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बॉलीवुड में सालों से इस्तेमाल हो रहे हैं पब्लिसिटी स्टंट के नए-नए हथकंडे

किसी फिल्म को चर्चित करने के लिए उसमें काम कर रहे अभिनेता और अभिनेत्री के निजी रिश्तों का इस्तेमाल तो बरसों से होता आ रहा है

Bharti Dubey

अभिनेत्री कंगना रनौत इन दिनों खासी चर्चा में हैं, वजह है ऋतिक रोशन और आदित्य पंचोली पर दिए गए उनके हालिया बयान. वैसे कंगना ने ऋतिक और आदित्य पंचोली के बारे में जो भी कहा उसमें कुछ भी नया नहीं है. दरअसल कंगना ने अपने बयानों के तीर ठीक उस वक्त चलाए जब उनकी फिल्म 'सिमरन' रिलीज हो रही थी. ऐसे में बॉलीवुड बिरादरी ने कंगना के बयानों को फिल्म के लिए पब्लिसिटी स्टंट करार दिया और उन्हें जमकर आड़े हाथों लिया.

बॉलीवुड में कई लोगों का मानना है कि, व्यक्तिगत विवादों को उछालने से कभी भी किसी अभिनेता या अभिनेत्री का भला नहीं हुआ है. ऐसा करने से उन्हें कुछ वक्त के लिए तो मीडिया में तवज्जो तो मिल जाती है, लेकिन इससे उनकी फिल्म की कमाई या कामयाबी पर कोई फर्क नहीं पड़ता.


फिल्म 'सिमरन' की रिलीज से ऐन पहले कंगना ने ऋतिक रोशन से अपने कथित अफेयर पर बयानबाजी शुरू कर दी थी. कंगना की तरह ही कई और कलाकार अपनी फिल्म की रिलीज से पहले विवादित बयान दे चुके हैं. इनमें दबंग खान सलमान का नाम भी शामिल है. सलमान ने अपनी फिल्म 'सुल्तान' की रिलीज के वक्त अपने वर्कआउट (कसरत) की तुलना रेप से की थी. इस बयान के लिए तब सलमान को भारी विरोध झेलना पड़ा था.

मेकअप और ब्रेकअप

बॉलीवुड में ऐसा अक्सर देखा गया है कि किसी फिल्म की रिलीज से पहले उसके हीरो-हिरोइन के बीच अचानक प्यार परवान चढ़ जाता है. लेकिन ऐसे ज्यादातर अफेयर फिल्म की रिलीज के बाद ठंडे पड़ जाते हैं. ऐसा बहुत ही कम हुआ है जब ऐसे रिश्ते लंबे वक्त तक कायम रहे हों. कभी-कभी ऐसे फिल्मी अफेयर से कई पुराने रिश्तों में दरार भी आ जाती है, और वो ब्रेकअप की वजह बन जाते हैं. ऐसा ही कुछ फिल्म 'जेंटलमैन' के प्रमोशन के दौरान हुआ.

कहा जाता है कि फिल्म के प्रमोशन के वक्त सिद्धार्थ मल्होत्रा और जैक्लीन फर्नाडिंस नजदीक आ गए, लेकिन ये बात आलिया भट्ट को नागवार गुजरी. और फिर दोनों के बीच अनबन इतनी बढ़ी कि उन्होंने ब्रेक अप कर लिया. जाहिर हैं इस ब्रेकअप का इल्जाम जैक्लीन फर्नाडिंस के मत्थे मढ़ा गया.

इसी तरह, फिल्म 'तेवर' की रिलीज के दौरान सोनाक्षी सिन्हा और अर्जुन कपूर के बीच डेटिंग की खबरें आई थीं, लेकिन फिल्म रिलीज होने के बाद ये मुद्दा शांत पड़ गया. ऐसा ही खबरें फिल्म 'कमीने' की शूटिंग के दौरान प्रियंका चोपड़ा और शाहिद कपूर को लेकर आईं थीं, लेकिन फिल्म 'तेरी मेरी कहानी' के साथ ऐसी खबरों पर विराम लग गया. बॉलीवुड के एक सूत्र के मुताबिक, ‘किसी फिल्म की रिलीज के दौरान उस फिल्म के कलाकार के पब्लिसिस्ट (प्रचार करने वाले) तरह-तरह के स्टंट करते हैं, कभी-कभी तो वो उस कलाकार की निजी जिंदगी से जुड़ी बातें मीडिया में उछाल देते हैं, जिससे फिल्म और उस कलाकार दोनों को फायदा मिलता है’

अभिनेता और अभिनेत्रियों के पब्लिक रिलेशनंस (जनसंपर्क) के लिए क्या-क्या गुल खिलाए जाते हैं, हॉलीवुड फिल्म 'अमेरिकाज स्वीटहार्ट' इसका पर्दाफाश करती है. इस फिल्म में दिखाया गया है कि एक फिल्म के दो मुख्य कलाकार के बीच तनावपूर्ण रिश्तों को कैसे रणनीति के तहत मीडिया में उछाला जाता है, ताकि फिल्म को लेकर लोगों की उत्सुकता बढ़े और फिल्म बॉक्स ऑफिस पर हिट हो सके.

ऐसा ही कुछ फिल्म 'जब वी मेट' की शूटिंग के दौरान हुआ था, जो करीना कपूर और शाहिद कपूर के ब्रेकअप की वजह बनी. फिल्म 'फिदा' के लिए जहां दोनों का प्यार लकी साबित हुआ था, वहीं फिल्म 'जब वी मेट' के लिए दोनों का ब्रेकअप वरदान साबित हुआ.

'जब वी मेट' की रिलीज के दौरान फिल्म के निर्माताओं ने मीडिया को बुलाया था, और खामोशी से करीना और शाहिद के ब्रेकअप की खबर लीक कर दी थी. उस वक्त जब भी किसी इवेंट या पार्टी में करीना और शाहिद का आमना-सामना होता था, तब दोनों ही असहज हो जाते थे. दोनों के ऐसे असहज पलों को मीडिया के कैमरों ने कई बार कैद किया. इन तस्वीरों को देखकर लोगों की जिज्ञासा बढ़ गई, जिसका सीधा असर फिल्म पर पड़ा. फिल्म न सिर्फ हिट रही बल्कि उसने काफी अच्छा बिजनेस भी किया.

जॉन अब्राहम और बिपाशा बसु के रिश्ते के लेकर एक वक्त मीडिया में खूब अटकलबाजी होती थी. जब भी दोनों की कोई फिल्म रिलीज होने वाली होती थी, तब दोनों के रिश्ते में खटास या किसी ट्विस्ट की बात मीडिया में छा जाती थी. दोनों के अलगाव (ब्रेकअप) की खबरें सबसे पहले फिल्म 'कॉर्पोरेट' की रिलीज के कुछ हफ्ते पूर्व आईं थीं. बिपाशा ने तब सफाई दी थी कि, लाइम लाइट में आने के लिए उन्हें किसी तरह की पब्लिसिटी की जरूरत नहीं और न ही वो अपनी फिल्म को हिट कराने के लिए मूर्खतापूर्ण स्टंटबाजी में यकीन करती हैं.

और फिर फिल्म 'अलोन' के प्रमोशन के दौरान जब बिपाशा और करन सिंह ग्रोवर से उनके रिश्ते के बारे में पूछा गया, तब दोनों ने चु्प्पी साध ली थी. हालांकि उस वक्त बिपाशा और करन को अक्सर एक-दूसरे के साथ देखा जाता था. उन्होंने तब ऐसा इसलिए किया था ताकि दोनों के रिश्ते को लेकर अटकलों का बाजार गर्म रहे, जिससे फिल्म को फायदा मिल सके.

ऐश्वर्या राय के साथ अभिषेक बच्चन की सगाई की खबर को भी शुरू में पब्लिसिटी स्टंट माना गया था, क्योंकि दोनों की सगाई का ऐलान ठीक उस वक्त हुआ था जब उनकी फिल्म ' गुरू' रिलीज होने वाली थी. ऐश्वर्या और अभिषेक की सगाई की खबर से फिल्म को खासा फायदा हुआ था.

फिल्म इंडस्ट्री के सूत्रों के मुताबिक, बॉलीवुड में काफी पहले से फिल्मकार अपनी फिल्म के प्रमोशन के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपनाते आ रहे हैं. कुछ निर्माताओं ने तो अपनी फिल्म के प्रचार के खूब मनगढ़ंत कहानियां फैलाईं. किसी फिल्म को चर्चित करने के लिए उसमें काम कर रहे अभिनेता और अभिनेत्री के निजी रिश्तों का इस्तेमाल तो बरसों से होता आ रहा है.

गुजरे जमाने की अभिनेत्री वैजयंती माला ने अपनी आत्मकथा 'बॉन्डिंग...ए मेमोयर' में ऐसे ही एक किस्से का जिक्र किया है. वैजयंती माला के मुताबिक राज कपूर ने फिल्म 'संगम' की पब्लिसिटी के लिए जानबूझकर उनसे अपने रिश्ते की बात उछाली थी. एक समाचार एजेंसी को इंटरव्यू के दौरान वैजयंती माला ने कहा था कि, ‘राज कपूर पब्लिसिटी के बहुत भूखे थे, वो हमेशा सुर्खियो में बने रहना चाहते थे, इसी वजह से मैं भी इस अफवाह का शिकार बनी कि, मेरा राज कपूर से रोमांस चल रहा है. ये सब आरके बैनर्स के पब्लिक रिलेशनंस (जनसंपर्क) का किया धरा था, जोकि उस वक्त जंगल की आग की तरह फैल गया था.’

अपने संस्मरण में वैजयंती माला आगे लिखती हैं कि, ‘उस वक्त मीडिया में कोई भी मेरा पक्ष सुनने को तैयार नहीं था, उस मनगढ़ंत रोमांस के किस्से से मैं तिलमिला उठी थी. उस अफवाह से मुझे गहरा आघात लगा था. हमारे रोमांस की झूठी खबर पर न सिर्फ आम लोग बल्कि राज कपूर के परिवार को भी यकीन हो चला था. लेकिन चूंकि मेरी छवि शुरू से ही बहुत साफ-सुथरी थी, लिहाजा इससे मेरी प्रतिष्ठा प्रभावित नहीं हुई.’

ऐसी ही एक और घटना को याद करते हुए वैजयंती माला ने आगे बताया, ‘फिल्म के प्रचार के मामले में आरके बैनर्स बहुत मतलबी और आत्म केंद्रित था. फिल्म को हिट कराने के लिए वो लोग हद के पार चले जाते थे, और हर तरह के स्टंट का सहारा लिया करते थे. 'संगम' की रिलीज के दौरान ऐसा करने से फिल्म को तो फायदा हुआ लेकिन मेरा नहीं. उस वक्त उन लोगों ने मेरे और मैसूर के महाराजा के बीच रिश्ते की भी अफवाह फैलाई थी. ये सब बातें सरासर बकवास थीं.’

हालांकि कई वरिष्ठ मीडियाकर्मी वैजयंती माला की बात से सहमत नहीं हैं, उनके मुताबिक संगम की रिलीज के वक्त भले ही खूब पब्लिसिटी स्टंट किए गए, लेकिन तब बेशक राज कपूर और वैजयंति माला के बीच जबरदस्त रोमांस चल रहा था. राज कपूर के बेटे ऋषि कपूर ने भी हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में ये बात मानी है.

ये जरूरी नहीं कि पब्लिसिटी स्टंट के लिए हमेशा रोमांस या अफेयर का सहारा लिया जाता हो, शाहरुख खान और आमिर खान के बीच चले शीत युद्ध के दौरान फिल्म 'रब ने बना दी जोड़ी' और 'गजनी' को खासा फायदा मिला था. तब ऐसी भी खबरें आईं थीं कि, शाहरुख की फिल्म को नुकसान पहुंचाने के लिए आमिर ने तरह-तरह से मीडिया का ध्यान अपनी ओर खींचने की कोशिश की थी. 'गजनी' में अपने लुक का जब आमिर ने खुलासा किया था, तब भी ऐसी ही बातें कही गईं थीं. आखिरकार, दोनों फिल्मों ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कमाई के मामले में गजनी आगे रही.

'रेस' के निर्माण के वक्त सामने आईं कुछ खबरों से फिल्म को खूब प्रचार मिला था. फिल्म की शूटिंग के दौरान दोनों अभिनेत्रियों के बीच अनबन देखी गई थी, दोनों ने उस दौरान एक-दूसरे से बातचीत भी नहीं की थी. लेकिन ये बात फिल्म के निर्माता के पक्ष में गई. बॉलीवुड सूत्र के मुताबिक, ‘भले ही ये सब बातें अभिनेत्रियों को पसंद आई हों या न आई हों, लेकिन इससे निश्चित रूप से फिल्म के प्रचार में खासी मदद मिली. दोनों अभिनेत्रियों के बीच अनबन की खबरें लगातार मीडिया में आने से फिल्म का नाम लोगों के दिलो-दिमाग पर छा गया, और फिर उत्सुकता के चलते लोग फिल्म देखने थियेटर तक खिंचे चले गए.’

फिल्मों के एक जानकार का कहना है कि, ‘ऋतिक और कंगना विवाद से फिल्म 'सिमरन' को काफी मदद मिलेगी. क्योंकि जो लोग भी ऋतिक-कंगना के बयानों की क्लिपिंग और वीडियो देखेंगे, उन्हें सिमरन देखने की इच्छा जरूर होगी.’

पब्लिसिटी स्टंट बना मुसीबत

फिल्म स्टार्स और फिल्म निर्माताओं को पब्लिसिटी का दांव कभी-कभी उल्टा भी पड़ जाता है, और वो मुसीबत में फंस जाते हैं. जैसा कि फिल्म 'क्रिमिनल' के मामले में महेश भट्ट के साथ हुआ था, और वो कानूनी पचड़े में फंस गए थे. दरअसल फिल्म के प्रचार के लिए मुंबई के एक अखबार ( टेबोलायड) के पहले पन्ने पर एक विज्ञापन छपा था, जिसमें लिखा था कि मनीषा कोइराला की हत्या ने फिल्म इंडस्ट्री में फसाद पैदा कर दिया है.

फिल्म 'क्रिमिनल' के प्रचार की इस टैग लाइन पर टी-सीरीज ने एतराज जताया और उसपर अपना दावा ठोंक दिया. फिल्म के निर्देशक महेश भट्ट के मुताबिक, ‘मुकेश भट्ट और फिल्म के पीआरओ राजेंद्र राव ने टी-सीरीज की फिल्म 'बेवफा सनम' के पब्लिसिटी कैंपेन से क्लू लेकर क्रिमिनल का प्रचार शुरू किया था. टी-सीरीज जो कैंपेन चला रही थी उसमें लिखा था- हत्या के जुर्म में किशन कुमार गिरफ्तार. हमारी कैंपेन भी इससे मिलती-जुलती थी. लेकिन दुर्भाग्य से हम लोग कुछ अखबारों में विज्ञापन छपवाते वक्त अपनी टैग लाइन देना भूल गए, जिसकी वजह से हमें मुसीबत उठाना पड़ी.

पब्लिसिटी स्टंट्स पर चर्चा करते हुए महेश भट्ट ने आगे कहा कि, ‘हम लोग बहुत ही उतावले वक्त में जी रहे हैं, यही वजह है कि लोगों की तवज्जो पाने के लिए हम उतावले होकर हर तरह का हथकंडा अपनाने को तैयार हो जाते हैं. पब्लिसिटी पाने में कुछ लोगों के पास तो महारथ हासिल है, वहीं कुछ लोग इस मामले में अब भी अनाड़ी हैं.'

अभिनेता श्रेयस तलपड़े भी अपनी आगामी फिल्म 'वाह ताज' के पब्लिसिटी स्टंट के चलते कानूनी विवाद में फंस गए हैं. श्रेयस पर लोगों की भावनाएं आहत करने का आरोप लगा है. दरअसल फिल्म के प्रमोशन के लिए निर्माताओं ने उत्तर प्रदेश के आगरा में कुछ पोस्टर बांटे थे, जिसमें लिखा था कि 23 सितंबर को फिल्म की रिलीज के साथ ताजमहल पर्यटकों के लिए बंद कर दिया जाएगा.

कोई कहे हां, कोई कहे न

पब्लिसिटी स्टंट के ज्यादातर प्लान फिल्म के अभिनेता या अभिनेत्री को लेकर बनाए जाते हैं. कुछ फिल्में ऐसे विवाद में फंसी होती हैं, जिसमें कोई राजनीतिक दल शामिल होता है. ऐसी फिल्मों को उनकी रिलीज़ डेट से एक दिन पहले ही रिलीज कर दिया जाता है. कभी-कभी पब्लिसिटी स्टंट मीडिया का ध्यान खींचने के लिए किया जाता है. एक उभरते हुए अभिनेता, जोकि एक सुपर स्टार के भतीजे भी हैं,ने बताया कि, ‘एक फिल्म के प्रचारक मेरे पास आए, और बोले कि, मुझे फिल्म के एक वरिष्ठ अभिनेता से झगड़े और विवाद होने का बयान देना चाहिए, इससे फिल्म को फायदा होगा. लेकिन मैंने ऐसा करने से साफ इनकार कर दिया था.’

कभी- कभी कुछ मीडियाकर्मी भी पीआर के बिछाए जाल में फंस जाते हैं, और उनकी मनगढ़ंत कहानियों पर विश्वास करके उन्हें सुर्खियां बनाए रहते हैं. ऐसा ही कुछ अरबाज खान और मलयका अरोड़ा खान के अलगाव के किस्से में देखने को मिला था. दरअसल दोनों ने वो ड्रामा एक विज्ञापन की रणनीति के तहत किया था.

वरिष्ठ पत्रकार दिलीप ठाकुर के मुताबिक, ‘फिल्मों की पब्लिसिटी के मामले में राज कपूर का कोई सानी नहीं था. वो बहुत अनोखे अंदाज में प्रचार करते थे. जबकि राजेश खन्ना ने विशेषकर अपने करियर के बाद के वर्षों में पब्लिसिटी पाने के लिए अच्छे पैंतरे आजमाए. उन्होंने इसके लिए अपनी निजी जिंदगी की कहानियों का इस्तेमाल किया.

फिल्म 'थोड़ी सी बेवफाई' के दौरान ऐसा ही देखने को मिला था.लेकिन आजकल फिल्मों के प्रचार के लिए जो तरीके आजमाए जा रहे हैं वो ज्यादा कारगर नहीं हैं. सिर्फ पेपर क्लिपिंग्स के जरिए और पक्षपात करके पब्लिसिटी नहीं बटोरी जा सकती, क्योंकि इसमें रणनीति का अभाव होता है. मतलब साफ है कि बिना किसी रचनात्मक विचार के अच्छा प्रचार नहीं हो सकता. ऐसे में कहना गलत नहीं होगा कि इस मामले में मौजूदा पीढ़ी के मुकाबले में बनी रूबेन और वीपी साठे बहुत कुशल और दक्ष थे.