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होली स्पेशल: राजकपूर की होली ने बदली थी अमिताभ की किस्मत!

आरके की होली में ‘रंग बरसे’ गाकर मिली थी यश चोपड़ा की ‘सिलसिला’

Kumar Sanjay Singh

राजकपूर द्वारा आर के स्टूडियो में आयोजित होली बॉलीवुड सितारों के लिए एक यादगार मौके की तरह होता था जिसका सितारे पूरे साल इंतजार करते थे, लेकिन आरके की होली का न्योता गिने-चुने अभिनेताओं को ही मिलता था.

उस जमाने में जिस भी छोटे-बड़े कलाकार को राज कपूर के यहां होली खेलने का न्योता मिलता था, वह बहुत गर्व महसूस किया करता था क्योंकि इससे इंडस्ट्री में उसकी हैसियत का अंदाजा होता था.


ऐसी ही एक होली का न्योता अमिताभ बच्चन को भी मिला जिसने उनके लड़खड़ाते करियर को दोबारा पटरी पर ला खड़ा किया. अमिताभ बच्चन की फिल्मी गाड़ी हिचकोले खा रही थी. उनकी एक के बाद एक नौ फिल्में बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई. इसी साल रमेश सिप्पी की फिल्म "शान" की नाकामयाबी ने उन्हें बुरी तरह निराश कर दिया.

राज कपूर की होली का नजारा

इस साल उन्हें भी आरके की होली का बुलावा आया और बच्चन इस होली में शरीक होने आरके स्टूडियो पहुंचे- जहां बॉलीवुड के सारे धुरंधर मौजूद थे. गुमसुम अमिताभ को सबसे अलग-थलग देख राजकपूर उनके पास आए और बोले-आज कुछ धमाल हो जाए, देखो कितने सारे लोग आए हैं सब तुम्हारी प्रतिभा देख सकेंगे. क्या पता बात फिर से बन जाए?

होली मनाने के लिए पूरे बॉलीवुड में मशहूर थे राज कपूर

"तब पहली बार अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज़ में 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली' गाया. पिता हरिवंश राय बच्चन की इस रचना को अमिताभ ने इतने तन मन से गाया कि पूरा आर के स्टूडियो झूम उठा. इसी होली में मौजूद निर्देशक यश चोपड़ा को ये गीत इतना पसंद आया कि उन्होंने अमिताभ को ना केवल अपनी फिल्म "सिलसिला" का ऑफर दे डाला बल्कि इस गाने को उनकी ही आवाज में फिल्म में भी रख दिया.

सिलसिला 1981 में प्रदर्शित हुई. 'रंग बरसे भीगे चुनर वाली' इतनी बड़ी हिट साबित हुई कि इसे आज भी होली के एंथम का गौरव हासिल है. राजस्थानी लोकगीत से प्रेरित इस गाने को हरिवंश रॉय बच्चन ने एक अलग अंदाज दिया था जिसे अमिताभ बच्चन ने अपनी आवाज में हमेशा के लिए यादगार बना दिया. आज भी होली का त्योहार इस गाने के बिना अधूरा ही माना जाता है.