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ऑस्कर: 1935 में नॉमिनेट हुई बॉम्बे की इस हीरोइन को पहचानते हैं

अब तक 11 भारतीयों को कुल 14 ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया है, जिनमें से पांच भारतीयों ने कुल छह ऑस्कर जीते हैं

Nitesh Ojha

ऑस्कर अवॉर्ड में भारतीय फिल्मों को अक्सर निराशा ही मिली है, लेकिन भारतीय कलाकारों के योगदान को अकादमी अवॉर्ड ने कई बार ऑस्कर से सम्मानित किया है. अब तक 11 भारतीयों को कुल 14 ऑस्कर के लिए नॉमिनेट किया है. जिनमें से पांच भारतीयों ने कुल छह ऑस्कर जीते हैं. साथ ही तीन भारतीय फिल्में भी ऑस्कर अवॉर्ड की सर्वश्रेष्ठ विदेशी भाषा फिल्म कैटेगिरी में नॉमिनेट हुई हैं.

ऑस्कर जीतने वाले भारतीय


भारत की ओर से सबसे पहला ऑस्कर अवॉर्ड साल 1983 में भानु अथैय्या को फिल्म गांधी में बेस्ट कॉस्ट्यूम डिजाइन के लिए मिला था. ऑस्कर ने साल 1992 में मशहूर भारतीय फिल्म निर्देशक सत्यजीत रे को ऑस्कर के मानद पुरस्कार से सम्मानित किया था.

ए.आर रहमान के साथ बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग का अवॉर्ड मशहूर गीतकार गुलजार को भी मिला था. इस तरह पांच भारतीयों ने कुल छह ऑस्कर अवॉर्ड जीते हैं.

बॉम्बे से हॉलीवुड में

ऑस्कर में बेस्ट एक्टर के रूप में अभी तक कोई भारतीय नॉमिनेट नहीं हुआ लेकिन कुछ भारतीय मूल के एक्टर्स जरूर ऑस्कर के करीब पहुंचने में सफल हुए हैं.

इन में सबसे पहले नाम आता है बॉम्बे में पैदा हुई मर्ल ओबेरोन का. मर्ल साल 1935 में फिल्म द डार्क एंजल के लिए नॉमिनेट हुईं थी लेकिन ऑस्कर न जीत सकीं.

मर्ल एंग्लो इंडियन थीं जो मुंबई में पैदा हुईं थी, लेकिन उन्हें इस बात से हमेशा एतराज था. मर्ल का कहना था कि वह ऑस्ट्रेलिया के तस्मानिया में पैदा हुईं थी, हालांकि उनकी इस बात का खंडन एक पत्रकार ने उन्ही के सामने कर दिया था. जिसका खुद मर्ल के पास कोई जवाब न था.

मर्ल की शुष्क त्वचा को हॉलीवुड में इस्तेमाल होने वाले भारी मेकअप से एलर्जी हो गई थी. कॉस्मेटिक पॉइज़न के कारण उनके चेहरे पर निशान पड़ गए थे. इलाज होने के बाद भी वो निशान देखे जा सकते थे. कई लोगों का मानना था कि वह इसके बाद एक्टिंग नहीं कर पाएंगी. लेकिन मर्ल वापिस आईं और फिर वही भारी मेकअप लगाकर अभिनय करने लगीं.

कृष्णा पंडित भांजी बने गांधी

मर्ल के बाद बेन किंग्सले बने ऑस्कर में पहुंचने वाले दूसरे भारतीय मूल के अभिनेता. बेन न सिर्फ ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुए बल्कि फिल्म गांधी के लिए बेस्ट एक्टर का ऑस्कर जीतने में भी कामयाब हुए. बता दें कि बेन का असली नाम कृष्णा पंडित भांजी है. लेकिन इस नाम को विदेशी सही से बोल नहीं पाते, तो कृष्णा पंडित भांजी ने अपना नाम रख लिया बेन किंग्सले.

हाल ही में ऑस्कर के लिए नॉमिनेट होने वाले देव पटेल तीसरे भारतीय मूल के अभिनेता हैं जो ऑस्कर तक पहुंचे. फिल्म स्लमडॉग में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुके देव को साल 2016 में आई फिल्म लायन के लिए बेस्ट सपोर्टिंग एक्टर के लिए नॉमिनेट किया लेकिन वह जीतने में नाकाम रहे.

साल 2009 तक सिर्फ दो ही भारतीयों के हाथ यह पुरस्कार आया था, लेकिन साल 2009 में एक ही कलाकार ने दो ऑस्कर अपने नाम कर लिए. फिल्म स्लमडॉग में गाए गाने जय हो के लिए ए.आर रहमान को बेस्ट ऑरिजनल सॉन्ग और बेस्ट ऑरिजनल स्कोर के लिए ऑस्कर मिला. इसी के साथ दो ऑस्कर अवॉर्ड जीतने वाले ए.आर रहमान पहले भारतीय बन गए. फिल्म स्लमडॉग के लिए ही रेसूल पूकुट्टी को भी बेस्ट साउंड मिक्सिंग के लिए ऑस्कर अवॉर्ड मिला था.

कौन-कौन सी भारतीय फिल्में पहुंची हैं ऑस्कर में

साल 1957 से हर साल ऑस्कर में भारत की ओर से फिल्में भेजी जाती रहीं हैं, लेकिन एक भी फिल्म अभी तक ऑस्कर अवॉर्ड जीतने में सफल नहीं हो पाई है. हालांकि तीन भारतीय फिल्में ऑस्कर के लिए नॉमिनेट हुईं, जिनमें मदर इंडिया पहली भारतीय फिल्म थी जो ऑस्कर अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट हुई थी. साल 1958 में नॉमिनेट हुई मदर इंडिया महज एक अंक से ऑस्कर जीतते-जीतते रह गई. इस वर्ष का ऑस्कर फिल्म नाइट्स ऑफ कैरिबिया को मिला था.

मदर इंडिया के नॉमिनेट होने के तीन दशक बाद ऑस्कर अवॉर्ड तक पहुंची फिल्म सलाम बॉम्बे भी ऑस्कर जीतने में नाकाम रही. 1987 में नॉमिनेट हुई सलाम बॉम्बे के बाद साल 2001 मे आमिर खान अभिनीत फिल्म लगान भी ऑस्कर के फाइनल 5 में पहुंची, लेकिन जीत न सकी.

भारत की तरफ से 17 साल पहले ऑस्कर में पहुंची फिल्म लगान आखिरी ऑस्कर नॉमिनेटेड फिल्म है.