अभिनेता संजय दत्त के जल्दी रिहा किए जाने पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सवालिया निशान लगाया है. कोर्ट ने महाराष्ट्र सरकार से पूछा है कि जब संजय दत्त अपनी कैद के आधे समय तक पैरोल पर बाहर ही रहे, ऐसे में उन्हें जल्दी रिहा कैसे किया जा सकता है.
कोर्ट ने पूछे ये सवाल
सोमवार को कोर्ट ने पूछा कि सरकार को अपने इस फैसले पर सफाई देनी होगी कि संजय को आठ महीने पहले जेल से कैसे रिहा किया गया जबकि वो ज्यादातर समय पैरोल पर रहे थे.
कोर्ट ने कहा, 'सरकार ने संजय दत्त को रिहा करने पर उनके अच्छे व्यवहार का हवाला दिया था लेकिन वो आधे समय तक पैरोल पर बाहर थे. ऐसे में सरकार ने उनके अच्छे व्यवहार का आकलन कब और कैसे कर लिया.’
बता दें कि संजय दत्त को 1993 के सीरियल ब्लास्ट केस में पांच साल कैद की सजा सुनाई गई थी. उनके अच्छे व्यवहार को देखते हुए पुणे की यरवदा जेल से तय समय से आठ महीने पहले ही फरवरी 2016 में जमानत दे दी गई थी. अब इस मामले की सुनवाई एक हफ्ते बाद की जाएगी.