एचडीएफसी बैंक के बाद अब एक और प्राइवेट सेक्टर बैंक यस बैंक ने 2500 कर्मचारियों की छंटनी कर दी है. बैंक का कहना है कि डिजिटाइजेशन के चलते सिस्टम में अब ज्यादा लोगों की जरूरत नहीं बची है. इसके अलावा कुछ लोगों की परफॉर्मेंस बेहद खराब रही है. यस बैंक में कुल 21 हजार लोग काम करते हैं. इससे पहले HDFC बैंक ने मार्च 2017 तक की तीन तिमाहियों में करीब 11,000 लोगों की छंटनी की थी.
प्रॉडक्टिविटी और एफिशंसी के आधार पर लिया फैसला
- यस बैंक की ओर से बिजनेस न्यूजपेपर को दिए एक ईमेल के जवाब में बताया है कि बैंक के रेग्युलर कैपिटल मैनेजमेंट प्रैक्टिस के तहत हम ज्यादा से ज्यादा प्रोडक्टिविटी और एफिशंसी तय करते हैं.
- इस आधार पर बैंक समय-समय पर परफॉर्मेंस को देखकर कुछ फैसले करता है. इसमें ये भी कहा गया है कि, 'नॉर्मल अप्रेजल के तहत हम हर साल सबसे खराब परफॉर्म करने वाले एंप्लॉयीज की पहचान करते हैं.'
- हमने जो कदम उठाया है, ये दूसरे प्राइवेट सेक्टर बैंकों की तरह ही है.
- यस बैंक ने बताया कि उसका अट्रिशन रेट बैंकिंग इंडस्ट्री के औसत के बराबर है.
- भारतीय बैंकिंग उद्योग में सालाना अट्रिशन रेट (नौकरी छोड़ने की दर) 16-22 फीसदी.
(साभार न्यूज 18)