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FILM REVIEW : नमस्ते इंग्लैंड को दूर से ही ‘नमस्ते’ कीजिए

इस हफ्ते आपके पास बॉक्स ऑफिस पर दूसरे ज्यादा अच्छे विकल्प हैं

Hemant R Sharma

अक्षय कुमार की सुपरहिट फिल्म 'नमस्ते लंदन' बनाने वाले निर्देशक विपुल शाह इस फिल्म का सीक्वल 'नमस्ते इंग्लैंड'  लेकर आए हैं. लेकिन इस बार इस फिल्म में उनकी फिल्ममेकिंग का जादू फीका पड़ा नजर आया है. अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा की ये फिल्म क्या थिएटर में जाकर आपको देखनी चाहिए? इस सवाल के जवाब के लिए पूरा पढ़िए हमारा ये रिव्यू

कहानी


नमस्ते इंग्लैंड की कहानी परम यानी अर्जुन कपूर और जसमीत की है. पंजाब के गांव के अमीर घरानों के ये युवा फिल्मी तरीके से एक दूसरे से मिलते हैं. लव स्टोरी परवान चढ़ती है. शादी भी हो जाती है. जसमीत शादी से पहले और शादी के बाद अपना करियर बनाना चाहती है लेकिन उसे परिवार से इसकी इजाजत नहीं मिलती. अपना करियर बनाने के लिए वो झूठी शादी करके लंदन चली जाती है. परम को जब ये बात पता चलती है तो वो अवैध तरीके से लंदन जाकर क्या जसमीत को वापस इंडिया ला पाता है? इसका जवाब आपको फिल्म देखकर मिलेगा.

एक्टिंग

अर्जुन कपूर और परिणीति चोपड़ा ने अपने करियर की शुरूआत एक साथ फिल्म 'इश्कजादे' से की थी. उस फिल्म में अर्जुन और परिणीति ने जो काम किया था उसकी तारीफ सभी ने की थी लेकिन इस फिल्म में उनकी एक्टिंग से लोगों को शिकायत है. आज के दौर में जब भारतीय सिनेमा अपने अगले लेवल पर चला गया है वहां ऐसी फिल्मों के लिए अब दर्शकों के लिए न तो टाइम है और न पैसा. इसलिए इन दोनों को एक्टिंग और फिल्मों के चयन में फूंक-फूंककर कदम रखना होगा. वर्ना बॉलीवुड में इनके करियर के लिए उम्मीदें ज्यादा नजर नहीं आती.

ट्रीटमेंट

फिल्म का स्केल बड़ा है. फिल्म को पंजाब की रीयल लोकेशन्स पर शूट किया है. पहले हाफ में हर पांच मिनट में फिल्म में गाने डालकर उसे आगे ले जाने की जो कोशिश हुई है उसका साथ देते-देते आपको नींद आने लगेगी. फिल्म में नाटकीय मोड़ तब आता है जब जसमीत इंग्लैंड रवाना होती है. इसलिए दूसरा हाफ लंदन में दिखाया है. वहां के शूट पर फिल्म में जो खर्चा किया गया है वो इसे थोड़ा ग्रांड बनाता है लेकिन ढीली चाल से चलती स्टोरी की वजह से बॉक्स ऑफिस पर ये फिल्म अपनी लागत निकाल पाएगी, इसकी उम्मीद निर्माताओं को भारी पड़ने वाली है.

निर्देशन

'नमस्ते लंदन' और 'लंदन ड्रीम्स' जैसी शानदार फिल्में बना चुके विपुल शाह इस फिल्म में अपनी पकड़ पूरी तरह से खोते नजर आए हैं. बदलते दौर के सिनेमा में उन्हें फिर से अपने अच्छे काम पर नजर डालने की जरूरत है. क्योंकि जिस स्केल के खर्चे वाली वो फिल्में बनाते हैं. बॉलीवुड के फिल्म निर्माताओं के पास उससे कम खर्चे वाले विकल्पों की इन दिनों भरमार है जो प्रड्यूसर्स के पैसा रिकवरी के रिस्क को काफी कम कर देती है.

वरडिक्ट

तो इस हफ्ते रिलीज हुई इस फिल्म के बारे में हमारी सच्ची राय आपके लिए यही है कि आपके सामने मनोरंजन के लिए इस हफ्ते रिलीज हुई एक दूसरी अच्छी फिल्म बॉक्स ऑफिस पर है, और कुछ इससे पहले वाले हफ्तों में रिलीज हुई फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर अपना नाम चमका रही हैं. उस तरफ अपनी नजर ए इनायत कीजिए.