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Confession : रियलिस्टिक सिनेमा में बहुत संभावनाएं हैं, ये बॉलीवुड का सुनहरा दौर है – गोविंद नामदेव

गोविंद नामदेव से बॉलीवुड से लेकर उनकी पर्सनल लाइफ तक पर हमने की खुलकर बात

Hemant R Sharma

ओह माय गॉड, वॉडेंट, सत्या, फिर भी दिल है हिदुंस्तानी, सरकार राज, सिंघम रिटर्न्स जैसी करीब सवा सौ से ज्यादा फिल्मों में अपने अभिनय का लोहा मनवा चुके एक्टर गोविंद नामदेव की फिल्म ‘शादी में जरूर आना’ इस हफ्ते रिलीज हो चुकी है, इस फिल्म में उन्होंने कृति खरबंदा के पिता का किरदार निभाया है. इस फिल्म में उनके रोल, फिल्मी सफर और बॉलीवुड के बारे में फर्स्टपोस्ट हिंदी ने उनसे खास बात की.

शादी में जरूर आना में अपने रोल के बारे में बताएं


इस फिल्म में मैं कृति के पिता के रोल में हूं. बड़ा ही परंपरावादी कैरेक्टर है लेकिन अपनी बेटी से दिल की प्यार करता है. जब उसे पता चलता है कि बेटी जिस लड़के को चाहती है, उससे रिश्ता पक्का हो गया है, दहेज की मांग आती है तो बेटी की खुशी की खातिर उसे भी मान लेता है, जमीन बेचकर, लोन लेकर हर तरह से शादी की तैयारी करता है. फिल्म में बहुत अच्छा मैसेज है, आपको जरूर देखनी चाहिए.

आपको मीडिया में काफी कम देखा जाता है?

मीडिया के साथ मेरे बहुत अच्छे संबंध हैं. मैं खुद को बहुत बिजी रखता हूं. मैं पार्टियों में ज्यादा इसलिए नहीं जाता, वहां मुझे लगता है कि 3-4 घंटे पार्टी में जाने से अच्छा है कि मैं कुछ लिख लूं, पढ़ लूं.. हां, जहां मेरे संपर्क के लोग होते हैं, वहां मैं जरूर जाता हूं.

आजकल छोटे बजट की फिल्में बड़ा बिजनेस कर रही हैं, इस परिवर्तन को कैसे देखते हैं आप?

ये बड़ा ही सुखद दौर है. पहले इस तरह की फिल्में थिएटर्स तक आ ही नहीं पाती थीं. गोविंद निहलानी या श्याम बेनेगल की कुछ फिल्में हिट होती थीं तो थिएटर्स तक आती थीं. लेकिन अब स्टोरी हीरो बन गई है. एक्टर्स भले ही बड़े न हों लेकिन फिल्में आ रही हैं, पसंद की जा रही हैं. बरेली की बर्फी, न्यूटन, शुभ मंगल सावधान ये सब उसी के उदाहरण हैं. बॉलीवुड बहुत तेजी से आगे बढ़ रहा है. नए लोगों को काम मिल रहा है और प्रड्यूसर्स भी आगे आकर इस तरह की फिल्मों में पैसा लगा रहे हैं. इस दौर को बॉलीवुड में परिवर्तन का दौर कहा जाना चाहिए. दर्शकों को भी ये कहानियां उनके जैसी लगती हैं. ये फिल्में खूब पसंद इसलिए ही तो की जा रही हैं. इसे बॉलीवुड का सुनहरा दौर कहा जा सकता है.

निगेटिव शेड्स आपने खूब किए हैं, इसके पीछे की क्या सोच रही है?

निगेटिव कैरेक्टर्स मैंने सोच समझकर किए. पहले की फिल्मों में तीन रोल ही महत्वपूर्ण होते थे, हीरो, हीरोइन और विलेन. पॉजिटिव रोल्स केवल स्टोरी को भरने के लिए होते थे. इसलिए विलेन के रोल्स मैंने खूब किए क्योंकि मुझे हमेशा पहली कतार में रहना था. अभी कुछ पॉजिटिव कैरेक्टर भी आ रहे हैं. शादी में जरूर आना में उसी तरह का रोल है. मैंने हमेशा ये कोशिश की है कि रोल हमेशा ऐसा हो जिसमें दिखाने के लिए कुछ हो. कच्चे धागे मैंने की उसमें मेरा पॉजिटिव कैरेक्टर था लेकिन दमदार रोल था. गोविंद निहलानी की तक्षक में मेन कैरेक्टर था.

अपनी आने वाली फिल्मों के बारे में कुछ बताएं?

मेरी एक फिल्म मर्डर मिस्ट्री जनवरी में रिलीज होने जा रही है. उसमें मेरा पुलिसवाले का रोल है. ये पूरी फिल्म स्विटजरलैंड में शूट हुई है. एक हॉलीवुड-बॉलीवुड का प्रोजेक्ट है जिसका नाम है सोलर इक्लिप्स, इसमें मेरा मोरारजी देसाई का रोल है. दिसंबर में ही एक और फिल्म झलकी भी रिलीज हो सकती है, ये चाइल्ट ट्रैफिकिंग का मुद्दा है, उसमें मेरा निगेटिव रोल है. गांव से बच्चों को उठाकर फैक्ट्रियों में काम में लगाने वाले का रोल है. दिसंबर में ही एक और फिल्म दशहरा आने वाली है. बिहार की राजनीति पर ये फिल्म है, हार्डकोर विलेन का रोल है. अलग-अलग कलर्स के कैरेक्टर्स आपको देखने को मिलेंगे.

सोशल मीडिया पर भी आप कम एक्टिव रहते हैं, इस दूरी की वजह क्या है? आपके फैंस आपसे कैसे संपर्क कर सकते हैं?

फेसबुक पर पेज है मेरा. लेकिन बहुत सक्रिय में इसलिए नहीं रहता हूं कि मुझे लगता है कि इसमें बहुत टाइम चला जाता है. जब में वॉट्सऐप पर एक्टिव हुआ तो करीब 400-500 मैसेज आते हैं. कहां संभव है उन सबका जवाब देना. उसमें कुछ अच्छी नॉलेज की बातें होती हैं. लेकिन नॉलेज वो अच्छी है जो आपको अच्छा ह्यूमन बीईंग बनाए. चाहें आप सोशल मीडिया पर रहें या न रहें.

गोविंद नामदेव जब शूट नहीं कर रहे होते हैं तो क्या कर रहे होते हैं?

मुझे लिखने-पढ़ने का शौक है. मैंने अभी एक प्ले लिखा है. जिसे राजकमल प्रकाशन छाप रहे हैं. जब शूटिंग नहीं चल रही होती है तो छह घंटे मेरे इसमें जाते हैं. म्यूजिक का भी मुझे शौक है. मेरा शौक है कि मैं एनएसडी में एक्टिंग सिखाऊं. दस दिन में उनको वर्कशॉप करता हूं. भोपाल में स्कूल ऑफ ड्रामा में मैं जाता हूं. मुंबई यूनिवर्सिटी में भी मैं एमए के स्टूडेंड्स को सिखाता हूं.

आपकी फैमिली में से कोई भी बॉलीवुड में नहीं है?

ऐसा नहीं है मेरी बड़ी बेटी मेघा नामदेव ने अमेरिका से फिल्ममेंकिंग की पढ़ाई की है. वो रोहित शेट्टी के साथ काम कर रही हैं. उनसे छोटी बेटी फैशन डिजायनर हैं. और जो सबसे छोटी बेटी हैं, वो संगीत की शौकीन हैं, उनको रॉकस्टार बनना है. हां, ये जरूर है कि एक्टिंग में नहीं आया कोई. लेकिन मीडिया से सभी का वास्ता है.

आपको शादी में जरूर आना के लिए बहुत बधाई..

जी शुक्रिया..