28 जुलाई को फिल्म ‘राग देश’ पूरे देश के सिनेमा घरों में रिलीज हो गई. खास बात यह है कि इस फिल्म के जरिये राज्यसभा टीवी ने पहली बार व्यावसायिक फिल्म निर्माण क्षेत्र में कदम रखा है.
फिल्म की समीक्षकों ने काफी तारीफ की है. लेकिन फिल्म निर्माण को लेकर कुछ दूसरी खबरें भी आ रही हैं जो सकारात्मक नहीं हैं.
राज्यसभा टीवी के कर्मचारियों के बीच ही फिल्म को लेकर मतभेद की खबर है. ऐसी खबरें आ रही हैं कि फिल्म के प्रचार-प्रसार के नाम पर राज्यसभा टीवी के सीईओ और कुछ वरिष्ठ अधिकारियों की भूमिका सवालों के घेरे में है. फिल्म के मुंबई में हुए प्रीमियर को लेकर कर्मचारियों में कई तरह की खबरें चल रही हैं. ऐसी बातें चल रही हैं कि फिल्म के प्रीमियर और प्रोमोशन में कई बड़े अधिकारी मुंबई सहित देश के विभिन्न शहरों में गए थे, जिसकी जरूरत नहीं थी.
कई कर्मचारी इसे लेकर चर्चा कर रहे हैं कि सीईओ की फिल्म होने के नाते प्रोमोशन के दौरान लगभग महीने भर तक चैनल के रोजमर्रा के काम-काज की अनदेखी की गई.
गौरतलब है कि संसद का मॉनसून सत्र चल रहा है. ऐसे में राज्यसभा टीवी की पहली प्राथमिकता बनती है कि राज्यसभा के कामकाज को प्राथमिकता के तौर पर दिखाए. लेकिन, बजाए संसद की कार्यवाही दिखाने के राज्यसभा की पूरी टीम फिल्म के प्रचार और प्रसार पर ज्यादा ध्यान दे रही थी.
चैनल के कुछ कर्मचारियों में इस बात को लेकर गुस्सा भी है कि महत्वपूर्ण मॉनसून सत्र के कामकाज को दिखाने के बजाए राज्यसभा टीवी के कर्ताधर्ता पिछले कुछ दिनों से फिल्म के प्रोमोशन के नाम पर हवाई यात्राओं को ज्यादा तरजीह दे रहे थे.
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सीईओ गुरदीप सिंह सप्पल से हमने बातचीत की तो उन्होंने इन सब बातों से इंकार किया. उन्होंने कहा कि हमने नियमों के दायरे में रहकर ही सारी चीजें की हैं. उन्होंने प्रोमोशन में अनाप-शनाप खर्च की बात से भी इंकार किया.
हम आपको बता दें कि फिल्म ‘राग देश’ बनाने की मंजूरी एक कमेटी के द्वारा दी गई थी. राज्यसभा का शीर्ष नेतृत्व दो साल पहले भारत के इतिहास के कुछ ऐसे अनसुने एतिहासिक पहलू को देश की जनता के सामने लाना चाहता था , जिनके बारे में अभी तक कम ही लोगों को जानकारी है.
फिल्म बनाने को लेकर राज्यसभा टीवी ने दो साल पहले एक टेंडर जारी किया था. फिल्म बनाने को लेकर आवेदन करने वाले डायरेक्टर्स को एग्जामिन किया गया.
राज्यसभा टीवी ने फिल्म बनाने को लेकर एक शर्त रखी थी कि जो भी निर्देशक फिल्म को बनाएगा वह नेशनल अवार्ड विजेता निर्देशक होना चाहिए.
जाने-माने फिल्म निर्देशक तिग्मांशु धुलिया को इस फिल्म की बनाने की जिम्मेदारी मिली. फिल्म में अभिनेता कुणाल कपूर, अमित साध और मोहित मारवा जैसे अभिनेताओं ने मुख्य भूमिका अदा की. फिल्म बन कर तैयार भी हुआ और प्रीमियर भी बड़े धूमधाम से किया गया.
फिल्म का ट्रेलर देश की संसद में रिलीज किया गया था. ऐसा पहली बार हुआ जब किसी फिल्म का ट्रेलर संसद भवन में रिलीज किया गया हो.
पिछले महीने के 21 तारीख को फिल्म का प्रीमियर राष्ट्रपति भवन में आयोजित करवाया गया. उस समय के तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से फिल्म की पूरी स्टारकास्ट को मिलवाया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक फिल्म को बनाने में लगभग 14 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. जबकि, फिल्म के प्रोमोशन के नाम पर लगभग 8 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं. इस फिल्म की मार्केटिंग पार्टनर यूएफओ को बनाया गया है.
फिल्म ‘राग देश’ से पहले भी राज्यसभा टीवी ने एक धारावाहिक ‘संविधान’ का निर्माण कर चुकी है. इस धारावाहिक को मशहूर निर्देशक श्याम बेनेगल ने निर्देशित किया था.
फिल्म ‘राग देश’ 1945 में लाल किले में आजाद हिंद फौज के सैनिकों पर चले मुकदमों पर आधारित है. देश में राज कर रही उस समय की हुकूमत ने आजाद हिंद फौज के तीन सैनिकों को मौत की सजा दी थी. मरने वाले सैनिक हिंदू, मुस्लिम और सिख थे.
इस फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे इंडियन नेशनल आर्मी के तीन ऑफिसर्स कर्नल प्रेम सेहगल, कर्नल गुरबख्श सिंह ढिल्लो और मेजर जर्नल शाह नवाज खान, नेताजी सुभाष चंद्र बोस की अगुवाई में भारत को आजाद कराने की जंग लड़ते हैं.
राज्यसभा टीवी के सीईओ और एडिटर इन चीफ गुरदीप सप्पल इस फिल्म के प्रोड्यूसर हैं. फिल्म के प्रोड्यूसर बनने से पहले गुरदीप सप्पल देश के उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी के ओएसडी, राज्यसभा टीवी के सीईओ और एडिटर इन चीफ भी हैं.
फिल्म ‘राग देश’ को देश के चुनिंदा फिल्म क्रिटिक्स को भी दिखाई जा चुकी है और उन सभी ने इसे मस्ट वाच कैटगरी की फिल्म करार दिया है. यानि फिल्म रिव्यू पर भी ढेर सारे स्टार मिले हैं.