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सौर ऊर्जा विवाद: भारत के खिलाफ WTO में आवाज उठाएगा अमेरिका

अमेरिका का आरोप है कि भारत सौर ऊर्जा पर विश्व व्यापार संगठन के फैसले का पालन करने में विफल रहा है

FP Staff

भारत सौर ऊर्जा पर विश्व व्यापार संगठन के फैसले का पालन करने में विफल रहा है. अमेरिका यह बात अगले महीने विश्व व्यापार संगठन के DSB में यह बात कह सकता है. बुधवार को जारी हुए एजेंडे के मुताबिक मुकद्दमेबाजी का नया दौर शुरू होने जा रहा है.

नवीकरणीय ऊर्जा व्यापार संघर्ष का एक गर्म क्षेत्र बन गया है क्योंकि प्रमुख अर्थव्यवस्थाएं एक ऐसे क्षेत्र पर हावी होने के लिए आमने सामने होती हैं.


न्यूज़18 के मुताबिक पुरानी ऊर्जा की कमी के चलते एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में बिना प्रदूषण के बिजली उत्पन्न करने की मांग के कारण भारत ने 2011 में अपने राष्ट्रीय सौर कार्यक्रम का अनावरण किया था.

अमेरिका ने 2013 में इस मामले में विश्व व्यापार संगठन में शिकायत भी की थी. इसमें अमेरिका ने कहा था कि यह प्रोग्राम भेदभावपूर्ण तरीके से अपनाया गया है और इससे अमेरिका द्वारा भारत को किया जाने वाला सोलर एक्सपोर्ट 90 फीसदी तक घट गया है.

इस मामले में अमेरिका ने पिछले साल केस जीत लिया था. WTO ने जजों से कहा था कि भारत ने स्वदेशी सेल्स और मॉड्यूल्स इस्तेमाल कर ट्रेड रूल्स तोड़े हैं.

ऐसी 'स्थानीय सामग्री' आवश्यकताओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है क्योंकि वे घरेलू कंपनियों के पक्ष में और विदेशी प्रतियोगियों के खिलाफ भेदभाव करते हैं.

संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ एक समझौते के तहत, भारत ने 14 दिसंबर तक इस फैसले का पालन किया था और उसने पिछले हफ्ते डीएसबी को बताया कि भारत ने ऐसा किया है.