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मेरी अगली फिल्म 'इरादा' में एक क्लास है: अरशद वारसी

अरशद वारसी से फर्स्टपोस्ट की संवादाता रुना आशीष ने उनकी अगली फिल्म 'इरादा' पर बातचीत की है.

Runa Ashish

अरशद वारसी सेट पर सिर्फ मस्ती करना जानते हैं. अपनी चोट की भी हंसी उड़ाते हुए अपनी अगली फिल्म 'इरादा' के लिए कहते हैं कहते हैं, 'मेरा इरादा तो नेक है लेकिन दांतो का सेट केवल एक है.'

अरशद वारसी से फर्स्टपोस्ट की संवादाता रुना आशीष ने उनकी अगली फिल्म 'इरादा' पर बातचीत की है. यह फिल्म 17 फरवरी को रिलीज हो रही है.


फ़र्स्टपोस्ट ने अरशद वारसी से पूछा कि अगली फिल्म 'इरादा' में उनका क्या करने का इरादा है?

इसके जबाब में उन्होंने कहा कि 'मैं एक बार फिर से अपने दर्शकों को तड़पाने पहुंच गया हूं.'

आपकी एक हिट फिल्म 'जॉली एलएलबी' का अगला पार्ट 'जॉली एलएलबी 2' में अक्षय कुमार ने काम किया है. क्या इसकी वजह से आप दोनों के बीच में कोई मनमुटाव तो नहीं है?

अरे मेरे और अक्षय के बीच कुछ भी नहीं है. हम लोगों की अच्छी दोस्ती है.

सब कुछ ठीक है मेरे और उसके बीच. मुझे पता नहीं कैसे ये सब गलत बातें खबरों में आ जाती हैं.

वैसे भी जब मैंने जॉली एलएलबी की शूटिंग खत्म की थी, उस समय से ही मुझे मालूम था कि इस फिल्म का दूसरा पार्ट बनने वाला है.

अक्षय का नाम भी इसमें सामने आया था. मुझे लगा कि वो इस रोल के लिए सबसे सही होंगे.

उनमें ऐसी ताकत है कि वे एक तरफ 'एयरलिफ्ट' जैसी बिल्कुल हिंसक ऐक्शन फिल्म में हीरो का रोल प्ले कर सकते हैं. वहीं दूसरी तरफ वे 'हेराफेरी' जैसी फिल्म भी कर सकते हैं.

उनके अभिनय में बहुत वैराइटी और रेंज है. वे ऐसे हीरो हैं जो कहीं

भी फिट हो सकते हैं. इस वजह से मुझे लगा कि वे जॉली के रोल में भी फिट हो जाएंगे.

तो आपको इसका बुरा नहीं लगा?

देखिए मैं झूठ नहीं बोलता और ना ही फिजूल की बातें करता हूं. हां यह सच है कि एक प्रोडक्शन हाउस के लिए सबसे अच्छी बात होगी. एक ऐक्टर के

तौर पर कोई बड़ी बात नहीं है.

हां मुझे धक्का तब लगता जब जिंदगी में मेरे पास जॉली के अलावा कोई पिक्चर ही नहीं होती या ऐसा लगता कि एक तो फिल्म मिली थी वो भी कोई और ले कर गया है.

देखिए अक्षय एक जाना-माना  ऐक्टर है और मेरे लिए सुभाष की बात आगे रखनी थी. मेरी इच्छा थी कि सुभाष बड़े स्तर की फिल्म बनाएं.

मेरे साथ अगर वो फिल्म करते तो उन्हें एक लिमिटेड बजट में पिक्चर बनानी पड़ेगी. जिस काम के लिए आपको पहले 15-20 करोड़ मिल रहे हों, फिर उसी काम के लिए अब आपको 50 करोड़ रुपए मिलें तो आप अपनी सोच को अच्छे से एक्जीक्यूट कर सकते हैं.

आपकी फिल्म इरादा के प्लॉट में बहुत सारी सीरियस बातें बताई जा रही हैं?

तस्वीर: बॉलीवुड हंगामा के फेसबुक वाल से (साभार)

यह एक सोशली रिलेवेंट है. इसकी पटकथा बहुत ही सीरियस और ग्रे है. अगर कोई इस फिल्म को देखे तो सोचे और महसूस करे.

यह फिल्म रिवर्स बोरिंग जैसे विषय के बारे में बताती है. यानी आप पहले अपने औद्योगिक कचरे को पानी और जल स्तोत्रों में बहा दो फिर वही पानी बोरिंग वॉटर के जरिए आपके घरों में पहुंचे. आप वही पानी कभी नहाने में तो कभी पीने में इस्तेमाल में लें.

भटिंडा और पंजाब के कई इलाकों में ऐसा हो रहा है. अगर यह कहानी अगर मुझे सुनाई गई होती तो मैं मना कर देता कि मत बनाओ ऐसी कहानी पर फिल्म. लोगों को लगेगा कि वह अस्पताल में पहुंच गए हैं.

लेकिन इसी कहानी को अच्छे से लिखा जाए तो कौन कहता है कि मनोरंजन के साथ-साथ अच्छा संदेश नहीं दिया जा सकता है.

राजू हिरानी ने इस फिल्म में ऐसा ही किया है. यह एक ईको थ्रिलर फिल्म है. फिल्म में डायलॉग्स पर ध्यान दिया गया है जो इन दिनों फिल्मों में कम नजर आता है.

फिल्म की निर्देशक अपर्णा बहुत अच्छी लेखिका भी हैं. शायरी के माध्यम से कई बातें कही गई हैं.

इसमें दो लोगों के ऐसे रिश्तों को दिखाया गया है जो अपनी जगह पर सही भी हैं और गलत भी हैं.

फिल्म में नसीर साहेब भी हैं. उनके साथ मैंने सीन कुछ ऐसे किए हैं, जिसमें हम लोग बड़ी देर तक लंबी बातें कर रहे हैं. फिल्म में एक क्लास है और आशा है कि लोग उस क्लास को समझेंगे.