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छेड़छाड़ के विरोध का हथियार बनी सेल्फी, मिसाल है ये लड़की

नोवा ने कहा कि वो बस एक मैसेज देना चाहती हैं कि औरतों को सेक्स ऑब्जेक्ट समझना एक ग्लोबल समस्या है.

FP Staff

भारत में हर मिनट यौन शोषण की घटनाएं होती हैं. लेकिन यही हालत बाकी दुनिया का भी है. दुनिया के हर कोने में महिलाओं को छेड़छाड़ की घटना का सामना करना पड़ता है. लेकिन अच्छी बात ये है कि लड़कियों ने इन घटनाओं का जमकर विरोध करना शुरू कर दिया है. भले ही तरीके अलग-अलग हों.

एम्सटर्डम की 20 साल की नोवा जैन्समा ने इस घटना का विरोध करने का अनोखा तरीका निकाला है. नोवा ने इंस्टाग्राम पर #DearCatCallers नाम से एक अकाउंट बना रखा है, जहां वो खुद पर कमेंट करने वालों, छेड़छाड़ करने वालों के साथ सेल्फी लेकर डालती हैं. फोटो के साथ ही वो खुद पर किए कमेंट भी लिखती हैं.


नोवा अपने इस पहल से औरतों को सेक्स ऑब्जेक्ट समझने वाली प्रवृत्ति के खिलाफ जागरूकता बढ़ा रही हैं.

कमेंट करने वालों के साथ सेल्फी

नोवा ने लगभग 1 महीने तक ये प्रोजेक्ट चलाया और सार्वजनिक जगहों पर खुद पर कमेंट करने वालों, सीटी बजाने वालों और अश्लील हरकतें करने वाले आदमियों के साथ उन्होंने सेल्फी लेकर उन्हें इस अकाउंट पर पोस्ट किया.

नोवा ने लिखा, 'अकसर कई लोगों को पता ही नहीं होता कि ऐसी छेड़छाड़ की घटनाएं कहां और कैसे हो जाती हैं, इसलिए मेरे साथ ऐसी हरकतें करने वालों को मैं एक महीने तक आपके सामने लाऊंगी.'

लेकिन आखिर टिप्पणी करने वालों के साथ सेल्फी लेने से कैसा मैसेज मिल रहा है? नोवा ने लिखा, 'इस प्रोजेक्ट का मकसद कमेंट करने वाले और कमेंट झेलने वाले को एक ही फ्रेम में एक ही कंपोजिशन में रखने का है. मैं ऑब्जेक्ट हूं और मेरा इन लोगों के सामने खड़ा होना रिवर्स पॉवर रेशियो को दिखाता है.'

'क्या आदमियों को ऐसा करना सामान्य लगता है?'

लेकिन हैरानी तब होती है, जब आप नोवा की ली गई तस्वीरें देखते हैं. इन तस्वीरों में लगभग हर शख्स मुस्करा रहा है और खुशी-खुशी सेल्फी खिंचा रहा है. नोवा ने मिरर को बताया कि एक महीने लंबे प्रोजेक्ट के दौरान उन्होंने जितने भी आदमियों की फोटो ली, उनमें से महज एक ने इस पर आपत्ति जताई. नोवा ने कहा कि उन्हें जरा भी शक नहीं हुआ, न ही उन्होंने कोई पछतावा जताया, जैसे कि वो जो कुछ भी कर रहे हैं, वो सामान्य है.

नोवा ने न्यूयॉर्क पोस्ट से बातचीत में बताया कि कुछ आदमियों ने तो उनका काफी देर तक पीछा भी किया और कुछ ने अपनी कार में बैठने को भी बोला. लेकिन नोवा ने कहा कि मैं इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहती थी क्योंकि मुझे ये बहुत अजीब लगता कि ये लोग बिना नतीजों की परवाह किए कुछ भी कहकर निकल जाते.

औरतें सेक्स ऑब्जेक्ट नहीं हैं

हालांकि, नोवा ने ये भी कहा कि वो इन लोगों को शर्मिंदा नहीं करना चाहती हैं, वो बस एक मैसेज देना चाहती हैं कि औरतों के साथ छोटे-छोटे रूपों में भी छेड़छाड़ की घटनाएं होती रहती हैं. उन्हें सेक्स ऑब्जेक्ट समझा जाता है. ये एक ग्लोबल समस्या है.

नोवा ने कहा कि वो इन व्यक्तियों की जिंदगी बर्बाद नहीं करना चाहती हैं, इसलिए अगर इन लोगों को आपत्ति होगी तो वो ये फोटो हटा लेंगी.

नोवा का ये प्रोजेक्ट खत्म हो चुका है लेकिन वो चाहती हैं कि दूसरी महिलाएं भी ऐसे कदम उठाएं और इस दिशा में जागरूकता फैलाएं.