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एक दिन मैं जरूर शादी करूंगी और बच्चे भी होंगे: कंगना

कंगना रानौत की वर्ल्ड वॉर बेस्ड फिल्म रंगून 24 फरवरी को रिलीज हो रही है

Runa Ashish

बॉलीवुड की क्वीन कंगना रनौत अपने परिवार को बहुत ज्यादा अहमियत देती हैं. वो कहती हैं कि ‘किसी भी इंसान के लिए अपने परिवार से ज्यादा क्या कुछ होगा. एक ना एक दिन तो वो दिन आएगा ही ना जब मैं भी अपना परिवार बनाऊंगी.’

फ़र्स्टपोस्ट ने कंगना से 24 फरवरी को रिलीज हो रही उनकी फिल्म 'रंगून' को लेकर बातचीत की...


फ़र्स्टपोस्ट: हाल ही में कुछ खबरें आ रही थीं कि अब आप और आपकी बहन साथ में नहीं हैं. आपके सारे काम को तो वही देखा करती थी, आपका शेड्यूल और सब कुछ?

कंगना: बिल्कुल झूठ है ये. मेरी और मेरे बहन के बीच कोई प्रॉब्लम नहीं है. वो खुश है अपनी शादीशुदा जिंदगी में. वो अब अपनी खुद की फैमिली चाहती हैं. वो मेरे साथ इसी वजह से नहीं आ पातीं. उनके कुछ एंबिशंस हैं.

रंगोली अब अपने जीवन में दूसरे पहलूओं को देखना चाहती है. वैसे भी ठीक ही तो है ना किसी को उसके जिंदगी से क्या चाहिए, ये उसकी च्वॉइस है. उसी तरह मैं अपनी जिंदगी के लिए जवाबदेही रखती हूं. उनके लिए मैं कुछ नहीं कर सकती. वैसे भी वो मेरा काम तो देख ही रही है. हां, अब वो मेरे साथ बाहर नहीं आ पाती.

कंगना रानौत और उनकी बहन रंगोली  (फोटो: कंगना रानौत के ट्विटर अकाउंट से साभार)

फ़र्स्टपोस्ट: 'रंगून' विश्व युद्ध के समय पर बनी फिल्म है. क्या ये फिल्म करने के बाद आपका नजरिया कुछ बदला है?

कंगना: हां... मेरे नजरिए में बहुत बदलाव आया है. हम लोग बहुत ही सुरक्षित दुनिया में रहते हैं. हम उस पीढ़ी के लोग हैं जिन्होंने कभी भी विश्व युद्ध नहीं देखा है. हमने तो कारगिल जैसा दो देशों का युद्ध देखा है.

भगवान करे कभी युद्ध देखना ना पड़े. लेकिन उस समय में लोग कैसे जीते थे और किन हालातों में जीते थे, आजादी की जो इच्छा है वो कैसे किसी पैशन की तरह हम लोगों ने जी थी, हम लोगों को कैसे मुश्किलों से आजादी मिली है, ये पूरी कहानी बहुत ही बेहतरीन कहानी है.

मैंने ये भी देखा कि कैसे हमारे सिपाहियों को आगे कर दिया जाता था, जब जापानियों के सामने युद्ध करने का मौका आया था. हमारे देश का क्या हस्तक्षेप रहा सब समझ में आता है अब मुझे. कैसे नेताजी सुभाष चंद्र बोस उसमें हिस्सा बने. लेकिन ये सब फिल्म की पृष्ठभूमि है.

फिल्म में कंगना ने एक्शन सीन्स में भी अपना हाथ आजमाया है

फ़र्स्टपोस्ट: इस फिल्म में तो आप लड़ाई-झगड़ा, स्टंट सब करते दिखी हैं?

कंगना: 'रंगून' तीन लोगों की एक रोमांटिक कहानी है. मैं इसमें जूलिया का किरदार निभा रही हूं. इसमें स्टोरी है कि एक लड़की को कैसे दो लड़कों से प्यार है. उनके कैसे एंबिशंस हैं और वो क्या चाहती है जिंदगी से. ये जो पूरी कहानी है वो वर्ल्ड वॉर- 2 के समय की है. ये वर्ल्ड वॉर कैसे इनकी जिंदगी पर असर डालता है बस यही कहानी है.

फ़र्स्टपोस्ट: रंगून नाम सुनकर फिल्म पतंगा के शमशाद बेगम के गाए गाने 'मेरे पिया गए रंगून...' की याद आ जाती है.

कंगना: इस गाने से इंस्पायर्ड एक गाना हमारी फिल्म में भी है 'मेरे पिया गए इंग्लैंड...'. फिल्म में मैं इस गाने पर परफॉर्म करती हूं. रंगून इस फिल्म के लिए बहुत अहम जगह है. फिल्म की शुरुआत में ही मेन लीड जूलिया को रंगून जाना पड़ता है. जब वो रंगून पहुंचती है तो उसकी कहानी वहीं से शुरु होती है. इसीलिए फिल्म का नाम रंगून रखा गया है.

फ़र्स्टपोस्ट: फिल्म में ऐसा क्या था जो आपने ये फिल्म करने के लिए हां कहा?

कंगना: ये फिल्म विशाल भारद्वाज सर की है और वो बड़े जाने-माने नाम हैं. उनकी फिल्मों के लिए, उनके क्राफ्ट के लिए उनको इतना पसंद किया जाता है. तो मेरे लिए तो उनके साथ काम करना बहुत जरूरी था.

मेरे लिए ये बहुत जरूरी है कि मेरा रोल अच्छा होना चाहिए और सेंट्रल कैरेक्टर होना चाहिए. उन्होंने जब मुझे ये रोल सुनाया तो मुझे रोल पसंद आ गया. वो पिछले सात साल से ये फिल्म लिख रहे थे. जब आप फिल्म देखेंगे तो आपको उनकी मेहनत नजर आएगी.

फिल्म रंगून में कंगना रानौत के साथ सैफ़ अली ख़ान और शाहिद कपूर हैं (फोटो: फेसबुक से साभार)

फ़र्स्टपोस्ट: लेकिन आप ही ये फिल्म प्रमोट कर रही हैं, शाहिद और सैफ़ कहां हैं?

कंगना: हां, ये मार्केटिंग का ही एक तरीका है. क्योंकि मैं इस फिल्म में एक बहुत बड़ा पार्ट हूं तो मैं प्रमोट कर रही हूं. ताकि लोगों को बता सकूं कि ये फिल्म फीमेल सेंट्रिक है. कुछ दिन बाद सैफ़ और शाहिद भी मेरे साथ होंगे.