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बिग बॉस में कुछ भी स्क्रिप्टेड नहीं: इलीना कर्जान

इसी हफ्ते घर से बाहर होने वाली इलीना से फ़र्स्टपोस्ट की बातचीत.

Runa Ashish

हाल ही में बिग बॉस के घर से बाहर होने वाली इलीना कर्जान को देख कर लगता नहीं था कि वो हिंदी भी बोल सकती हैं. लेकिन वो ना सिर्फ बेहतरीन हिंदी बोलती हैं बल्कि उतनी ही खूबसूरती से बंगाली भी बोल लेती हैं. फ़र्स्टपोस्ट ने इसी हफ्ते घर से बाहर हुई इलीना से बातचीत की.

इलीना आप बिग बॉस के घर से बाहर हो गई हैं तो आपकी पहली प्रतिक्रिया क्या थी?


बच गए.. ऐसा इसलिए कहा क्योंकि आपको वो जगह अच्छी नहीं लगती है. बिग बॉस के हाउस में बहुत गंदगी है. वहां कोई साफ-सफाई नहीं करता है. कोई दाल बना दे तो बर्तन वहीं पड़े रहते हैं. जगह बहुत ही गंदी है. वहां बहुत सारी लाइट्स थीं, सिर दुख जाता था, हम जेल में थे. ज्यादा घूम-फिर नहीं सकते थे. तो एक ही जगह पर बंधे रहो, कोई ताजी हवा नहीं.

जब आपको कहा गया था कि आपको बिग बॉस के घर में जाना है. तब आप क्या सोच कर गईं थी कि आपको क्या देखना मिल सकता है?

मुझे बिग बॉस की तरफ से फोन आया था कि आपको बिग बॉस के घर में जाना

होगा. तो मैंने एक या दो एपिसोड पहले से देखे हुए थे. लेकिन जब अंदर गई

तो देखकर लगा कि यहां तो लोग बर्तन भी साफ नहीं करते हैं.

आम लोगों को यह लगता है कि बिग बॉस स्क्रिप्टेड होता है. आपने क्या देखा वहां?

नहीं स्क्रिप्टेट नहीं होता है. आप वहीं 24 घंटे कैमरे के निगरानी में

होते हैं. तो इन 24 घंटों को आप दर्शकों को एक ही घंटे में तो नहीं दिखा

सकते हैं ना. तो एडिटिंग होती है. अब एडिट मे क्या दिखाया जा रहा है वो

अलग बात है. जो लड़ाइयां हो रही हैं वो तो हो रही हैं ना. सच ही में हो

रही हैं. दर्शकों को हर बात तो नहीं दिखाई जा रही है ना.

आप वहां अंदर थीं और जब बाहर जा रही थीं तो घरवालों ने कैसे रिएक्ट किया?

मेरे मुताबिक घर के अंदर बहुत सारे इमोशंस है. कभी टास्क में लोग इतना खो

जाते हैं कि गिर जाते हैं. चोट लग जाती है. जैसे मनवीर के साथ हुआ.

टास्क में आप बानी की ही बात ले लीजिए. वो बहुत इमोशनल हो जाती

हैं, रोने लगती हैं. सलमान सर ने भी कहा था कि बानी अच्छा खेल रही हैं बस

उन्हें अपने इमोशंस को संभालना होगा. आप लोगों से बहुत ज्यादा उम्मीदें

लगाती हैं. मुझे लगता है कि वहां घरवालों को कूल रहना चाहिए जैसे कि गौरव.

वो बहुत ही कूल हैं. तो वो एक पूरी योजना बना लेते हैं और इसी तरह से

जीता जा सकता है.

आप को बिग बॉस के घर मे पहुंचे एक ही हफ्ता हुआ था. आपको नहीं लगा कि लोगों ने बहुत कम समय में आपके लिए फैसला ले लिया?

अब यह तो गेम है, जितना हुआ ठीक ही है.

आप एक विदेशी भी हैं तो किसी भी तरह से कोई सोच नहीं सकता है कि आप इतनी अच्छी हिंदी बोल सकती होंगी. तो जब आप घर के अंदर पहुंची तो किसी को आपसे बात करते झिझक महसूस हो रही थी?

नहीं, बिल्कुल नहीं.. यूं ही मुलाकात हो गई फिर बात भी हो गई. यू हीं बोल

चाल हो गई. मुझे तो राहुल सर याद हैं वो हमेशा मेरी तारीफ करते रहते थे

कि आपकी हिंदी बहुत अच्छी है. घर के सारे लोग मुझे बहुत ही सपोर्टिंग

लगे. मुझे इस बात को लेकर कभी की परेशानी महसूस नहीं हुई.

क्या आप घर के किसी भी सदस्य को पहले से जानती थीं?

हां.. मैं गौरव को पहले से जानती थी. हम दोनों एक साथ एक फिल्म भी कर

रहे हैं. वह फिल्म अभी रुकी हुई है क्योंकि गौरव तो यहां है ना. जब गौरव बाहर आएगा तो उस फिल्म की शूट शुरु होगी. वहां तो गौरव भी मुझे बोल रह थे कि मेरी हिंदी तो बहुत अच्छी हो गई है.

आपको घर के सदस्य ओम कैसे लगे?

मुझे तो ओमजी की एक बहुत ही अलग इमेज देखने को मिला. हम लोग जब जेल में थे, तो वो हर शाम को आते थे और हमसे बातें करते रहते थे. कभी कोई चीजें मंगा लीं तो वह कभी भी मना नहीं करते थे. वह तुरंत जाते थे और जा कर ले के आ जाते थे. मैं जब एक बार किचन में थी तो वह आए और चुपचाप से मेरे साथ सफाई में मदद शुरू कर दी.

मुझे मालूम है कि वह कुछ ना कुछ बोलते रहते हैं. लोकिन मुझे साथ में ये भी लगता है कि लोग उनको छेड़ते रहते हैं. एक बार लोपा आई और उन्हें छेड़ दिया. तो फिर गुस्से में आकर उन्होंने खाना फेंक दिया. वो होता है ना कि बच्चे मिल कर किसी स्टूडेंट को बुली करते हैं धमकाते रहते हैं. अगर कुछ गलत कर दिया तो बोलते हैं. और कभी गलत नहीं किया तब भी बोल देते हैं. वैसे जैसन भी बहुत अच्छा लगा.

आपके एक हफ्ते के अनुभव के आधार पर किसके चांसेस सबसे ज्यादा लग रहे हैं?

मुझे गौरव, बानी और प्रियंका के चांसेस सबसे ज्यादा लगते हैं. तीनों

अच्छा खेल रहे हैं. मनवीर को मैंने सिर्फ एक टास्क करते देखा. उसे देख कर लगा कि उसने टास्क जीतने में कोई भी प्लानिंग नहीं की थी. गौरव को देखा था कि वो आराम से अपना काम कर रहा था.

मनवीर ने बहुत जल्दबाजी में टास्क किया और फिर रंग गिर गया था. इन सब वजहों से वो हार गया. आपको जब टास्क मिलता है तो आपको बहुत सोच-समझ कर काम करना चाहिए. एकदम शांत होना चाहिए.

जब बिग बॉस की बात आती है तो यह मान कर चला जाता है कि घर के अंदर लड़ाई होगी. टांग खीचेंगे लोग आपस में, आप इन सब के लिए मानसिक तौर पर तैयार हो कर गईं थीं?

मैं एक तरह से तैयार थी, लेकिन ऐसा होगा मालूम नहीं था. जैसे एक बार लोपा से लड़ाई हो रही थी. तो साइकलिंग का टास्क था, हम लोग जेल में थे तो

खाने-पीने के लिए हम लोग उन पर निर्भर थे. हम कई बार भूखे रह जाते थे. देखिए लड़ाई होती रहती है लेकिन खाना नहीं मिलना.. यह तो नहीं सोचा था.

आपके लिए वो साइकलिंग टास्क कैसा रहा था. लंबे समय तक आपको, बानी और जैसन को साइकलिंग करनी पड़ी थी?

वो बहुत ही थका देने वाला टास्क था. खास तौर पर से वो साइकल थोड़ी

परेशानी बन गई थी. उसकी एक सीट थोड़ी ऊंची थी. तो उसमें चढ़ना और साइकल चलाना बहुत मुश्किल हो रहा था. लेकिन हमें मजा भी आ रहा था. जैसन भी खूब जोक्स कर रहा था.

लेकिन रात में बहुत ही मुश्किल हो रहा था खास कर आप जब दिन भर साइकल चला चुके हों तो. रात में दो लोग सो रहे थे तो दो लोग साइकल चला रहे थे. हम ऐसा कर के एक दूसरे को रेस्ट भी दे रहे थे और टास्क भी कर रहे थे. लेकिन मजेदार था.

आपको लगता है कि प्लानिंग ठीक से हुई होती तो शायद टास्क का रूप कुछ और ही होता?

बिल्कुल, अगर प्लानिंग ठीक से हुई होती तो लड़ाई या इतनी मेहनत जाया

नहीं जाती. घर में एक सदस्य कुछ कहता था और दूसरा कुछ और ही कहता था. एक साथ मिल कर बताते तो मजा आता.

एक बार मैंने पूछा कि पैडल चलाना शुरु करें तो जवाब आया कि सब तैयार हैं. बस बानी का स्पेशल आटा नहीं बना तो मैंने कहा पहले आटा कर लो फिर हम पैडल करेंगे. वहां पता नहीं क्यों खाना बनाने में बहुत समय लगता है. ऐसा लगता है कि इन लोगों ने अपने घर के किचन में कभी भी काम नहीं किया है. अगर आदत होती है तो खाना बनाने में देर नहीं लगती है.

अब आप आगे क्या करने का सोच रही है?

अभी मैं एक फिल्म कर रही हूं जिसकी डबिंग चल रही है. फिल्म का नाम है देवी. यह एक बंगाली फिल्म है बस अंतर इतना है कि देवदास लड़के की कहानी है. और देवी लड़की की कहानी है. इसमें मैं चुन्नी दास का रोल कर रही हूं. इसके निर्दशक रिग बासू हैं और शायद फरवरी तक रिलीज हो जाए.

फिर एक और फिल्म है 'डॉक्टर रखमा बाई' जिसके निर्देशक हैं अनंत महादेवन. फिर गौरव चौपड़ा वाली फिल्म तो है ही. इसमें मैं और गौरव चोपड़ा पति-पत्नी की भूमिका में हैं. और ये एक मर्डर मिस्ट्री है. बाकि की फिल्मों की बातें चल रही हैं लोकिन अभी कुछ कहने की स्थिति में नहीं हूं मैं.

हम पाठकों को बता दें कि इलीना कर्जान पहेल भी 'गांधी टू हिटलर' और 'एजेंट

विनोद' में काम कर चुकी हैं.