शशि कपूर की प्रतिभा का अंदाज़ा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वो हिंदुस्तान के ऐसे पहले सितारे थे जिन्होंने बॉलीवुड से हॉलीवुड का सफर तय किया था.
वो सही मायनों में देश के पहले इंटरनेशनल स्टार थे. अगर मशहूर फ़िल्मकार मर्चेंट आइवरी, स्टीफन फ्रीयर्स और निकोलस मेयर ने उन्हें अपनी हॉलीवुड फिल्मों के लिए चुना था तो ये उनके बारे में बहुत कुछ कहता है.
हॉलीवुड में जो भी फिल्में उन्होंने की थीं वो सभी फिल्में ऐसी थी जिसमें उनकी उस प्रतिभा को भुनाया गया था जिसे भुनाने की जहमत बॉलीवुड ने कभी नहीं उठाई थी और हमेशा एक चॉकलेटी ब्वॉय वाले इमेज में कैद करके रखा था.
हॉलीवुड से उनका तार्रुफ़ कराने वाले थे फ़िल्मकार इस्माइल मर्चेंट जिनके साथ उनकी अटूट दोस्ती थी और इस्माइल मर्चेंट ने उनको अपनी अंग्रेजी फिल्म के लिए तब साइन किया था जब उनकी पहली हिंदी 'चार दीवारी' फिल्म रिलीज़ भी नहीं हुई थी.
ये बात बहुत काम लोगों को पता है कि शशि कपूर की हॉलीवुड की पारी उनकी पहली हिंदी फिल्म की रिलीज के पहले ही शुरू हो गई थी. 1961 में जब शशि कपूर की मुलाकात इस्माइल मर्चेंट और जेम्स आइवरी से हुई थी तब वो भी फिल्मों में अपनी शुरुआत का सपना संजोये हुए थे. इस्माइल मर्चेंट और जेम्स आइवरी उन्हीं दिनों लेखिका रुथ प्रवर झबवाला की किताब 'द हाउसहोल्डर' पर अपनी पहली फिल्म आधारित करना चाहते थे.
मधु जैन की किताब "कपूर्स - द फर्स्ट फैमिली ऑफ़ इंडियन सिनेमा" में उन्होंने मर्चेंट और शशि कपूर की पहली मुलाकात का जिक्र किया है. बेट्टी उनकी ऑस्ट्रेलिया की मित्र थीं जो हिंदुस्तान में उस वक़्त एक एडवरटाइजिंग फर्म में काम किया करती थीं. उन्हीं से मर्चेंट को शशि कपूर के बारे में सबसे पहले सुनने का मौका मिला था.
उसी दरम्यान उनकी पहली फिल्म 'चार दीवारी' रिलीज़ की कगार पर थी. जब मर्चेंट शशि कपूर से मिलने उनके घर पहुंचे तो उस वक़्त उनके घर में पत्रकारों के साथ एक पार्टी चल रही थी जहां सभी शराब के नशे में मस्त थे. घर में घुसते ही शशि कपूर ने उनका स्वागत नींबू-पानी से किया और उसके बाद इस्माइल मर्चेंट ने उनको अपनी फिल्म के लिए साइन करने की इच्छा जाहिर की और ये भी कहा कि फिल्म की स्क्रिप्ट उन्हें कुछ दिनों में मिल जाएगी.
स्क्रिप्ट मिलने के बाद उसे सबसे पहले शशि कपूर की पत्नी जेनिफर केंडल ने पढ़ा जो उन्हें बेहद पसंद आई. और इस तरह से एक सफल दोस्ती के सफर की शुरुआत हुई जिसमें छह फिल्में शामिल होने के अलावा शशि कपूर को इस्माइल मर्चेंट और जेम्स आइवरी ने हॉलीवुड में उनके सफर का रास्ता भी बनाया.
लेकिन ये भी सच है कि 'द हाउसहोल्डर' पहली फिल्म नहीं थी जिसके बारे में मर्चेंट-आइवरी की जोड़ी ने उनके बारे में सोचा था. उसके भी पहले जेम्स आइवरी एक दूसरी फिल्म बनाना चाहते थे जिसके लिए वो शशि कपूर, दुर्गा खोटे और लीला नायडू को लेने के आतुर थे.
फिल्म की कहानी एक अमेरिकन एंथ्रोपोलॉजिस्ट के बारे में थी जो हिंदुस्तान आकर अपना शोध करता है. इस बाबत जेम्स आइवरी दिल्ली की एक पार्टी में शशि कपूर और जेनिफर केंडल से मिल चुके थे. उस पार्टी के बारे में जेम्स आइवरी ने मधु जैन की किताब में बताया है जब वो पहली बार शशि कपूर से मिले थे.
लेकिन कुछ कारणों से जब ये फिल्म अटक गई तब उन्होंने 'द हाउसहोल्डर' बनाने की सोची जिसमें उन्होंने फिल्म के उन्हीं कलाकारों को लेने का निर्णय लिया जिनसे जेम्स आइवरी की पहले बात हुई थी. 'द हाउसहोल्डर' शशि कपूर के करियर की पहली अंग्रेजी भाषा की फिल्म थी और ये सब कुछ उनकी पहली हिंदी फिल्म के रिलीज़ के पहले हुआ था.
शूटिंग के पहले जब झबवाला के दिल्ली के सिविल लाइन्स स्थित घर में फिल्म की पूरी कास्ट पहुंची तो कुछ पलों के लिए झबवाला दंग रह गई थीं कि इतना हसीन इंसान एक स्कूल टीचर का रोल कैसे कर सकता है. कुछ पल के लिए जेम्स आइवरी भी सोचने पर मजबूर हो गए थे कि इस्माइल मर्चेंट ने फिल्म की कास्टिंग में कही ग़लती तो नहीं कर दी है.
फिल्म को डिस्ट्रीब्यूट किया अमेरिका की मशहूर प्रोडक्शन कंपनी कोलंबिया ने और जब इसकी पहली स्क्रीनिंग न्यू यॉर्क के गिल्ड थिएटर में हुई थी तब उस ज़माने के मशहूर समीक्षक क्रौथर ने फिल्म को देखने के बाद उसके बारे में कुछ अच्छे शब्द नहीं लिखे थे. लेकिन हार नहीं मानने वाले इस्माइल मर्चेंट फिल्म के फ़्लॉप होने के ग़म में डूबे नहीं और कुछ समय के बाद एक और फिल्म बनाने में जुट गए.
इस बार भी टीम वही थी - इस्माइल मर्चेंट, जेम्स आइवरी और रुथ प्रभार झबवाला. नायक के लिए उन्होंने एक बार फिर से शशि कपूर को ही चुना. मशहूर फ़िल्मकार सत्यजीत रे फिल्म को देख कर इतने खुश हुए कि उन्होंने फिल्म में अपनी ही एक पुरानी फिल्म का संगीत देने की हामी भर दी. इस फिल्म के लिए मानिक दा ने अपने सबसे पसंदीदा कैमरा मैन सुब्रत मित्रा को भी फिल्म शूट करने के लिए मर्चेंट-आइवरी के हवाले कर दिया था.
लेकिन इन सबके बावजूद शशि कपूर की दूसरी हॉलीवुड की कोशिश 'बॉम्बे टॉकीज' भी बॉक्स ऑफ़िस पर कामयाब नहीं हो सकी. इस फिल्म से दो ख़ास बातें हुईं. पहली ये कि शशि कपूर की अमिताभ बच्चन से पहली मुलाकात इसी फिल्म की शूटिंग के दौरान हुई जब वो फिल्म में एक एक्स्ट्रा की भूमिका निभा रहे थे और दूसरी बात ये थी कि इस फिल्म के निर्माण में शशि ने खुद के पैसे भी डाले थे यानि निर्माता का लबादा उन्होंने इसी फिल्म से ओढ़ा था. यानि कि एक तरह से उनके मशहूर प्रोडक्शन हाउस फिल्मवाला का निर्माण भी बॉम्बे टॉकीज के दैरान ही हुआ था.