view all

बरुन सोबती Exclusive : एक्टर्स को खुद को सीरियसली लेना चाहिए, ना कि सोशल मीडिया डमी बनकर रह जाना चाहिए

बरुन सोबती ने फिल्म, टीवी सीरियल और पर्सनल लाइफ पर खुलकर बातें की है

Rajni Ashish

छोटे पर्दे पर दर्शकों का दिल जीतने के बाद टीवी के हॉटेस्ट स्टार के तौर पर मशहूर बरुन सोबती अब बड़े पर्दे की ओर रुख कर रहे हैं. बरुन जल्द ही निर्देशक मिलिंद धैमडे की फिल्म ‘तू है मेरा संडे’ में नजर आएंगे. इस फिल्म में उनके साथ विशाल मल्होत्रा, शाहना गोस्वामी और अन्य एक्टर्स ने काम किया है. ‘तू है मेरा संडे’ कहानी है कि पांच दोस्तों की जो हर संडे फुटबॉल खेलने जाते हैं. पर एक दिन अचानक उनकी बॉल गलती से उस इलाके के लोकल पॉलिटिशियन को लग जाती है. इस वजह से उनका वहां खेलना कूदना बंद कर दिया जाता है. इस फिल्म में आम जिंदगी में व्यक्ति की लाइफ स्ट्रगल्स को दिखाया गया है. ये फिल्म ब्रिटिश फिल्म इंस्टिट्यूट के लंदन फिल्म फेस्टिवल और मामी फेस्टिवल 2016 में प्रीमियर हो चुकी है. अब ये फिल्म 6 अक्टूबर को थिएटरों में रिलीज हो रही है.


हाल ही में बरुन ने इस फिल्म और अपने टीवी शोज से जुड़े कई मुद्दों पर हमसे एक्सक्लूसिव बातचीत की जिसके महत्वपूर्ण अंश हम आपके लिए लेकर आये हैं.

इस फिल्म ने आपको चुना या आपने फिल्म को ?

मुझे याद है कि निर्देशक मिलिंद धैमडे ने मुझे फिल्म के सिलसिले में बात करने के लिए बुलाया था. हम दोनों के बीच 10-15 मिनट की बातचीत हुई जो मुझे काफी अच्छी लगी. मुझे उनकी बातें बड़ी अच्छी लगी. उनसे बात करके मुझे ये समझ में आ गया था कि उन्होंने मुझे अर्जुन के रोल के लिए कास्ट करने का अपना इरादा पक्का कर लिया है. फिर मैंने स्क्रिप्ट पढ़ी. मैंने एक बार में ही स्क्रिप्ट खत्म कर डाली. मुझे स्क्रिप्ट इतनी अच्छी लगी कि मैं कन्फ्यूज्ड हो गया कि कौन सा रोल करूं? क्योंकि उसमें सभी केरेक्टर्स बेहद ही कमाल के थे. मुझे तभी पता चल गया था कि ये फिल्म मुझे करनी है.

कितना अलग है अर्जुन का किरदार आपके अब तक के निभाए हुए किरदारों से ?

अर्जुन बहुत रियल और सॉर्टेड है. उसके लिए रिलेशनशिप बहुत मायने रखते हैं.पैसे और कॉम्पीटीशन उसे ज्यादा पसंद नहीं है. वो बहुत आगे का नहीं सोचता.उसका दिल जो करता है वो करता है. वैसे अर्जुन ही क्यों इस फिल्म के सभी केरेक्टर्स बेहद ही कमाल हैं और उसकी कास्टिंग बहुत अच्छी की गई है. सभी बेहद ही रियल लगते हैं. कोई भी कैरेक्टर धकेला हुआ नहीं लगता.

फिल्म में फुटबॉल भी एक स्ट्रांग कैरेक्टर है, आपने फूटबाल को लेकर कितनी तैयारी की ?

जी हां, बिलकुल फिल्म में फुटबॉल एक स्ट्रांग कैरेक्टर है. फिल्म की कहानी में पांच लड़के दुनिया के झंझटों से दूर जाने के लिए मिलते हैं और फुटबॉल ही उनको दुनिया से दूर रखता है. वैसे आपको बता दूं कि मैंने बचपन से बहुत फुटबॉल खेली है. लेकिन इस फिल्म में कौन कितना अच्छा फुटबॉल खेलता है ये पॉइंट ये नहीं था क्योंकि कोई कॉम्पीटीशन नहीं होना था. हां ये देखना जरुरी था कि सभी एक्टर्स इकट्ठे फुटबॉल खेलते हुए कैसे लगते हैं. क्या केरेकेटर्स जैसे लिखे गए है वैसे दिख रहे हैं कि नहीं. हमने फिल्म के लिए लगबग एक महीने रोज सुबह फुटबॉल खेली है. लास्ट के एक हफ्ते तो हम जुहू बीच पर फुटबॉल खेलते थे. हमें मुंबई एफसी के कोच दिनेश नायर ने ट्रेनिंग दी.

फिल्म को लेकर कितने एक्साइटेड हैं ?

काफी एक्ससिटेड हूं, काफी एक्सपेक्टेशन हैं. फिल्म के लिए हमने काफी मेहनत की है. फिल्म फेस्टिवल्स, स्क्रीनिंग और ट्रेलर से काफी अच्छे रिस्पांस मिले हैं इसलिए अब उम्मीदें काफी बढ़ गई है. उम्मीद है की दर्शकों को भी ये फिल्म बेहद पसंद आएगी.

शाहना गोस्वामी के साथ आपकी केमिस्ट्री की काफी चर्चा हो रही है, उनके साथ काम करने का अनुभव कैसा रहा ?

शाहना के साथ काम करना बेहद आसान था. हम दोनों काफी इजी गोइंग हैं. दोनों ही काम पर पूरा फोकस रखते हैं और मजे भी काफी करते हैं. हसंते खेलते कब शूटिंग खत्म हो गई हमें पता नहीं चला.

पिछले दिनों आप फिल्म में शाहना के साथ आपके लव सीन को कम करवाने की वजह से न्यूज में थे, क्या कहना चाहेंगे ?

वो मेरा इंडिविजुअल डिसीजन नहीं था. सभी का म्यूच्यूअल डिसीजन था.हम सबने मिलकर फिल्म की बेहतरी और सर्टिफिकेशन के लिए ऐसा किया.

आपको लेकर तरह तरह रूमर्स सामने आते हैं, आप कैसे रियेक्ट करते हैं उनपर ?

(हंसते हुए) मैं कुछ नहीं सोचता, मैं सोशल मीडिया पर हूं नहीं..इसलिए मुझे कुछ पता भी नहीं चलता क्या हो रहा है क्या नहीं. इंडस्ट्री में आजकल एक अलग तरह का ट्रेंड चल रहा है जिसे मैं फॉलो नहीं करता..बाकी एक्टर्स के लिए सिर्फ एक्टिंग ही मेन काम नहीं है. लेकिन मैं सिर्फ अपने काम यानी एक्टिंग पर ध्यान देता हूं. ईमानदारी से कहूं, अगर आपका काम अच्छा होता है तो लोग बाकी सब चीजों पर बात करते हैं और भूल जाते हैं.

आपकी जबदस्त फैन फॉलोविंग है, लेकिन उनकी शिकायत है कि आप सोशल मीडिया पर एक्टिव नहीं हैं. ऐसा क्यों ?

ऐसा नहीं हैं कि मैं सोशल मीडियन पर नहीं हूं तो अपने फैंस से कनेक्ट नहीं करता हूं. मैं अपने फैंस से कनेक्ट करता हूं. लेकिन सोशल मीडिया के जरिये नहीं. मैं उनसे इवेंट्स पर और दूसरे प्लेटफार्म के जरिये वन तो वन में मिलने में यकीन रखता हूं. लेकिन सोशल मीडिया किसी से भी कनेक्ट होने का सही माध्यम नहीं है, ये एक व्यर्थ का माध्यम है. मैं अपने दोस्तों के साथ भी ऐसा ही हूं..मैं उन्हें मैसेज नहीं करता. मैं सीधे उनसे बात कर लेता हूं या उनसे मिलने चला जाता हूं. मेरे लिए अपने दोस्तों से बात करना,मिलना जरुरी है.

सेलेब्स ट्रोल्स का सबसे ज्यादा शिकार होते हैं, कहीं आप ट्रोल्स से डरकर इससे दूर तो नहीं रहते ?

(हंसते हुए) वो तो तब होता कि जब मैं सोशल मीडिया पर आता और मुझे ट्रोल कर दिया जाता. लेकिन मैं शुरू से ही सोशल मीडिया पर नहीं हूं. मुझे ये पसंद ही नहीं है. ये किसी के बारे में भी सही बातें जानने के लिए सही माध्यम नहीं है. मैं सिर्फ अपने काम पर फोकस करता हूं और अपने काम को सीरियसली लेता हूं. एक्टर्स को खुद को सीरियसली लेना चाहिए, ना कि सोशल मीडिया डमी बनकर रह जाना चाहिए.

आपके टीवी शो 'इस प्यार को क्या नाम दूं 3' की बात करें, तो ये शो ऑफ-एयर हो रहा है. शो क्यों नहीं चल पाया ?

ये एक फेयर डिसीजन है. शो कि टीआरपी नहीं आ रही थी. इसलिए चैनल इसे खींचते रहने के लिए बाध्य नहीं था. शो के असफल होने का सही कारण मैं नहीं बता सकता. क्योंकि एक एक्टर ब्रॉड स्टोरी को सुनकर शो के लिए हां करता है. लेकिन एपिसोड वाइज क्या स्टोरी चलनी है ये सब चैनल और क्रिएटिव लोगों पर निर्भर करता है. शो की कहानी से लेकर कास्टिंग तक में चैनल और शो के मेकर्स का ही फैसला होता है. इसलिए कहां चूक हुई कहा नहीं जा सकता.

शो के दौरान आपके और ऋतू शिवपुरी के बीच कोल्ड वॉर की खबरें आईं, आप इन खबरों को कैसे देखते हैं ?

पता नहीं कहां से आती हैं ये खबरें और इन्हें कौन फैलाता है? ऋतू मेरे पास आईं मुझे बताया कि हमारे बारे में ऐसा लिखा जा रहा है. मैंने उनसे कहां कि ऐसी बहुत सारी खबरें आती रहेंगी.आप बस इन्हें इग्नोर करते रहिये.ईमानदारी से मैं बताऊं तो मेरे पास ऐसी अफवाहों के लिए जरा भी वक्त नहीं है. मैं ऐसी खबरों पर बस स्माइल कर देता हूं.

शो में सनाया ईरानी को नहीं लेने पर दर्शकों ने खूब गुस्सा जाहिर किया, क्या शो के फेल होने के पीछे ये भी एक वजह थी ?

देखिये शो की कास्टिंग का फैसला मेरा नहीं था, ये डिसीजन चैनल और शो के मेकर्स का था. शो की कहानी पहले पार्ट से अलग थी इसलिए सनाया को कास्ट नहीं किया गया. शो के चलने ना चलने के पीछे कई सारी वजहें होती हैं. जिसके बारे में पता लगाना मुश्किल है.

आपने टीवी से काफी लम्बा ब्रेक ले लिया था, आपके फैंस इस वजह से आपसे खफा थे, क्या फिल्मों की वजह से टीवी से दूर रहे आप ?

मेरा ऐसा कोई प्लान नहीं था. मैं थोड़ा चूजी किस्म का हूं. एक वक्त पर मैंने काफी प्रोजेक्ट्स के ऑफर्स के लिए मना कर दिया था. फिर मैंने फिल्मों में जो किया वो वर्कआउट नहीं हुआ. लेकिन कभी कुछ प्लान करके नहीं किया जब जो समझ आया वो किया.

तो अब फिल्मों की वजह से टीवी से फिर दूर तो नहीं हो जाएंगे ?

मैंने कभी भी कोई चीज प्लान नहीं की है. मैंने कभी सोचा नहीं था कि मैं एक्टिंग करूंगा. थैंकफूली मेरे साथ अपने आप चीजें अच्छी हो जाती हैं. मुझे लगता है कि आप किसी चीज के लिए बहुत मेहनत करते हैं तो वो आपको मिल ही जाती है. मेरे पास बहुत अच्छे काम के ऑफर्स आ रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले वक्त में, मैं अपने दर्शकों को और अच्छे से एंटरटेन कर सकूंगा.

आपके टीवी का सेक्सिएस्ट स्टार कहां जाता है, आपकी जबरदस्त फैन फॉलोविंग है, कैसा लगता है ये सब ?

मैं इसे कॉम्पलिमेंट के तौर पर लेता हूं. हां,जिम्मेदारी के तौर पर नहीं लेता. जिस दिन जिम्मेदारी के तौर पर लेने लगूंगा उस दिन से मुझ पर प्रेशर आ जाएगा. उससे मैं अपने काम पर फोकस नहीं कर पाऊंगा. मुझे लगता है कि मुझे मेरे काम कि अच्छी समझ है और लोगों को वही पसंद है. तो दर्शकों को वही क्यों ना दिया जाए जो उन्हें पसंद है.

फैंस को अंत में फिल्म से जुड़ा कोई मैसेज देना चाहेंगे ?

फिल्म का टाइटल सांग ही एक मैसेज है. गाने में 'तू है मेरा संडे...क्यों ना मिलके हम कुछ ना करें' लाइन है. गाने के जरिये हम कहना चाहते हैं कि जिंदगी में संडे एन्जॉय करना चाहिए. यानी इस भागती दौड़ती जिंदगी में छोटी छोटी खुशियां एन्जॉय करना चाहिए जो हम भूल गए हैं.