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25 साल का हुआ दुनिया का पहला कार्टून चैनल

1 अक्टूबर 1992 को जन्मा यह 24 घंटे वाला पहला टीवी चैनल इस साल पूरे 25 साल का हो चुका है

FP Staff

कार्टून नेटवर्क अब जवान हो गया है. जवान ऐसा नहीं कि सिर्फ वोट डाल सके, बल्कि ऐसा कि अगर वो इंसान होता तो घर वाले शादी के लिए उसके पीछे पड़ गए होते.

1 अक्टूबर को है कार्टून नेटवर्क का जन्म दिन


1 अक्टूबर 1992 को जन्मा यह 24 घंटे वाला पहला टीवी चैनल इस साल पूरे 25 साल का हो चुका है. 80 और 90 के दशक में पैदा हुए और पले-बढ़े बच्चों के लिए कार्टून नेटवर्क सिर्फ एक मनोरंजन का जरिया ही नहीं, बल्कि सपने देखने का एक खुला आसमान रहा है. यहां सुपर हीरो थे, इंटेलीजेंट वैज्ञानिक बच्चे थे, जासूसी करते कुत्ते थे और वो सबकुछ था जो उस उम्र के बच्चे देखना और बनना चाहते थे.

बच्चों के मनोरंजन के लिए  24 घंटे का चैनल बना

टर्नर ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम का ये चैनल जब लॉन्च हुआ, जब तक कार्टून सिर्फ छोटे-छोटे क्लिप्स के रूप में अलग-अलग टीवी चैनल्स पर प्रसारित होते थे. लेकिन यह पहली बार था जब बच्चों के मनोरंजन के लिए  24 घंटे का चैनल बना था.

 किसने की कार्टून नेटवर्क चैनल की स्थापना?

बेट्टी कोहेन नेइस चैनल की स्थापना की थी. इस चैनल का मुख्य लक्ष्य 7 साल से 15 साल तक के बच्चों का मनोरंजन करना था.

दरअसल टर्नर ब्रॉडकास्टिंग के स्थापक टेड टर्नर ने साल 1986 में MGM चैनल खरीद लिया था. लेकिन पैसों की कमी और उधार के चलते टेड बहुत दिनों तक यह कंपनी संभाल नहीं पाए और सिर्फ 74 दिनों बाद ही MGM वापिस इसके पुराने मालिक के पास चली गई.तब तक टेड टर्नर ने एक बुद्धिमानी भरा काम कर लिया था.

उन्होंने 1986 से पहले बने MGM चैनल के सीरियल और फिल्मों की लाइब्रेरी अपने पास ही रखी. इन फिल्मों और क्लिप्स के आधार पर उन्होंने टर्नर एंटरटेनमेंट की स्थापना की, जो कार्टून नेटवर्क की जन्मदाता कंपनी बनी.

जब MGM चैनल के कार्टून ही दिखाए जाते थे

शुरूआती सालों में कार्टून नेटवर्क पर MGM चैनल के कार्टून ही दिखाए जाते थे. MGM कार्टून लाइब्रेरी में उस वक्त ब्लैक एंड व्हाइट कार्टून्स की भरमार थी. इनमें 1948 से पहले के 'लूनी टून्स' और 'पॉपाई दि सेलर मैन' जैसे शो शामिल थे.

भारत में कार्टून नेटवर्क आया मई 1995 में, यानी अमेरिका में लॉन्च होने के करीब ढाई साल बाद. इस दौरान कार्टून नेटवर्क पूरी दुनिया में अपने केबिल नेटवर्क बढ़ाने की कोशिश में था.

कार्टून चैनल द्वारा भारतीय  बच्चों को मिला नया स्वाद

शुरूआती सालों में भारत में भी अंग्रेजी भाषा में ये कार्टून दिखाए जाते थे. लेकिन असली क्रांति तब आई जब टीवी पर प्रसारित होने वाले ये कार्टून हमारी अपनी भाषा यानी हिंदी में डब किए जाने लगे.भारत में सबसे पहले दिखाए जाने वाले शोज में दि योगी बेयर, दि फ्लिनस्टोंस और स्कूबी डू शामिल थे. कार्टून नेटवर्क पर प्रसारित होने वाले लगभग सभी कार्टून्स हैना-बारबरा प्रोडक्शन्स के ही बनाए हुए थे.

पूरी दुनिया की तरह भारत में भी कार्टून नेटवर्क MGM चैनल की अपनी लाइब्रेरी से शो प्रसारित कर रहा था. इन शोज ने हमारे साथ-साथ हजारों लाखों बच्चों को बचपन की सुनहरी यादें दी हैं.

दि योगी बेयर:

योगी बेयर एक भालू है जो पिकनिक पर आए लोगों के पिकनिक बास्केट चुरा ले जाता है. इस कार्टून कैरेक्टर को बनाया था हैना-बारबरा ने. हैना-बारबरा ने ही उस दौर के बहुत से ऐसे कार्टून बनाए थे जो कार्टून नेटवर्क पर प्रसारित किए गए.

योगी बेयर उन पहले प्रोग्राम्स में से एक था जो कार्टून नेटवर्क की स्थापना के बाद टेलीकास्ट हुए थे. योगी बेयर की आवाज डॉस बटलर ने दी थी. योगी की एक गर्लफ्रेंड भी थी जिसका नाम सिंडी बेयर था और उसकी आवाज जूली बेनेट ने दी थी.

स्कूबी डू:

1969 से शुरू हुई इस फ्रैन्चाइजी की पहली फिल्म स्कूबी डू, वेयर आर यू! का निर्माण भी हैना-बारबरा प्रोडक्शन्स ने ही किया था. साल 1969 से 1975 तक इसका निर्माण CBS करता रहा, उसके बाद यह शो ABC के खाते में आ गया.

हैना-बारबरा के बाद उन्हीं के वंशज 'वार्नर ब्रदर्स' इस कहानी को आगे बढ़ाते रहे. यह कहानी कुछ टीन-एज दोस्तों की कहानी है जिनके पास एक बोलने वाला कुत्ता है. स्कूबी डू नाम का यह कुत्ता भूतों और पिशाचों के केस सॉल्व करने में मदद करता है. यह शो आज भी बहुत लोकप्रिय है.

लूनी टून्स:

वार्नर ब्रदर्स की यह शॉर्ट सीरीज साल 1930 से 1969 के बीच कई कार्टून कैरेक्टर्स को दर्शकों के बीच लेकर आई. बग्स बनी, डैफी डक, ट्वीटी, विल कायोटी और रोड रनर जैसे किरदार इसी शो का हिस्सा थे. 1942 से 1964 तक लूनी टून्स सिनेमा घरों में भी बहुत लोकप्रिय हो गया था. इसके बाद इस शो के बहुत सारे स्पिन ऑफ भी बने. दि रोड रनर शो, ट्वीटी एंड फ्रेंड्स, बेबी लूनी टून्स जैसे कई कार्टून्स शुरूआती दौर के कार्टून नेटवर्क का एक जरूरी अंग थे. लूनी टून्स की 2 फिल्मों ने ऑस्कर पुरस्कार भी जीता.

टॉम एंड जेरी:

विलियम हैना और जोसफ बारबरा ने 1940 में इस एनिमेटेड सीरीज का निर्माण किया था. एक चूहे और बिल्ली की लड़ाई पर आधारित इस सीरीज पर आधारित कई फिल्में बनाई जा चुकी हैं. अपने शुरूआती दौर में हैना-बारबरा ने MGM के लिए 'टॉम एंड जेरी' के 114 क्लिप्स बनाए थे. इन क्लिप्स ने सर्वश्रेष्ठ एनिमेटेड क्लिप्स के लिए ऑस्कर पुरस्कार भी जीता था. बाद में कार्टून की क्वालिटी के साथ ही टॉम एंड जेरी सीरीज का 3D में भी निर्माण किया गया.

रियल एडवेन्चर्स ऑफ जॉनी क्वेस्ट:

रहस्य और रोमांच से भरा 'जॉनी क्वेस्ट' का यह शो हैना-बारबरा प्रोडक्शन्स द्वारा साल 1964 में बनाया गया था. अभी तक जानवरों और अप्राकृतिक कार्टून्स की तुलना में यह पहला इंसानों से मिलता-जुलता एनीमेशन था. साल 1964 से 1965 तक यह शो हर शुक्रवार की रात ABC नेटवर्क पर प्रसारित होता था. 90 के दशक में यह शो कार्टून नेटवर्क पर प्रसारित होने लगा.

दि फ्लिनस्टोन्स:

हैना-बारबरा ने 'दि फ्लिनस्टोन्स' का निर्माण ABC नेटवर्क के लिए साल 1960 में किया था. इस कार्टून सीरीज की कहानी 'स्टोनएज' यानी पाषाण काल में बसी हुई थी. हालांकि इसमें दिखाए जाने वाली स्टोन एज में कारें, फ्रिज, टेलीफोन और टीवी भी था. इस शो की खास बात यह थी कि प्राइम टाइम में दिखाई जाने वाली यह पहली एनिमेटेड सीरीज थी.

70 के दशक में 'दि सिम्पसन्स' के आने से पहले दि फ्लिनस्टोन्स आर्थिक रूप से सबसे सफल एनिमेटेड सीरीज मानी गई थी. साल 2013 में 'टीवी गाइड' ने 'दि फ्लिनस्टोन्स' को 'दि सिम्पसन्स' के बाद दूसरा सबसे महान टीवी कार्टून घोषित किया था.

पावर पफ गर्ल्स:

एनीमेशन आर्टिस्ट क्रेग मेकक्रैकन ने साल 1992 में एक ऐसी कार्टून सीरीज की कल्पना की जहां 3 छोटी बच्चियां दुनिया को बुराई से आजादी दिलवाती हैं. ब्लॉसम, बबल्स और बटरकप नाम की ये लड़कियां अलग-अलग खूबियों की मालिक हैं.

क्रेग मेकक्रैकन ने पहले इस शो का नाम 'वूपास स्टू!' रखा था. कार्टून नेटवर्क ने इसे 'पावरपफ गर्ल्स' ने नाम से अपने शो 'व्हाट अ कार्टून' में 1995 और 96 के दौरान क्लिप्स के तौर पर दिखाया. 1998 में यह व्यक्तिगत शो के रूप में कार्टून नेटवर्क पर दिखाया जाने लगा.

जॉनी ब्रावो:

'पावरपफ गर्ल्स' की ही तरह 'जॉनी ब्रावो' भी कार्टून नेटवर्क की ओरिजिनल सीरीज थी. इसे बनाया था वान पार्टीबल ने.

इस सीरीज का मुख्य कलाकार जॉनी ब्रावो एक लंबा-चौड़ा, हैंडसम लेकिन थोड़ा बेवकूफ लड़का है. जॉनी का सिर्फ एक काम है, लड़कियों को अपनी तरफ आकर्षित करना. लेकिन इसमें वो हमेशा असफल हो जाता है. इसे पहली बार 'व्हाट अ कार्टून' में साल 1995 में दिखाया गया था. आधे घंटे की सीरीज के रूप में यह पहली बार साल 1997 में टेलीकास्ट किया गया.

डेक्सटर्स लैबोरेटरी:

कार्टून नेटवर्क की ओरिजिनल सीरीज डेक्सटर्स लैबोरेटरी एक साइंस-फिक्शन कॉमेडी है. एक 9 साल का सुपर इंटेलीजेंट बच्चा डेक्सटर है जिसके पास अपनी खुद की एक खुफिया प्रयोगशाला है.

लेकिन उसकी बहन डीडी हर वक्त उसका काम बिगाड़ने में लगी रहती है. यह पहली बार था जब किसी कार्टून में भाई-बहन की ऐसी नोक-झोंक दिखाई गई थी. यह शो 1996 से 1999 तह कार्टून नेटवर्क का सबसे ज्यादा देखा जाने वाला शो बना. इस दौरान इसने 3 प्राइमटाइम एमी अवार्ड जीते.

(साभार न्यूज18)