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Exclusive : 'डांडिया किंग' नैतिक नागदा आज के युवाओं के लिए हैं इंस्पिरेशन

नैतिक कूड़ा-करकट से म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स बनाकर धमाकेदार शो करते हैं

Hemant R Sharma

गरबा और डांडिया एक ऐसा भारतीय नृत्य जिसे सिर्फ गुजराती ही नहीं बल्कि पूरे हिंदुस्तान के लोग दिल खोलकर एन्जॉय करते हैं लेकिन अगर डांडिया प्रेमियों से ये पूछा जाये कि किसके ढोल पर नाचने में उन्हें सबसे ज्यादा मज़ा आता है तो सबकी जुबान पर एक ही नाम होता है - नैतिक नागदा.

5 साल की छोटी सी उम्र से ही ढोल बजाने वाले नैतिक नागदा टेलीविज़न रियलिटी शो एमटीवी रॉकऑन के विजेता हैं. आज पूरा हिंदुस्तान उन्हें 'डांडिया किंग' के नाम से जानता है.


नैतिक के नवरात्रि कार्यक्रमों में ऑडियंस का हुजूम देखने को मिलता है. उनके बैंड 'रॉकऑन बीट्स' की धुनों पर युवा क्रेज़ी हो जाते हैं. आज नैतिक लाइव ऑडियंस शोज में निसंदेह नंबर वन बन चुके हैं लेकिन नैतिक के लिए फर्श से अर्श तक का ये सफर इतना आसान नहीं था.

नैतिक नागदा का बनाया इंग्लिश गाने का ढोल वर्ज़न

नैतिक बहुत छोटे ही थे, जब उनके पिता का देहांत हो गया. बचपन के अठखेलियों के दिनों में ही नैतिक पर जिम्मेदारियां आ गयीं. उन्होंने बहुत छोटी उम्र में ही शो करने शुरू कर दिए. अच्छे इंस्ट्रेमेंट्स खरीदने के लिए पैसे नहीं होते थे तो नैतिक बताते हैं कि कैसे उन्होंने अपनी म्यूजिकल जर्नी की शुरुआत की.

नैतिक कहते हैं "जब में बहुत छोटा था तो अपने सिर पर बजाता था उसके बाद मैंने डब्बे-बोतल जैसे घर पर रखे बर्तन बजने शुरू किये. घरवाले पहले तो परेशान हुए लेकिन फिर उन्हें भी धीरे धीरे मेरी म्यूजिक के प्रति दिलचस्पी नज़र आने लगी. उस समय कल्याण जी आनंद जी का शो 'लिटिल वंडर्स' चलता था जिसमें मैंने 7 साल कि उम्र में बजाना शुरू किया. तब मुझे शो करने के 250 रुपये मिलते थे."

8 साल के नैतिक को सामने से जैसा भी और जहां भी मौका मिलता वो परफॉर्म करने चले जाते. उनके मुताबिक "मैं 8 साल का था तब से ढोल बजा रहा हूं पहले ट्रेन के लोकल डब्बों में जाकर मैंने परफॉर्म किया है क्योंकि तब परिस्थिति ही ऐसी थी."

नैतिक के लिए कोई भी काम छोटा या बड़ा नहीं था. नैतिक जहां भी जाते लोग उन्हें बहुत पसंद करते. धीरे धीरे मुंबई के कई आयोजक उन्हें अपने साथ कार्यक्रमों में ले जाने लगे. लेकिन अभी भी नैतिक के दिल में कुछ कर दिखाने का जूनून एक सही मौके का इंतज़ार कर रहा था.

साल 2009 में एक दिन उन्हें पता चला कि एमटीवी एक म्यूजिक पर रियलिटी शो बनाने जा रहा है. जिसमें ऑडिशन देने कि नैतिक को बिल्कुल भी दिलचस्पी नहीं थी लेकिन उनकी दोस्त इशिता(अब उनकी वाइफ) ने उन्हें जिद करके ऑडिशन के लिए भेज दिया.

कूड़ा-करकट के डब्बों से म्यूजिक उत्पन्न करने नैतिक

नैतिक शो के लिए सेलेक्ट हो गए. शो में कैलाश खेर ने उनकी बहुत तारीफ़ की. नैतिक शो जीते भी और उसके बाद कैलाश खेर ने उन्हें अपने बैंड का हिस्सा भी बना लिया.

उसके बाद नैतिक ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा. उन्होंने 'रॉक ऑन बीट्स' के नाम से अपना खुद का बैंड शुरू किया. व्हील ड्रम, ट्रैश कैन, माउथ परकशन, पाइप ड्रम जैसे कई नए तरह के यूनिक एक्ट अपने बैंड में प्रस्तुत किये. मुंबई में होने वाली नवरात्रि पर उनके बीट्स में थिरकने के लिए रिकॉर्ड-तोड़ भीड़ होने लगी. नैतिक को लोग डांडिया किंग के नाम से जानने लगे.

आज नैतिक लाइव म्यूजिक इंडस्ट्री में जाना-माना नाम बन चुके हैं और म्यूजिक को ही सब कुछ मानते हैं.

नैतिक कहते हैं "म्यूजिक के बारे में अगर एक म्यूजिशियन से पूछो तो वो उसकी रग-रग में बहता खून है. हवा में भी म्यूजिक है हम बात कर रहे हैं उसमें भी म्यूजिक है. और अगर हम खामोश हैं तो उस ख़ामोशी में भी उतना ही म्यूजिक है म्यूजिक सब कुछ है."

आज के युवाओं को नैतिक कभी हिम्मत ना हारने की ही प्रेरणा देते हैं. नैतिक का मैसेज है "मैं आज जहां भी पहुंचा हूं मुझे यहां पहुंचने में 20 साल लग गए. बहुत मुश्किलें आयीं लेकिन कभी हार नहीं मानी और खुद पर विश्वास रखा."

बता दें कि इस साल नैतिक नागदा नवरात्रि के मौके पर 'ठाणे' महाराष्ट्र में परफॉर्म करेंगे. जिसमें वह इस बार स्पेनिश भाषा के गानों का डांडिया वर्ज़न अपने फैन्स के लिए लेकर आएंगे.