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बच्चों को पढ़ाएं रामायण-महाभारत: शशि थरूर

शशि थरूर ने कहा कि बच्चों को भारतीय संस्कृति और साहित्य की शिक्षा भी देनी चाहिए.

FP Staff

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा है कि बच्चों को ब्रिटिश काल से चली आ रही शिक्षा की बजाय भारतीय संस्कृति और साहित्य की शिक्षा भी देनी चाहिए.

रविवार को जेएलएफ में चर्चा करते हुए थरूर ने कहा कि बच्चों को रामायण और महाभारत जैसे ग्रन्थ पढ़ाए जाने चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जब भारत के पास कालीदास मौजूद हैं तो शेक्सपीयर को फॉलो क्यों किया जाए.


यहां फ्रंट लॉन में रिमेम्बरिंग द राज शीर्षक से आयोजित सेशन में शशि थरूर और जॉन विल्सन के साथ माइकल डायर ने संवाद किया. सेशन में भारत में ब्रिटिश शासन पर चर्चा की गई. थरूर ने कहा कि ब्रिटिशर्स ने अपने फायदे के लिए भारत का उपयोग किया और ब्रिटिशर्स का ध्यान सोसायटी को सिविलाइज करने की बजाय मनी मेकिंग पर ही ज्यादा रहा.

उन्होंने कहा कि ब्रिटिशर्स ने गरीबी और भुखमरी दूर करने के लिए कुछ नहीं किया और ब्रिटिश शासन की गलत नीतियों की वजह से हजारों लोगों की मौत हुई. उन्होंने ब्रिटिश शासन में जातिभेद, नौकरी में भेदभाव आदि की भी बात कही. हालांकि उन्होंने ब्रिटिश राज में सिविलाइजेशन और इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट की बात स्वीकारी.

वहीं सेशन में थरूर ने वर्तमान भाजपा सरकार पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि वर्तमान मोदी सरकार गांधी के योगदान को भुलाना चाहती है और गांधी अब केवल एक सिम्बल बन गए हैं. थरूर ने कहा कि साक्षी महाराज नाथूराम गोडसे की प्रतिमा लगाने की बात कहते हैं.

(प्रदेश 18 से साभार)