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गाना रिराइट: 'कोई चीज नहीं मैं मस्‍त-मस्‍त'

अक्षरा सेंटर ने लोगों को पुरुषवादी और द्विअर्थी हिंदी फिल्‍मी गीतों को नए अर्थों और संदर्भों में लिखने के लिए कहा

FP Staff

'तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त, तू चीज बड़ी है मस्त.'

ये गाना एक जमाने में बहुत हिट रहा है. लेकिन क्‍या हमने कभी इसकी लिरिक्‍स पर गौर फरमाया. आखिर ये कह क्‍या रहा है. औरत क्‍या कोई चीज है?


अगर इस गाने को ऐसे लिखते तो-

'कोई चीज नहीं मैं मस्‍त-मस्‍त

कोई चीज नहीं औरत.'

गानों के लिरिक्स को लेकर अक्षरा सेंटर ने पिछले दिनों एक कैंपेन चलाया- हैशटैग गाना रिराइट के नाम से. उन्‍होंने लोगों को पुरुषवादी और द्विअर्थी हिंदी फिल्‍मी गीतों को नए अर्थों और संदर्भों में लिखने के लिए कहा.

उन्‍हें सैकड़ों की तादाद में गाने मिले. इन्‍हीं गानों में से एक था, 'जिसने तू चीज बड़ी है मस्‍त-मस्‍त' को बदलकर 'कोई चीज नहीं मैं मस्‍त-मस्‍त' कर दिया.

अक्षरा सेंटर ने चलाई मुहिम 

अक्षरा सेंटर महिलाओं के मुद्दों पर काम करने वाला मुम्बई का एक एनजीओ है.

इसकी को-डायरेक्टर नंदिता शाह कहती हैं, 'गाने हम सभी सुनते हैं, नाच लेते हैं, गुनगुना लेते हैं. लेकिन हममें से ज्यादातर लोग गानों के अर्थ और उसके सामाजिक परिणामों को समझने की कोशिश नहीं करते. एक गाना औरत को चीज बनाकर पेश कर रहा है और हमारा समाज बिना किसी सवाल के उसे स्‍वीकार रहा है.'

नंदिता कहती हैं, 'जब तक लोग खुद यह बात नहीं समझते कि किस तरह के गाने सही हैं, किस तरह के गाने गलत, किस गाने को सुना जाना चाहिए और किसको नहीं, तब तक हम मौखिक विरोध या सोशल मीडिया पर बातों के स्तर से आगे नहीं बढ़ सकते. अकेले यह संभव नहीं. इसमें लोगों को जोड़ा जाना जरूरी है.'

लड़कियों ने बदले आइटम सांग के अर्थ 

इस कैंपेन में आए गानों में से कुछ को लेकर एक वीडियो बनाया गया. इसमें चार-पांच लड़कियां हैं, जो सार्वजि‍नक स्‍थानों पर पॉपुलर आइटम सांग को नए शब्‍दों और नए अर्थों में गा रही हैं.

आखिर में वह सवाल करती हैं- 'ऐसे क्यों नहीं लिखते?'

इस बार दिल्ली यूनिवर्सिटी के एक गर्ल्स कॉलेज के फेस्ट में गायक बादशाह को नहीं बुलाया गया.

वहां की छात्राओं का कहना था की जिन गानों में हम लड़कियों को एक छोटी ड्रेस में सजी डॉल से ज्यादा कुछ नहीं समझा जाता, उन गानों को हम क्यूं सुनें?

तनु वेड्स मनु फिल्म के गीत लिख चुके राज शेखर कहते हैं, 'चीजें एकतरफा नहीं होती, फिल्म इंडस्ट्री में बहुत सारे फैक्टर मिलकर काम करते हैं. लेकिन ये गाने लिखने वालों को भी तय करना होगा कि वो एक लाइन कहां खींची जानी चाहिए.'

साभार: न्यूज़ 18 हिंदी