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अरविंद केजरीवाल पर बनी फिल्म 'सेंसर' में अटकी

इस फिल्म में प्रधानमंत्री मोदी और शीला दीक्षित का फुटेज इस्तेमाल किया गया है

Hemant R Sharma

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार विजेता फिल्मकार आनंद गांधी ने एक डॉक्यूमेंट्री बनाई है जिस पर एनओसी की तलवार लटक गई है.

इस फिल्म का नाम है ‘एन इनसिग्निफिकैन्ट मैन’. इस फिल्म में अन्ना हजारे के समय के आंदोलन के फुटेज का इस्तेमाल किया गया है. साथ ही दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भी फुटेज हैं. इसलिए सेंसर बोर्ड ने इस पर आपत्ति जताते हुए फिल्म के निर्माता से पीएम मोदी और शीला दीक्षित की एनओसी लाने को कहा है.


भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन के बाद खड़ी हुई पार्टी आप और अरविंद केजरीवाल पर बनी इस डॉक्यूमेंट्री फिल्म को सेंसर बोर्ड ने सात कट के साथ मंजूरी तो दे दी, लेकिन पीएम नरेन्द्र मोदी और पूर्व दिल्ली सीएम शीला दीक्षित के फुटेज इस्तेमाल करने को लेकर दोनों से एनओसी लाने को कहा है.

इस फिल्म में नरेन्द्र मोदी और शीला दीक्षित समेत कई नेताओं के बारे में आपत्तिजनक बयान भी दिए गए हैं इसीलिए शुरुआत में ही सेंसर बोर्ड की एग्जामिनिंग कमेटी ने इसे पास करने से मना कर दिया था. सेंसर बोर्ड के अध्यक्ष पहलाज निहलानी ने भी ये फिल्म देखी. जिसके बाद ही इसके सात सीन काट दिए गए और एनओसी लाने को कहा गया.

फिल्मकार आनंद गांधी ‘द शिप ऑफ थेसिस’ बनाई थी. केजरीवाल पर बनी फिल्म के को-डायरेक्टर्स विनय शुक्ला और खुश्बू रांका से काफी देर इस फिल्म के सीन को लेकर सेंसर में चर्चा हुई जिसके बाद पहलाज निहलानी ने इस फिल्म को यूए सर्टिफिकेट दिया. एनओसी मिलने के बाद ही ये फिल्म रिलीज की जाएगी.