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Revealed: अब तक अपने पुरस्कार की राह तक रहे हैं नेशनल अवॉर्ड इवेंट स्किप करने वाले विनर्स

राष्ट्रपति द्वारा अवॉर्ड न दिए जाने के कारण नाराज थे नेशनल अवॉर्ड विनर्स

Akash Jaiswal

राष्ट्रीय पुरस्कार समारोह 2018 को हुए लगभग एक महीना बीत चुका है लेकिन इस समरोह को स्किप करने वाले विजेताओं को अब तक उनका पुरस्कार नहीं मिला है.

मुंबई मिरर की एक रिपोर्ट के अनुसार, इस अवॉर्ड के विजेताओं को उनका अवॉर्ड दिया जाना अभी बाकी है. निर्देशक प्रवीण मोर्चेल इस साल अवॉर्ड जीतने वालों में से एक थे. उन्होंने कहा, “हमने इस सेरेमनी को बॉयकॉट नहीं किया और ना ही हमने किसी का अपमान किया है. हमने बस इसे स्कीप करना सही समझा. हम इस बात से खुश होते अगर इनफार्मेशन एंड ब्रॉडकास्ट मिनिस्ट्री सभी अवॉर्ड्स को राष्ट्रपति के हाथों प्रेजेंट करती.”


प्रवीण ने आगे कहा, “वैसे तो मैंने औपचारिक तौर पर इस मामले में पूछताछ नहीं की है. मैं अन्य विजेताओं के साथ समपर्क में हूं जिन्होंने इस सेरेमनी को अटेंड नहीं किया. कुछ लोगों ने इस मामले में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को कॉल करके बात भी किया तब बताया गया कि अभी इस बात का फैसला नहीं हुआ है कि विजेताओं को उनका अवॉर्ड कूरियर द्वारा भेजा जाए या फिर उसे रीजनल ऑफिस से लेने का आग्रह किया जाए या फिर दिल्ली में किसी प्रतिनिधि द्वारा सौंपा जाए. 3 मई के बाद से अब तक कोई फोन, ई-मेल या फिर संदेश नहीं आया है.”

प्रवीण ने इस बात को कबूल किया कि नीयम के अनुसार, उन्हें उनका कैश प्राइज मिल गया है जिसे उनके अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया था. लेकिन अवॉर्ड अब तक न मिलने पर दुख जताते हुए उन्होंने कहा, “मुझे दुख है की मैं अब तक अपने अवॉर्ड और साइटेशन का इंतजार कर रहा हूं. नेशनल अवॉर्ड जीतना एक राष्ट्रीय सम्मान है और ये किसी भी कलाकार के लिए एक सम्मान की बात है. मुझे ज्यूरी ने ये अवॉर्ड दिया है और उस दिन मेरे गैरमौजूद होने के बाद भी मेरा नाम उस समारोह में लिया गया था. कोई भी किसी भी तरह से मेरा ये अवॉर्ड कैंसिल नहीं कर सकता है. मैं नहीं जानता ये देरी क्यों हो रही है.”

इसी बीच इनफार्मेशन एंड ब्राडकास्टिंग मिनिस्ट्री के एक अधिकारी ने कहा, “पहली बार नेशनल अवॉर्ड पर ऐसा हुआ है. उन्हें अपने अवॉर्ड की राशी पहले ही मिल गई है और उन्हें उनका साइटेशन और मैडल भी जल्द ही मिल जाएगा. इसमें कुछ प्रोसीजर है जिसमें समय लगता है. सरकार कुछ भी रोक कर नहीं रख रही है और इसका काम जल्द ही पूरा कर लिया जाएगा."

आपको बता दें कि समय की कमी के चलते इस साल सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने घोषणा की थी कि केवल 11 विजेताओं को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा सम्मानित किया जाएगा. इस बात के चलते 129 विजेताओं ने इस बात पर आपत्ति जताई थी और इस समारोह का बहिष्कार किया.