बॉलीवुड के वेटरन एक्टर नसीरूद्दीन शाह हाल ही में देश में बढ़ती असहिष्णुता पर बोल कर बुरी तरह से फंस गए हैं. जिसके चलते आज नसीरूद्दीन शाह को लेकर अजमेर के पांचवे लिटरेचर फेस्टिवल में जमकर विरोध हुआ. नसीरूद्दीन यहां चीफ गेस्ट थे लेकिन वो जैसे ही यहां पहुंचे फेस्टिवल का शुभारंभ तक नहीं कर पाए. और उन्हें वापस लौटना पड़ गया.
फेस्टिवल में मौजूद कुछ संगठनों ने ने जबरदस्त हंगामा मचाया. जिस वजह से नसीरूद्दीन को गाड़ी से उतरने भी नहीं दिया गया. इसके साथ ही उनके पोस्टर फाड़ दिए और फेस्टिवल के मंच पर चढ़कर भी तहस-नहस मचाई. गुरूवार को नसीरुद्दीन शाह ने एक वीडियो जारी किया था, इस वीडियो में उन्होंने ने कहा '' समाज में जहर फैल चुका है. मुझे मेरे बच्चों और परिवार को लेकर अब चिंता होती है. कभी भीड़ ने मेरे घर बच्चों को घेर के पूछ लिया की उनका महजब क्या है वो हिंदू हो या मुस्लिम तो वो इसका जवाब नहीं दे पाएंगे. देश में किसी पुलिसवाले की मौत से ज्यादा अहम गाय की मौत है'' नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर हिंसा का जिक्र करते हुए इस बात को कहा है कि आज के भारत में एक गाय की जान पुलिस वाले से ज्यादा कीमती है. नसीरुद्दीन शाह ने बुलंदशहर हिंसा का जिक्र करते हुए इस बात को कहा है कि आज के भारत में एक गाय की जान पुलिस वाले से ज्यादा कीमती है.
इसके साथ ही बीजेपी युवा मोर्चा कार्यकर्ताओं ने कार्यक्रम स्थल पर उनके पुतले फुके और उन्हें पाकिस्तान जाकर रहने को कहा है. नसीरूद्दीन कहते हैं, "मुझे धार्मिक शिक्षा दी गई थी लेकिन रत्ना (उनकी पत्नी) ने बच्चों को किसी तरह की धार्मिक शिक्षा नहीं देने का फैसला किया और हमने इसे ही लागू किया." नसीरुद्दीन के इस बयान को लेकर अब चर्चा में तेज हो गई है.