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Review टाइगर जिंदा है: बॉलीवुड को मिला अपना जेम्स बॉन्ड

सलमान ने अपने फैंस को दिया है क्रिसमस का बेहतरीन तोहफा

Abhishek Srivastava

टाइगर जिंदा है पूरी तरह से सलमान खान की फिल्म है और जो उनके चाहने वाले हैं उनको इस फिल्म से किसी भी तरह की निराशा नहीं होगी. उनकी पिछली फिल्म ट्यूबलाइट की नाकामी को इस बार उनके फैंस पूरी तरह से भुला देंगे.

लेकिन यहां पर यह भी कहना जरूरी हो जाता है कि यह फिल्म सलमान के फैंस को ही लुभाएगी बाकी लोगों के बारे में यही बात कहना थोड़ा मुश्किल होगा. टाइगर जिंदा है पूरी तरह से एक कमर्शियल फिल्म है जाहिर सी बात है लॉजिक को कई बार बगल में रखा गया है.


अगर एक मिशन में रॉ और आईएसआई के एजेंट्स एक साथ मिलकर उसको अंजाम देते हैं तो इस फिल्म में कल्पना की उड़ान किस हद तक भरी गई है इस बात का अंदाज़ा आप अच्छी तरह से लगा सकते हैं. एक सच्ची घटना पर आधारित इस फिल्म में सिर्फ इसके आधार को छोड़कर सभी कुछ काल्पनिक है.

स्टोरी

इस फिल्म की कहानी टाइगर के बारे में है जो क्यूबा मिशन पूरा करने के बाद ऑस्ट्रिया की बर्फीली वादियों में अपने परिवार के साथ शांत जिंदगी बीता रहा है. अब वो एक आठ साल के बच्चे का बाप भी बन चुका है. जब इराक के इरकिट शहर में आईएससी के आतंकवादी 40 नर्सेंस को एक अस्पताल के अंदर बंधक बना लेते हैं तब टाइगर का मिशन शुरू हो जाता है.

नर्सेंस के ग्रुप में कुछ एक पाकिस्तानी भी है लिहाजा ये पूरा आगे चलकर मिशन रॉ और आईएसआई का जॉयंट मिशन बन जाता है. कहने की जरुरत नहीं है कि टाइगर इस मिशन में सभी परेशानियों के ऊपर फ़तह पा कर नर्सेंस को वहां से छुड़ा लेता है और देश की लाज रखता है.

तेजी से आगे बढ़ती कहानी

लगभग पौने तीन घंटे की यह फिल्म आपके धीरज का कई बार इम्तिहान लेती है लेकिन इसके बावजूद यह फिल्म आपको ज्यादा बोर नहीं करती है क्योंकि इस फिल्म में घटनाओं का घटनाक्रम काफी तेजी से चलता है. अगर यह फिल्म किसी वजह से देखने लायक है तो वो निश्चित रूप से इसके प्रोडक्शन क्वालिटी की वजह से है जो जाहिर सी बात है उसके बजट की वजह से ही आती है.

धमाकेदार हैं फिल्म के एक्शन्स

फिल्म देखते वक़्त वाकई में इस बात का एहसास होता है कि आप एक रेस्क्यू मिशन देख रहे हैं. निर्देशक अली अब्बास जफ़र की इस बात के लिए तारीफ़ करनी पड़ेगी कि इतने बड़े स्केल पर उन्होंने एक फिल्म को सोचा और उसको एक अच्छा दिखने वाला मूर्त रूप दिया. हिंदी फिल्मों के इतिहास में इसके पहले जो हम जासूसी फिल्मों से दो चार हो चुके हैं उसके मुक़ाबले इस फिल्म का कद काफी ऊंचा है.

हॉलीवुड फिल्मों को टक्कर

विदेशों में जिस तरह से स्पाई फिल्मों को बनाने का ढर्रा होता है ये उसके काफी करीब है. लेकिन परेशानी इस बात की है की आखिरकार टाइगर ज़िंदा है एक बॉलीवुड की कमर्शियल फिल्म है इसलिए लॉजिक को कहीं ना कहीं गोली मारनी ही पड़ेगी.

दिल दहला देने वाले एक्शन सीक्वेंस

टाइगर को फिल्म में इंट्रोड्यूस किया जाता है उनके एक एक्शन सीक्वेंस से जिसमे उनकी भिड़ंत खूंखार भेड़ियों से होती है. अब पेपर पर इस बात में काफी दम लगती है लेकिन इस सीन को फिल्माते वक़्त निर्देशक इसमें जान नहीं डाल पाए हैं. फ़ास्ट कट्स और कैमरा मूवमेंट्स से आप किसी भी सीन में जान नहीं डाल सकते हैं. लेकिन इसी के साथ फिल्म में कुछ एक सीक्वेंसेस ऐसे भी बन पड़े हैं जिसको देखने के बाद आपके मुंह से वाह वाही निकलती है. जब सलमान अपने हिंदुस्तानी एजेंट से मिलते हैं और वही पर एक बच्चा ह्यूमन बम के रूप में मिलता है तब उसको बचाने के बाद जो एक्शन शुरू होता है वो काफी क़ाबिले तारीफ़ है.

एक्टिंग

अभिनय की बात करें तो सलमान खान के बारे में यही कहूंगा कि वो अपनी पिछली फिल्मों के मुकाबले इस फिल्म मे काफी सुधरे हुए नज़र आते हैं. फिल्म के कई सीन्स में स्लीपवॉक कर जाना उसके लिए बायें हाथ का खेल है और टाइगर ज़िंदा है कोई अपवाद नहीं है. एक्शन सीन्स में वह विश्वसनीय लगते हैं. लेकिन कटरीना कैफ इस फिल्म में बाकी कलाकारों के मुकाबले पूरी तरह से उभर कर सामने आती हैं बावजूद इसके कि उनका फिल्म में उतना बड़ा रोल नहीं है. उनके एक्शन सीन्स कमाल के हैं और उनकी मेहनत साफ़ नज़र आती है. महज उनके एक्शन के अंदाज को देखकर आपका पैसा वसूल हो जायेगा. अंगद बेदी और कुमुद मिश्रा सलमान की टीम के सदस्य हैं और उनका काम भी ठीक है. अबू उस्मान के रोल में सज्जाद डेल्फरूज़ है और उनका काम काफी सधा हुआ है.

जरूर देखें सलमान के धमाके

आप टाइगर जिंदा है को उसके स्केल के लिए देख सकते हैं. यह एक पूरी तरह से कमर्शियल मसाला फिल्म है जो रियल इवेंट के परिप्रेक्ष्य में होने की वजह से मज़ा दोगुना कर देती है. आप जाइये और सलमान को उस रूप में देखिये जिसके लिए वो जाने जाते हैं. ट्यूबलाइट की बात अब पुरानी हो जाएगी.

निर्देशक ने कहानी के साथ किसी भी तरह का समझौता नहीं किया है ये इसी बात से साबित हो जाती है कि फिल्म में महज आपको दो गाने ही देखने को मिलेंगे अगर मैं एन्ड क्रेडिट्स के गाने की बात छोड़ दूं तो. इस क्रिस्मस और नए साल में लॉजिक को दरकिनार कीजिये और टाइगर की गर्जना के मज़े उठाइये. और अली अब्बास जफर का शुक्रिया क्योंकि जेसन बोर्न और जेम्स बांड अगर हालीवुड के पास है तो अब हमारे पास भी टाइगर है.