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वर्ल्ड वॉटर डे: अगले कुछ सालों में गहराने वाली है साफ जल की समस्या

विश्व जल दिवस-2017 को 'वेस्ट वॉटर' यानी दूषित जल थीम दिया गया है.

Tulika Kushwaha

1993 में यूनाइटेड नेशंस जनरल असेंबली ने मार्च की 22 तारीख को विश्व जल दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया था. यूएन ने हर साल मनाए जाने वाले इस दिन को एक अलग-अलग थीम भी दी.

इस बार का थीम है ‘वेस्टवॉटर’ यानी दूषित जल. चूंकि पीने के पानी की कमी की समस्या पूरी दुनिया कुछ बड़ी समस्याओं में से एक हैं, ऐसे में दूषित जल इस समस्या को और गंभीर बनाता है. घरों और इंडस्ट्रियल क्षेत्रों से निकलने वाले गंदे पानी का कोई निस्तारण नहीं होता और अब ये आशंका भी जताई जा रही है कि ये गंदा पानी साफ जल के स्रोतों को भी प्रभावित कर रहा है.


इंडियन एक्सप्रेस ने एक रिपोर्ट में जानकारी दी है, ‘भारत में करीब 59% लोगों ने दूषित जल को लेकर अपनी चिंता जताई है. उन्हें डर है कि अगर इसी तरह इंडस्ट्रियों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थों पर ध्यान नहीं दिया गया तो अगले 5-10 सालों में साफ पानी की समस्या और गहरा सकती है.’

इस रिपोर्ट में बताया गया है कि साफ पानी की उपलब्धता की समस्याओं से जूझ रहे देशों में भारत तीसरे नंबर पर है. पहले नंबर पर मेक्सिको और दूसरे पर कोलंबिया का स्थान है.

हालांकि, यूएन ने कहा है कि वेस्ट वॉटर की समस्या को शोधन और पुनर्चक्रण की प्रक्रिया की सहायता से दुबारा इस्तेमाल के लायक बनाया जा सकता है. इससे साफ पानी की कमी और पर्यावरण संतुलन के दिशा में भी सहायता मिलेगी.

वर्ल्ड वॉटर डे के मौके पर द गार्जियन की एक रिपोर्ट में कहा गया कि यूएन ने चेतावनी दी है कि क्लाइमेट चेंज की वजह से साल 2040 तक हर चार में से एक बच्चा पीने के पानी की समस्या से जूझ रहा होगा. खासकर गरीब इस समस्या से ज्यादा पीड़ित होंगे.

अभी पिछले दिनों से हफिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट में डॉक्टरों ने भी क्लाइमेट चेंज को लेकर चिंता जाहिर की थी. उन्होंने कहा था कि क्लाइमेट चेंज कई नए तरह के रोगों को जन्म दे रहा है.

एनडीटीवी ने वाइल्ड वॉटर के हवाले से कहा है कि भारत में करीब 63 मिलियन लोग साफ पानी की कमी से जूझ रहे हैं. ये आबादी लगभग पूरे यूनाइटेड किंगडम के बराबर है.

लॉस एंजिलिस टाइम्स ने अपनी एक रिपोर्ट में आंकड़े दिए हैं. इस रिपोर्ट में वर्ल्ड वॉटर काउंसिल का उल्लेख करते हुए बताया गया है कि सोमालिया, साउथ सूडान, नाइजीरिया और यमन में लगभग 27 मिलियन लोगों की साफ पानी तक कोई पहुंच नहीं है. पूरी दुनिया की लगभग 12% आबादी साफ पानी की कमी की समस्या से जूझ रही है. साथ ही पानी की समस्याओं से जुड़े बीमारी से होनी मृत्यु दर हर साल बढ़ रही है. हर साल पूरे विश्व में लगभग 3.5 मिलियन लोगों को इन बीमारियों से मौत हो जाती है.

उम्मीद है कि 'वर्ल्ड वॉटर डे-2017' के थीम 'वेस्ट वॉटर' पर यूएन के दूषित जल के रिसाइक्लिंग की सलाह पर जरूरी कदम उठाए जाएंगे, इसके पहले कि समय हाथ से निकल जाए.