बॉलीवुड के महानायक हमेशा अपने पिता हरिवंश राय बच्चन की कविताओं पर बातचीत करते रहते हैं. उनके विषय में कई बातें अपने ब्लॉग पर लिखते रहते हैं. एक बार फिर से उन्होंने अपने पिता के बारे में एक भावुक लेख लिखा है. जिसे लिखते हुए वो खुद भी भावुक हो गए.
मैं अपने पिता की नजरों से गिरना नहीं चाहता
अमिताभ बच्चन ने अपने पिता की कविताओं की तारीफ करते हुए कहा कि, ‘कविता से हम कवि की मानसिकता को समझने की कोशिश करते हैं. उसकी नसें, रगें और सांसों तक को महसूस करने की कोशिश करते हैं. ये आसान काम नहीं होता. पापा की गैरमौजूदगी में मेरी ये जिम्मेदारी है कि मैं उनका संरक्षण करूं और उनके साथ पूरा इंसाफ करूं. अगर मैं ऐसा नहीं करता हूं तो मैं एक छोटे बेटे के रूप में नाकामयाब होऊंगा जो मैं नहीं चाहता. मैं उनकी नजरों से गिरना नहीं चाहता. मैं कभी भी इसे पूरी तरह से नहीं कर सकता लेकिन मैं इस सिलसिले में अगर एक छोटा प्रयास भी करता हूं तो ये बड़ी बात होगी.’
एक साल में ही लोग मुझे भूल जाएंगे
अमिताभ ने आगे लिखते हुआ कहा कि, ‘मुझे लोग साल भर में ही भूल जाएंगे. मगर डॉ. हरिवंश राय बच्चन को लोग आने वाले 1000 साल या अनंत काल तक याद रखेंगे.’