पीडब्लयूसी की एक रिपोर्ट की मानें तो इंडियन एप्लाएंसेज एंड कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स (एसीई) इंडस्ट्री में इतनी क्षमता है कि वह डेढ़ से दोगुना ज्यादा रोजगार के मौके पैदा कर सकती है. पीडब्लयूसी का कहना है कि अगर इस इंडस्ट्री को आरएंडडी में सपोर्ट और बेहतर रेगुलेशन दी जाए तो यह मुमकिन है.
बजट की तमाम खबरों के लिए यहां क्लिक करें
एसीई इंडस्ट्री की टॉप कंपनियों को उम्मीद है कि 1 फरवरी को बजट में अरुण जेटली डोमेस्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए कई ऐलान कर सकते हैं. इनमें टैक्स घटाने जैसे उपाय शामिल हैं.
एसीई इंडस्ट्री के करीब 25 फीसदी उत्पाद अभी इंडिया के बाहर बन रहे हैं. मोदी सरकार मेक इन इंडिया के तहत इन कंपनियों को देश आने के लिए प्रोत्साहित कर सकती है.
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले यह एनडीए सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. ऐसे में अगर एप्लाएंसेज और कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स को टैक्स के मोर्चे पर राहत दी जाती है तो डिमांड बढ़ सकता है. गोदरेज एप्लाएंसेज, पैनासोनिक, फिलिप्स लाइटिंग एवं इंटेक्स जैसी कंपनियों की एसीई में बड़ी हिस्सेदारी है.
सरकार के पास यह मौका है कि वह कंज्यूमर एप्लाएंसेज को सस्ता करके उनलोगों को लुभा सके जो कम आमदनी के कारण ये उत्पाद नहीं पा रहे हैं. कम बिजली खाने वाले प्रोडक्ट्स पर फोकस से भी इस इंडस्ट्री को फायदा होगा.