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2 हफ्ते में जवाब दो, संजय दत्त को जल्दी क्यों रिहा किया: हाई कोर्ट

संजय दत्त की जल्दी रिहाई का मामला गर्मा गया है

Akash Jaiswal

1993 में हुए बम ब्लास्ट केस में संजय दत्त की हुई जल्द रिहाई पर हाई कोर्ट ने सवाल किया है. हाई कोर्ट ने इस मामले में महाराष्ट्र सरकार को अपना जवाब देने के लिए 2 हफ्ते का वक्त दिया है.

इस मामले में कोर्ट ने सरकार को एक एफिडेविट फाइल कर अपना जवाब पेश करने को कहा है.


संजय ने जेल में 18 महीने बिताए जिसके बाद फरवरी 2016 में उनके अच्छे बिहेवियर के चलते उन्हें यरवदा जेल से रिहा कर दिया गया था. संजय को लगभग 8 महीने जल्दी रिहाई मिल गई थी.

इसके बाद मीडिया में और कई जगहों पर इस बात को लेकर कई सवाल उठाये जा रहे थे. पुणे के प्रदीप भालेराम नमक रहिवासी ने एक पीआईएल फाइल कर संजय दत्त के रेगुलर पैरोल और छुट्टियों पर जवाब मांगा था.

इसके बाद जस्टिस आर एम सावंत और साधना जाधव की एक बेंच ने पिछले महीने महाराष्ट्र सरकार से इस मामले में एक एफिडेविट फाइल कर के जवाब देने को कहा.

एडिशनल पब्लिक प्रॉसीक्यूटर प्राजक्ता शिंदे ने सोमवार को हाईकोर्ट से कहा कि महाराष्ट्र राज्य के एडवोकेट जनरल आशुतोष कुंभकोनी इस मामले में उपस्थित होंगे. इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए उन्होंने समय भी मांगा.

जिसके बाद बेंच ने इस याचिका की सुनवाई दो हफ्ते बाद के लिए स्थगित कर दी.

दरअसल, 1993 में हुए बम धमाके के केस की सुनवाई के वक्त संजय बेल पर थे. पर सुप्रीम कोर्ट ने उनकी सजा को बरकार रखा और बाद में सन 2013 उन्हें सरेंडर करना पड़ा था.

संजय पर 1993 केस में गैरकानूनी तरीके से हथियार रखने के अपराध में मामला दर्ज किया गया था.