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महिला दिवस स्पेशल: प्रियंका की ये तस्वीरें आपको 'शर्मसार' कर देंगी!

जींस के ऊपर टॉप छोटा हो तो दिक्कत है लेकिन 10 इंच का ब्लॉउज हमारी संस्कृति है.

Ankita Virmani

क्या हमेशा एक लड़की के पहनावे से उसके बारे में राय बना लेना जरूरी है?

शहर छोटा हो या बड़ा, हर जगह की एक ही कहानी है. हर जगह लोगों की नजर लड़कियों के काम पर नहीं कपड़ों पर होती है. और सबसे मजे की बात यह कि जरूरी नहीं आपको टकटकी लगा के देखने वाला कोई लड़का या आदमी हो, वो कोई औरत या लड़की भी हो सकती है.


जींस के ऊपर टॉप छोटा हो तो दिक्कत है पर सिर्फ 10 इंच का ब्लॉउज हमारी संस्कृति है.

घटियापन से सराबोर लड़के और आदमी कहीं भी, कभी भी, किसी भी लड़की का नजरों से रेप कर देने के लिए मौजूद होते हैं.आपको अगर ये बात बकवास लगती है तो इसका पक्का सबूत इन तस्वीरों में है, जिन्हें जमा किया है बैंगलोर में 19 साल की लड़की प्रियंका शाह ने.

प्रियंका शाह फोटोग्राफर हैं. प्रियंका बताती हैं कि आम तौर पर लोग नहीं मानते है कि लड़कियों को हमेशा घूरा जाता है.

वो कहती हैं, ‘आप कहीं भी रहें, हम लड़कियों के कपड़े हमेशा ही बहुत मायने रखते है. हम शॉर्ट्स पहनें या ऊपर से नीचे तक खुद को ढक लें, हम छेद देने वाली नजरों से नहीं बच सकते.’

प्रियंका ने इस फोटो शूट के लिए अपनी दोस्त ऐश्वर्या सुरेश से पूछा कि कौन से कपड़े उसके लिए सबसे ज्यादा आरामदायक है. वो बोली ‘ढीले टीशर्ट और शॉर्टस्.’ तभी उन्होंने तय किया कि ऐश्वर्या इन कपड़ों में मार्केट, पार्क और सड़कों पर जाएंगी और प्रियंका लोगों के रिएक्शन को कैमरे में कैद करेंगी.

इस शूट के दौरान उन पर कई लोगों ने गंदे कमेंट किए. कई लोग बार-बार लौट कर सिर्फ उन्हें घूरने और उनके साथ सेल्फी लेने तक आए. प्रियंका और ऐश्वर्या ने दिलेरी दिखाई लेकिन भीतर से दोनों डरी हुईं थीं और इसके पहले उन्होंने इस तरह का कुछ नहीं किया था.

समाजवादी पार्टी के नेता अबू आजमी ने अभी हाल ही में कहा था कि ‘चीनी बाहर होगी तो चींटीं तो लगेगी ही.’ चीनी उनके अनुसार लडकियां हैं और चींटीं तो लड़के हैं ही.

प्रियंका की तस्वीरों को देख कर गारंटी है कि अगर उन्होंने आसाराम बापू का बताया हुआ नुस्खा अपनाया होता तो भी चींटियां उनका पीछा नहीं छोड़तीं.

आसाराम बापू ने लड़कियों को सुझाया था कि ‘बलात्कारियों से भैया कहकर विनती करो तो उनका ह्रदय परिवर्तन हो जाएगा’.

प्रियंका कहती हैं, ‘मैं इन तस्वीरों से लोगों को समझाना चाहती हूं कि किसी को घृणा और नफरत की नजर से देखना और किसी को आश्चर्य की नजर से देखने में बहुत फर्क है.’

इस फोटो शूट के जरिए प्रियंका केवल इतना बताना चाहती थीं कि जब तक लड़की अपने कपड़ों में खुश है, किसी को इस बात से मतलब नहीं होना चाहिए कि उसने क्या पहना है?

प्रियंका ने बताया कि उन्होंने पूरे शूट के दौरान खुद को कभी पेड़ के पीछे तो कभी झाड़ियों के पीछे छिपाकर रखा ताकि उन्हें लोगों के चेहरों के असली भाव मिल सकें.