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फेल होती हूं तो अपनी काबिलियत पर शक होता है: तापसी पन्नू

असफलता काबिलियत पर शक करने का मौका दे देती है.

Kumar Sanjay Singh

लगभग 20 फिल्मों में काम कर चुकीं तापसी पन्नू की कामयाबी का ग्राफ नाकामयाबी से कहीं ज्यादा है. इसके बावजूद तापसी पन्नू का कहना है कि फिल्मों की असफलता को वो आसानी से हजम नहीं कर पाती.

'पिंक' की सफलता के बाद बॉलीवुड में लाइमलाइट में आईं तापसी का कहना है कि फिल्मों की सफलता से उनमें आत्मविश्वास बढ़ता है जबकि किसी फिल्म के असफल होने पर उन्हें खुद की काबिलियत पर ही शक होने लगता है.


तापसी के मुताबिक, अपनी किसी फिल्म के ना चलने पर वो काफी निराश हो जाती हैं जिससे उबरने में उन्हें काफी समय लग जाता है.

फिल्मों में रोल की लंबाई को लेकर तापसी का कहना है कि उनके लिए किरदार की लंबाई कोई मायने नहीं रखती. रोल लंबा नहीं वजनदार होना चाहिए क्योंकि अगर आपने अच्छा काम किया है, तो फिल्म की नाकमयाबी के बावजूद फायदा तो मिलता ही है.

बहरहाल तापसी की हालिया रिलीज 'नाम शबाना' बॉक्स ऑफिस पर धीरे-धीरे रफ्तार पकड़ रही है. चौथे दिन तक 'नाम शबाना'  कुल मिलाकर 21.30 करोड़ का कारोबार करने में सफल रही.