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गणेश चतुर्थी 2017: जानिए क्या है पूजा का शुभ मुहूर्त, क्या महासंयोग बन रहे हैं इस साल

इस वर्ष के गणेशोत्सव की दूसरी विशेष बात यह कि इस बार यह त्यौहार 10 दिनों के बजाय 11 दिनों तक मनाया जाएगा

Shyamnandan Kumar

ऋद्धि और सिद्धि के स्वामी श्री गणेश का जन्मोत्सव 'गणेश चतुर्थी' वर्ष 2017 में 25 अगस्त को मनाई जाएगी. विघ्नहर्ता सुखकर्ता विनायक इस साल अनेकानेक अमंगल को मंगल में बदलने का योग लेकर उपस्थित हो रहे हैं. लेकिन आइए सबसे पहले जानते हैं, इस वर्ष गणेश चतुर्थी की पूजा और अन्य अनुष्ठान के लिए शुभ समय और मुहूर्त क्या है?

जानिए क्या है गणेश-पूजन की अवधि


वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल गणपति पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 11:06 बजे से आरम्भ हो कर दोपहर बाद 01:39 बजे तक है. पौराणिक प्रमाणों के अनुसार, गजानन श्री गणेश का जन्म दिन के मध्याह्न में हुआ था. लिहाजा श्री गणेश पूजन की यह उपरोक्त अवधि, जो कि लगभग 2 घंटे 33 मिनट की है, हर प्रकार से उत्तम है.

भाद्रपद की चतुर्थी को हुआ था श्री गणेश का आविर्भाव

हिंदू पंचाग के अनुसार गणेश चतुर्थी त्यौहार भाद्रपद मास में शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को मनाया जाता है. इसी तिथि को मध्याह्न में शक्ति-स्वरूपा देवी पार्वती ने दिव्य-स्नान के समय अपनी त्वचा के मैल से एक बालक का स्वरूप गढ़ा और उसमें प्राण आरोपित कर अपने महल की पहरेदारी में नियुक्त कर दिया. बालक की निष्ठा, सजगता और तत्परता इतनी प्रबल थी कि देवाधिदेव शिव भी उसका उल्लंघन नहीं कर पाए और फिर जो हुआ वह तो जग-विदित है.

चतुर्थी तिथि का आरम्भ और समापन समय

हिन्दू पंचांग के अनुसार, चतुर्थी तिथि 24 अगस्त 2017 को शाम में 08:27 बजे से आरम्भ होगी. इस तिथि की समाप्ति 25 अगस्त को शाम में 08:31 बजे होगी. लेकिन 08:31 बजे के बाद भी चन्द्रमा उदित रहेंगे, जो शाम में 09:20 बजे अस्त होंगे. इसलिए जिन श्रद्धालुओं की चंद्र-दर्शन निषेध में आस्था है, उन्हें 09:20 बजे तक चंद्रमा को देखने से बचना चाहिए.

गजकेसरी योग में विराजेंगे श्री गणेश

इस साल भगवान श्री गणेश गजकेसरी योग में विराजेंगे, जो छात्रों, बुद्धिजीवियों के साथ-साथ राजनीतिज्ञों के लिए बहुत कल्याणकारी सिद्ध होगा. यह योग कई शुभ संयोग लेकर आ रहा है. सबसे महत्वपूर्ण संयोग तो यह है कि इस दिन से कर्मधिपति शनिदेव की चाल सीधी हो जाएगी. फलतः सभी राशियों पर शनिदेव के प्रकोप का असर धीरे-धीर समाप्त होने लगेगा और जातकों के बिगड़े काम बनने लगेंगे.

11 दिनों तक मनाया जाएगी गणेश चतुर्थी

इस वर्ष के गणेशोत्सव की दूसरी विशेष बात यह कि इस बार यह त्यौहार 10 दिनों के बजाय 11 दिनों तक मनाया जाएगा. यानी मोदकप्रिय गणेश अपने भक्तों के घरों में 11 दिनों तक मेहमान बनकर विराजेंगे और अपनी कृपादृष्टि बनाए रखेंगे. यह परिघटना हिन्दू पंचांग के अनुसार, दशमी तिथि में तिथि-वृद्धि के कारण संभव हुआ है. इस तिथि को एक दिन बढ़ जाने से श्री गणेश का जलविहार अब 12वें दिन यानी 5 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के दिन होगा.