फिल्म अवॉर्ड्स पर तंज कसते हुए उड़ाते ऑस्कर के होस्ट बिली क्रिस्टल ने कहा था कि दुनिया की समस्याओं को ठेंगा दिखाने का इससे अजीब तरीका नहीं हो सकता कि हम कुछ अमीरों को दूसरे अमीरों को सुनहरी ट्रॉफियां देते देखें. फिल्म अवॉर्ड्स का मतलब ग्लैमर, चमक-धमक और स्टाइल. रेड कार्पेट पर सेलिब्रिटीज जब अपनी ड्रेस का बखान करते हुए डिजाइनर्स के नाम गिनाते हैं तो यही लगता है कि ये किसी अलग दुनिया के लोग हैं और इनका वास्तविक दुनिया से कोई वास्ता नहीं है. 74वें गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड्स को देखते हुए मैं कुछ ऐसा ही सोच रहा था.
लेकिन इसके बाद मैंने मेरिल स्ट्रीप की स्पीच सुनी और मेरी यह सोच कहीं फाख्ता हो गई.
हॉलीवुड की सबसे दिग्गज अभिनेत्रियों में एक मेरिल स्ट्रीप गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड समारोह में सेसिल बी डेमिल सम्मान लेने पहुंची थीं. सम्मान स्वीकारने के बाद उन्होंने अपने भाषण में अमेरिका के प्रेसिडेंट-इलेक्ट डोनाल्ड ट्रंप पर जमकर निशाना साधा. हालांकि स्ट्रीप ने ट्रंप का नाम नहीं लिया.
मेरिल ने कहा, 'इस साल मैंने एक परफॉर्मेंस देखी जिसने मुझे स्तब्ध कर दिया... इसलिए नहीं कि यह अच्छा था बल्कि इसलिए कि इसमें कुछ भी अच्छा नहीं था. लेकिन यह असरदार था और इसने अपना काम किया. इसने इसके टारगेट दर्शकों को हंसाया और दांत दिखाने का मौका दिया. यह वो पल था जब देश के सबसे सम्मानित पद पर बैठने के लिए दावेदारी कर रहे शख्स ने एक अशक्त रिपोर्टर की नकल करके दिखलाया... मैंने जब इसे देखा तो इसने मेरा दिल तोड़ दिया और मैं इसे अभी भी अपने दिमाग से नहीं निकाल पा रही हूं क्योंकि यह फिल्मी नहीं असली जिंदगी थी.'
मेरिल का इशारा ट्रंप के एक रैली के दौरान न्यूयॉर्क टाइम्स रिपोर्टर सर्ज कोवालेस्की की अशक्तता का मजाक उड़ाने को लेकर था.
देखिए मेरिल की स्पीच
At tonight's #GoldenGlobes we honor Hollywood legend Meryl Streep with the prestigious Cecil B. Demille Award. pic.twitter.com/dxpeCDNXY6
— Golden Globe Awards (@goldenglobes) January 9, 2017
मेरिल ने कहा कि सार्वजनिक जीवन की कोई शख्सियत जब किसी का ऐसे मजाक उड़ाए तो यह सोच हम सब की जिंदगी में उतर आती है क्योंकि यह दूसरों को भी ऐसा करने की इजाजत देता है. अपमान से अपमान और हिंसा से हिंसा पैदा होती है और जब कोई प्रभावशाली शख्स किसी को नीचा दिखाता है तो हम सब हारते हैं.
मेरिल स्ट्रीप ने विविधता का मुद्दा भी उठाया. मेरिल ने कहा कि हॉलीवुड ऐसे लोगों से बना है जो कहीं और से आए हैं. यह विदेशियों और बाहरी लोगों से भरा है. मेरिल ने कहा कि अगर आप इन सभी को बाहर भगा देते हैं तो आपके पास देखने के लिए फुटबॉल और मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स के अलावा कुछ नहीं बचेगा.
इससे पहले ह्यू लॉरी ने मजाक किया था कि शायद यह आखिरी गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड हो क्योंकि इस अवॉर्ड के विजेता हॉलीवुड फॉरेन प्रेस तय करता है. मेरिल ने भी इस मजाक को आगे बढ़ाते हुए कहा कि यह अवॉर्ड अमेरिकी समाज उन हिस्सों का प्रतीक है जिन्हें सबसे अधिक कोसा जाता है- हॉलीवुड, फॉरेन और प्रेस.
मेरिल स्ट्रीप की यह स्पीच सबको सुननी चाहिए. लोगों को मेरिल स्ट्रीप की राजनीति से दिक्कत हो सकती है. उनके विचारों से दिक्कत हो सकती है लेकिन किसी को उनकी अभिव्यक्ति से दिक्कत नहीं होनी चाहिए. स्ट्रीप ने जो कहा वह किसी पार्टी या व्यक्ति नहीं बल्कि एक सोच पर सवाल उठाता है. कलाकारों की ओर से ऐसी आवाजों को स्वागत होना चाहिए. इसलिए नहीं क्योंकि उनकी आवाजों को सुना जाता है, बल्कि इसलिए भी क्योंकि हॉलीवुड के ग्लैमर से ऐसी आवाजें आती रहनी चाहिए.