासिल होती है. इन तीन फिल्मों में हरेक के खाते में 11 ट्राफियां हैं.

आंकड़ों का गणित 'ला ला लैंड' के पक्ष में है. डेमियन शुजल की गहरे भाव जगाने वाली यह संगीत प्रधान मगर तेज रफ्तार फिल्म 'बाफ्टा' और 'गोल्डेन ग्लोब्स' में बेस्ट फिल्म (म्यूजिकल या फिर कॉमेडी कैटेगरी में) का अवार्ड जीत चुकी है. इस फिल्म को प्रोड्यूसर्स गिल्ड ऑफ अमेरिका(पीजीए) अवार्ड भी मिला है.

किसी फिल्म को पीजीए अवार्ड मिल जाये तो माना जाता है कि वह ऑस्कर भी जीतेगी.

पीजीए अवार्ड की शुरुआत 1990 में हुई. तब से 28 फिल्मों को पीजीए अवार्ड से नवाजा गया है और इनमें से 19 को बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर अवार्ड मिला है.

अगर 'ला ला लैंड' को बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर अवार्ड नहीं मिलता तो फिर खेल में खलल पैदा करते हुए बेस्ट पिक्चर का ऑस्कर अवार्ड 'मूनलाईट' की झोली में जा सकता है. 'मूनलाइट' एक गरीब अश्वेत बच्चे के बड़े होने की कहानी है. उसका बचपन उपेक्षाओं से भरा है. मां नशेड़ी है. बच्चा नस्ली पूर्वाग्रह, समलैंगिक यौन-संबंधों को लेकर प्रचलित भेदभाव और गरीबी से जूझते हुए बड़ा होता है. 'मूनलाइट' को ड्रामा कैटेगरी में गोल्डेन ग्लोब का बेस्ट पिक्चर अवार्ड मिल चुका है.

जहां तक मेरा सवाल है, 'मूनलाइट' मेरी पसंदीदा फिल्मों में नहीं है. यह फिल्म भावनाओं को झकझोरती है और विषय के लिहाज से भी इसे प्रासंगिक माना जाएगा. लेकिन मेरे ख्याल से 'मूनलाइट' दर्शक को उतना संतुष्ट नहीं करती, जितना कि इस कैटेगरी में शामिल कुछ अन्य फिल्में. जाहिर है, भारत समेत दुनिया के बाकी देशों के समीक्षक मुझसे सहमत नहीं होंगे. लेकिन 'मूनलाइट' को लेकर मेरे ख्याल ऐसे ही हैं.

अगर 'ला ला लैंड' और 'मूनलाइट' के बीच मुकाबला हो तो मैं 'ला ला लैंड' को चुनूंगी. भले ही ऊपर-ऊपर इसमें जिंदादिली के रंग तैरते दिखते हों लेकिन यह गहरी उदासी में ले जाने वाली फिल्म है.

लेकिन दरअसल मेरी अपनी पसंद फिल्मों की इस छोटी सी सूची में 'ला ला लैंड' भी नहीं है. मेरा वोट तो 'हिडेन फीगर्स' को मिलेगा. यह प्रेरणा देती और आस जगाती फिल्म है. इस फिल्म में एक अश्वेत औरत को दिखाया गया है जो नस्ली और लैंगिक भेदभाव से जूझती हुई अमेरिकी स्पेस प्रोग्राम में एक केंद्रीय भूमिका निभाती है और मेरे ख्याल से बेस्ट पिक्चर के लिए नॉमिनेटेड नौ फिल्मों में 'हिडेन फीगर्स' सबसे खूबसूरत है और उसमें अभिनय भी उच्च कोटि का है.

'हिडेन फीगर्स' को इस सीजन में एक इनाम मिल चुका है और यह इनाम भी पीजीए की तरह इस बात के इशारे करता है कि फिल्म को ऑस्कर मिल सकता है. मेरे मन में इसी वजह से 'हिडेन फीगर्स' को लेकर उम्मीद है.

स्क्रीन एक्टर्स गिल्ड(एसएजी) के सालाना जलसे में 'हिडेन फीगर्स' को मोशन पिक्चर्स कैटेगरी में आउटस्टैंडिंग परफॉरमेंस का अवॉर्ड मिला. साल 2007 से अबतक एसएजी में विजेता रही ऐसी सात फिल्मों को ऑस्कर में बेस्ट पिक्चर का अवार्ड मिला है. सवाल है कि क्या इस बार ऐसी सातवीं फिल्म को यह अवार्ड मिलेगा ?

-संभावित विजेता: ला ला लैंड

-बराबर की टक्कर देती फिल्म, जीत के करीब: मूनलाईट

-मेरी निजी पसंद: हिडेन फीगर्स

-मेरी दूसरी पसंद (जीत के एकदम करीब): ला ला लैंड

-बेस्ट डायरेक्टर (नॉमिनीज):

-मूनलाइट के लिए बेरी जेन्किन्स

-ला ला लैंड के लिए डेमियन शुजल

-अराइवल के लिए डेनिस विल्नवे

-मैंचेस्टर बाय द सी के लिए केनेथ लोनेरगन

-हैकशॉ रिज के लिए मेल गिब्सन

बेस्ट पिक्चर कैटेगरी की तरह यहां भी मुकाबला एकदम बराबरी का है. अगर 'ला ला लैंड' को इस साल बेस्ट पिक्चर की ट्रॉफी मिलती है तो बहुत संभावना है कि अकेडमी के सदस्य भरपाई के तौर पर 'मूनलाइट' के लिए बेरी जेन्किन्स को बेस्ट डायरेक्टर का अवार्ड दें.

बहरहाल, इस साल सबके फेवरिट शुजल ही हैं. शुजल ने गोल्डेन ग्लोब सेरेमनी में अपना रंग जमाया. उन्हें बेस्ट डायरेक्टर और बेस्ट स्क्रीनप्ले के लिए ट्रॉफी मिली. बाफ्टा में भी उन्हें बेस्ट डायरेक्टर चुना गया और डायरेक्ट गिल्ड्स ऑफ अमेरिका(डीजीए) का भी अवार्ड मिला जो एक तरह से ऑस्कर मिलने की पूर्वसूचना है.

डायरेक्ट गिल्डस् ऑफ अमेरिका का अवार्ड मिल जाए तो समझिए कि बेस्ट डायरेक्टर का ऑस्कर अवार्ड आपकी झोली में है क्योंकि 1948 से लेकर अबतक सिर्फ सात दफे ऐसा हुआ है जब किसी डायरेक्टर ने डीजीए का अवार्ड जीता हो, लेकिन ऑस्कर जीतने से चूक गया हो.

रिकॉर्ड के लिए यहां यह भी बताते चलें कि शुजल को संगीत के कथानक पर आधारित बेहतरीन फिल्म 'ह्वीपलैश' के लिए 2015 में बेस्ट डायरेक्टर का ऑस्कर नॉमिनेशन मिल जाना चाहिए था. बहरहाल, ऐसा ना हो सका और बेस्ट डायरेक्टर के लिए ऑस्कर में यह उनका पहला नोमिनेशन है.

-संभावित विजेता: डेमियन शुजल

-बराबरी की टक्कर (जीत के बहुत करीब): बैरी जेन्किन्स

मेरी निजी पसंद: डेमियन शुजल

-जिसे नोमिनेशन मिलना चाहिए था: हिडेन फीगर्स के लिए थियोडोर मेल्फी को

बेस्ट एक्ट्रेस (नॉमिनीज):

-ला ला लैंड के लिए एम्मा स्टोन

-एल के लिए इजाबेल हप्रेट

फ्लोरेंस फॉस्टर जेन्किन्स के लिए मेरिल स्ट्रीप

जैकी के लिए नताली पोर्टमैन

लविंग के लिए रुथ नेग्गा

इस कैटेगरी में शामिल सभी अभिनेत्रियां अपने फन में माहिर हैं और उन्होंने दमदार अभिनय किया है. सीजन के रुझान के लिहाज से देखें तो जीत की दौड़ में सबसे आगे एम्मा स्टोन हैं.

'ला ला लैंड' में उन्होंने एक ऐसी महिला का किरदार निभाया है जो अपने सपने को पूरा करने के लिए उन तमाम राहों से अलग रास्ता चुनती है, जिसे समाज बेहतर मानता है. इस भूमिका में उन्हें अभिनय के साथ-साथ गायन और नृत्य का भी जिम्मा उठाना पड़ा और तीनों जिम्मेवारी का निर्वाह उन्होंने बखूबी किया है.

फोटो. रॉयटर्स

एम्मा स्टोन को इस साल का गोल्डेन ग्लोब (कॉमेडी या म्यूजिकल कैटेगरी में), एसएजी और बाफ्टा अवार्ड मिल चुका है. 'ला ला लैंड' में अभिनय के लिए उन्हें हर तरह के मंच पर प्रशंसा मिली है, चाहे वह पॉपुलर फिल्मों का मंच हो या फिर गंभीर और कलाप्रधान मानी जाने वाली फिल्मों का मंच.

सबसे पुराने वेनिस फिल्म फेस्टिवल में भी उन्हें बेस्ट एक्ट्रेस के अवार्ड से नवाजा गया. हालांकि क्रिटिक्स च्वॉईस अवार्ड में बाजी नताली पोर्टमैन ने जीती और गोल्डेन ग्लोब्स के ड्रामा कैटेगरी में बेस्ट एक्ट्रेस का अवार्ड इजाबेल ह्यूपर्ट को मिला लेकिन एम्मा स्टोन को इस बार का ऑस्कर विजेता मानकर चला जा रहा है. अगर उन्हें ऑस्कर नहीं मिलता तो यह हैरानी की बात होगी.

-संभावित विजेता: एम्मा स्टोन

-कड़ी टक्कर: इजाबेल हप्रेट और नताली पोर्टमैन

-मेरी निजी पसंद: एम्मा स्टोन

-जिसे नॉमिनेशन मिलना चाहिए था: हिडेन फीगर्स के लिए टराजी पी हैंसन को

बेस्ट एक्टर (नॉमिनीज):

-हैकशॉ रिज के लिए एंड्रयू गारफील्ड

-मैन्चेस्टर बाय द सी के लिए केसी अफ्लेक

-फेन्सेज के लिए डेन्जेल वाशिंग्टन

-ला ला लैंड के लिए रेयान गॉस्लिंग

-कैप्टेन फैन्टास्टिक के लिए विगो मोर्टेन्सेन

इस साल बेस्ट एक्ट्रेस कैटेगरी के लिए पूर्वानुमान लगाना आसान है लेकिन बेस्ट एक्टर के लिए नहीं क्योंकि अवार्ड के इस सीजन में ऐसा कोई भी रुझान नहीं रहा जिसके आधार पर साफ-साफ बताया जा सके कि किस एक्टर के जीतने की संभावना ज्यादा है.

केसी अफ्लेक ने गोल्डेन ग्लोब सेरेमनी में ड्रामा कैटेगरी में डेन्जेल वाशिंग्टन और विगो मोर्टेन्सेन को हराया जबकि रेयान गॉस्लिंग को म्यूजिकल या कॉमेडी कैटेगरी में बेस्ट एक्टर का अवार्ड मिला. बाफ्टा के लिए वाशिंग्टन को नॉमिनेशन नहीं मिला था, जबकि शेष चार बाफ्टा के नॉमिनीज थे. इनाम अफ्लेक को मिला. एसएजी में सभी पांच अभिनेता नामित थे और अवार्ड वाशिंग्टन के नाम रहा.

चूंकि इस साल राजनीति अपना रंग दिखा रही है और जोर इस बात पर है कि कौन कितना सही राजनीतिक मुहावरा बोल रहा है इसलिए अकेडमी के वोटर अफ्लेक को वोट देने में शायद हिचकिचाएं क्योंकि उनके ऊपर यौन-प्रताड़ना के आरोप लग चुके हैं. इसी तरह, तरजीह वाशिंग्टन को दी जा सकती है क्योंकि अकेडमी पर श्वेत लोगों की तरफदारी करने के लिए अंगुलियां उठी हैं.

यदि जीत वाशिंग्टन की होती है तो इसका श्रेय फेन्सेज की उनकी दमदार अदाकारी के अतिरिक्त और किसी बात को नहीं दिया जा सकता. फिल्म में उन्होंने एक गृहस्थ की भूमिका निभायी है जिसपर सहानुभूति उमड़ती है और नफरत के भी भाव जागते हैं( (नफरत के भाव जगाने वाला उनका अभिनय एक तरह से उपलब्धि गिना जायेगा क्योंकि वाशिंग्टन एक शानदार और खूबसूरत शख्शियत के मालिक हैं).

जिसे ना ठीक-ठीक प्यार करते बने और ना ही घृणा, ऐसे कठिन किरदार को उन्होंने अपनी भूमिका में जीवंत कर दिया है. वाशिंग्टन को इस साल का बेस्ट एक्टर का ऑस्कर अवार्ड मिलना ही चाहिए. इसलिए नहीं कि वे अश्वेत हैं बल्कि इसलिए कि उन्होंने 2016 में किसी भी अभिनेता की तुलना में बेहतर अदाकारी की है.

-संभावित विजेता: डेन्जेल वाशिंग्टन

-करीब की टक्कर: रेयान गॉस्लिंग

-मेरी निजी पसंद: डेन्जेल वाशिंग्टन

-मेरी दूसरी पसंद: रेयान गॉस्लिंग